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Nainital News: लकड़ी व्यापार धोखाधड़ी मामले में मास्टरमाइंड को बड़ा झटका, 20 करोड़ रुपये के टैक्स चुराने के केस में जमानत खारिज

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Nainital News: हाई कोर्ट ने लकड़ी व्यापार धोखाधड़ी मामले के मास्टरमाइंड की जमानत को खारिज कर दिया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, मोहम्मद शहनवाज़ हुसैन, जो लगभग 20 करोड़ रुपये के टैक्स चुराने के मामले में आरोपी हैं, ने उधम सिंह नगर के जसपुर क्षेत्र में अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर एक फर्जी फर्म चलाई।

Nainital News: लकड़ी व्यापार धोखाधड़ी मामले में मास्टरमाइंड को बड़ा झटका, 20 करोड़ रुपये के टैक्स चुराने के केस में जमानत खारिज

फर्जी चालानों के जरिए राज्य और केंद्र को हुआ नुकसान

हुसैन और उनके साथियों ने राज्य और बाहर के खरीदारों को कमीशन के आधार पर लकड़ी के फर्जी चालान जारी किए, जिसके कारण राज्य सरकार और केंद्र को राजस्व का भारी नुकसान हुआ।

22 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तारी

GST विभाग द्वारा गहन जांच के बाद 22 अक्टूबर 2023 को उनकी गिरफ्तारी की गई। शहनवाज़ ने सत्र न्यायालय द्वारा जमानत याचिका खारिज होने के बाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

हाई कोर्ट का विस्तृत आदेश

जस्टिस राकेश ठाकुर की एकल पीठ ने 26 जुलाई 2024 को याचिका पर विस्तृत आदेश पारित किया। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता आर्थिक अपराध में संलिप्त है, जिससे सरकार की खजाने को 20 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व और टैक्स हानि हुई है। आरोपी ने तथ्य छुपाकर जमानत प्राप्त करने का प्रयास किया। सुनवाई के दौरान राज्य के वकील ने आरोप लगाया कि याचिकाकर्ता गवाहों को धमका रहा था।

फर्जी फर्मों का संचालन

GST विभाग ने 26 फरवरी 2021 और 12 अगस्त 2021 को प्राप्त शिकायतों के आधार पर जांच शुरू की। आरोप था कि जसपुर क्षेत्र में कई फर्जी फर्मों का पंजीकरण और संचालन किया गया, जिनके माध्यम से बिना वास्तविक आपूर्ति के लकड़ी बेची जाती थी।

ऑनलाइन फर्जी फर्मों का नेटवर्क

जांच में यह भी पता चला कि जुलाई 2019 में, हुसैन ने अन्य व्यक्तियों के फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके फर्जी फर्मों का संचालन किया। उन्होंने पूरा नेटवर्क Android फोन और लैपटॉप के माध्यम से चलाया।

फर्जी फर्मों से जुड़े दस्तावेजों की बरामदगी

15 मई 2023 को हुसैन के घर पर छापे के दौरान कई दस्तावेज और उपकरण बरामद किए गए, जिसमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड, चालान, बैंक पासबुक, चेक बुक्स, फर्जी फर्मों के साइन बोर्ड, सील, ई-वे बिल, और विभिन्न व्यक्तियों के IDs शामिल थे।

विशेष जांच शाखा ने 28 ऐसे फर्जी फर्मों के साक्ष्य एकत्र किए, जिनका इस्तेमाल टैक्स चोरी के लिए किया गया। हुसैन को विभिन्न विभागों के फर्जी स्टांप रखने और इस्तेमाल करने के लिए तीन साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है।

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