Uttarakhand: पंचायत का कार्यकाल नहीं बढ़ेगा, दिसंबर में चुनाव की तैयारी

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Uttarakhand: उत्तराखंड में पंचायत प्रतिनिधि 15 जुलाई से तीन-स्तरीय पंचायतों के कार्यकाल को दो साल बढ़ाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच, सरकार ने स्पष्ट किया है कि पंचायतों का कार्यकाल नहीं बढ़ेगा क्योंकि पंचायत अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।

पंचायतों का कार्यकाल और आगामी चुनाव

पंचायतों का पांच साल का कार्यकाल नवंबर में समाप्त हो रहा है। इसके बाद, दिसंबर में 7,795 ग्राम पंचायतों और 400 जिला पंचायत सदस्यों समेत क्षेत्र पंचायत और वार्ड सदस्यों के पदों के लिए चुनाव होंगे। उत्तराखंड त्रि-स्तरीय पंचायत संगठन के पंचायत प्रतिनिधियों ने मंगलवार को पंचायतों के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग को लेकर राज्य भर में 89 ब्लॉक कार्यालयों को ताला लगाकर प्रदर्शन किया।

पूर्व में कार्यकाल बढ़ाने का प्रावधान

संगठन का कहना है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो पंचायत प्रतिनिधि 3 अगस्त को मुख्यमंत्री निवास की ओर मार्च करेंगे। संगठन के राज्य संयोजक जगत सिंह मार्टोलिया का कहना है कि कोविड-19 के दौरान 2020-21 में तीन-स्तरीय पंचायतों की बैठकें नहीं हो सकीं, जिससे गांव, क्षेत्र और जिला पंचायत क्षेत्रों में विकास कार्य प्रभावित हुआ। उनका कहना है कि पहले भी पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाया गया है।

सरकार का रुख और अगले कदम

पंचायती राज विभाग के सचिव चंद्रेश कुमार यादव ने कहा कि पंचायत चुनावों के कार्यकाल को बढ़ाने का कोई प्रावधान पंचायत राज अधिनियम में नहीं है। पंचायत चुनाव समय पर होंगे। पंचायतों की सीमा निर्धारण के बाद उनके आरक्षण के लिए कार्रवाई की जाएगी, जिसके बाद तीन-स्तरीय पंचायत चुनाव होंगे।

पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने हाल ही में मुख्य सचिव को पंचायतों के कार्यकाल को दो साल बढ़ाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा था कि तीन-स्तरीय पंचायत चुनाव 2024-25 में नहीं बल्कि 2027 में हरिद्वार जिले के साथ होने चाहिए। मंत्री ने यह भी कहा कि झारखंड ने पंचायतों के कार्यकाल को छह महीने बढ़ाया था और राजस्थान ने एक राज्य, एक चुनाव की घोषणा की है।

70 हजार से अधिक प्रतिनिधियों के लिए चुनाव

राज्य में 7,795 ग्राम प्रधान, 95 पंचायत प्रमुख, 13 जिला पंचायत अध्यक्ष, 58,970 ग्राम पंचायत सदस्य, 3,202 क्षेत्र पंचायत सदस्य और 400 जिला पंचायत सदस्य के पदों के लिए चुनाव होने हैं। विभाग इस साल हरिद्वार जिले को छोड़कर सभी 12 जिलों में चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है।

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