Uttarakhand: सड़क पर रहने वाले बच्चों के लिए नीति तैयार, हजारों बच्चों का पुनर्वास होगा
Uttarakhand की सड़क पर रहने वाले बच्चों के लिए नीति तैयार हो गई है, जो अगले महीने अगस्त में कैबिनेट के सामने मंजूरी के लिए पेश की जा सकती है। यदि यह नीति, जो पहली बार बनाई जा रही है, को मंजूरी मिलती है, तो राज्य के लगभग 10 हजार सड़क पर रहने वाले बच्चों का पुनर्वास किया जाएगा।
नीति के अंतर्गत क्या व्यवस्था की जाएगी:
- बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।
- बच्चों के लिए आवास की व्यवस्था की जाएगी।
- बच्चों को रोजगार से जोड़ा जाएगा।
- ऐसे बच्चों के माता-पिता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- यदि बच्चे राज्य से बाहर के हैं, तो उनके माता-पिता से संपर्क कर उन्हें वापस भेजा जाएगा।
- बच्चों के उत्पीड़न की किसी भी घटना पर कार्रवाई की जाएगी।
- बच्चों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
नीति बनाने में हुई देरी:
विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण में देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और नैनीताल जिलों में लगभग 10 हजार सड़क पर रहने वाले बच्चों का पता चला है। हालांकि, कुछ अन्य जिलों में भी ऐसे बच्चे हैं, लेकिन उनकी संख्या कम है। महिला कल्याण निदेशालय ने इस नीति का मसौदा तैयार किया है और इसे विधायिका के पास अनुमोदन के लिए भेजा गया था। लेकिन विधायिका ने इसे कुछ भाषाई सुधार के लिए विभाग को वापस भेज दिया था।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, प्रत्येक राज्य में सड़क पर रहने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिए यह नीति बनाई जानी है। राज्य में इस नीति को तैयार करने में कुछ देरी हुई है, जिसे लोकसभा चुनावों के कारण बताया गया है। लेकिन अब नीति को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नीति बनाने से पहले सभी जिलों में बच्चों का सर्वेक्षण किया गया है।
नीति के क्रियान्वयन की प्रक्रिया:
प्रशांत आर्य, निदेशक, महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग ने कहा कि हम जल्द ही सड़क पर रहने वाले बच्चों के लिए एक पुनर्वास नीति ला रहे हैं। विभाग के सर्वेक्षण में पाए गए बच्चों की संख्या की पुष्टि की जा रही है।