Budget 2024 में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के रेल प्रोजेक्ट्स के लिए 5131 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इससे न केवल मौजूदा काम तेजी से आगे बढ़ेगा, बल्कि नए प्रोजेक्ट्स पर भी काम शुरू हो सकेगा।
इसके साथ ही उत्तराखंड में रेल नेटवर्क भी मजबूत होगा। रणनीतिक और चारधाम यात्रा की दृष्टि से महत्वपूर्ण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का कार्य 2026 के मध्य तक पूरा होगा। इस परियोजना में ‘हिमालयन टनलिंग मेथड’ (HTM) तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
रेल प्रोजेक्ट्स के लिए रिकॉर्ड बजट
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की देहरादून में आयोजित वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उत्तराखंड को मिले रेल बजट की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस बार केंद्र सरकार ने रेल प्रोजेक्ट्स के लिए रिकॉर्ड बजट आवंटित किया है, जिसका उत्तराखंड को भी लाभ होगा।
उत्तराखंड के चार नए प्रतीक्षित रेल प्रोजेक्ट्स – तनकपुर-बागेश्वर, ऋषिकेश-उत्तरकाशी, बागेश्वर-गैरसैंण और देहरादून-शाकुम्भरी देवी-सहारनपुर रेल लाइनों का सर्वेक्षण पूरा हो गया है। रेल लाइन के लिए आवश्यक रडार सर्वेक्षण भी किया जा चुका है। उनके विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) की तैयारी की जा रही है। इसके पूरा होने के बाद रेल प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू किया जाएगा।
‘शिव-शक्ति’ के उपयोग से 171 किमी टनल बनी
रेल मंत्री ने बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में कुल 213 किमी टनल (डबल टनल) का निर्माण किया जाना है। 171 किमी का कार्य पूरा हो चुका है। इसमें दो टनल बोरिंग मशीनें काम कर रही हैं, एक का नाम ‘शिव’ और दूसरी का ‘शक्ति’ है। रेल मंत्री ने दावा किया कि देश में पहली बार इन दोनों मशीनों का उपयोग रेल टनल के निर्माण में किया जा रहा है।
पहले ‘न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड’ (NATM) तकनीक का उपयोग किया जाता था, लेकिन अब उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में ‘हिमालयन टनलिंग मेथड’ (HTM) तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि हिमालयी पहाड़ अभी भी युवा हैं और इनमें अधिक मात्रा में मिट्टी पाई जाती है, जिससे टनल बनाना मुश्किल होता है। इसलिए, HTM तकनीक को हिमालयी पहाड़ों में टनल बनाने के लिए विकसित किया गया है। HTM के माध्यम से संतुलित टनल बनती हैं, जिसमें बोरिंग के साथ-साथ कंक्रीटिंग का काम चलता रहता है।
यूपीए सरकार के बाद बजट में 2644 प्रतिशत की वृद्धि
रेल मंत्री ने दावा किया कि यूपीए सरकार के समय (2009-14) में उत्तराखंड को सालाना 187 करोड़ रुपये का रेल बजट मिलता था। भाजपा सरकार के केंद्र में आने के बाद, बजट में वृद्धि होती गई। वर्तमान में, यह बजट 27 गुना बढ़कर यूपीए की तुलना में 2644 प्रतिशत तक पहुंच गया है।