Statue of Equality: दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची बैठी हुई मूर्ति का हुआ अनावरण।…..जाने कुछ खास बातें।
Statue of Equality: वैष्णववाद को मानने वाले श्री रामानुजाचार्य भक्ति आंदोलन के प्रवर्तक थे. उन्होंने मायावाद की अवधारणा को दूर किया और कई गलतफहमियों को दूर करने का काम किया और उनकी याद में बने स्टैचू ऑफ इक्वलिटी का का अनावरण शनिवार शाम प्रधानमंत्री मोदी ने किया।
स्टैचू आफ इक्वलिटी 216 फीट ऊंची प्रतिमा है। यह प्रतिमा ‘पंचलोहा’ से बनी है, जो पांच धातुओं: सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता का एक संयोजन है.मूर्ति स्थल और उसका परिसर तेलंगाना (Telangana) के शमशाबाद में 45 एकड़ के क्षेत्र में फैला है. मूर्ति और मंदिर परिसर की पूरी परिकल्पना त्रिदंडी श्री चिन्ना जीयर स्वामी ने की है. ये दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची बैठी हुई प्रतिमा है.रामानुजाचार्य का जन्म 1017 में श्रीपेरुंबदूर में हुआ. उन्होंने पूरे भारतवर्ष की यात्रा की. उन्होंने सभी समाजों की जीवनचर्या को समझा. उन्होंने भेदभाव के खिलाफ आध्यात्मिक आंदोलन को बढ़ावा दिया और हजारों वर्ष पहले ही बता दिया कि ईश्वर मानवरूप में है.