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हरिद्वार की घटना से लिया सबक, सेम्पल लिये
रुड़की। हरिद्वार व उसके आसपास के क्षेत्र में कुट्टू के आटे से बना खाना खाने से सैकड़ों लोगों के बीमार हो जाने के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग हरकत में आया है। रविवार की दोपहर बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने सैंपल लेने का अभियान चलाया। इस दौरान रुड़की, मंगलौर व रामनगर से कुट्टू के आटे के सैंपल लिए गए। हरिद्वार में हुई फूड प्वाइजनिंग की घटना से सबक लेते हुए खाद्य सुरक्षा अधिक विभाग ने अगले आदेश तक रुड़की व उसके आसपास के इलाकों में कुट्टू के आटे की बिक्री पर रोक लगा दी है।नवरात्रि के समय व्रत रखने वाले भक्त कुटटू के आटे से बने हुए खाने को खाते हैं। साल 2020 में अक्तूबर में नवरात्रि के दौरान रुड़की और आसपास क्षेत्र में कुटटू के आटे से बनीं पूड़ियां खाने से डेढ़ सौ से ज्यादा लोग बीमार पड़ गए थे। सभी को सरकारी और निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। 2021 में भी इस तरह के मामले सामने आए थे।
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इस बार हरिद्वार क्षेत्र में कुटटू के आटे से बना खाना खाने के बाद सौ से ज्यादा लोग बीमार पड़ गए। एक साथ इतने लोगों के बीमार पड़ने के बाद प्रशासन में हलचल मच गई।रविवार अवकाश के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग सक्रिय हुआ। रुड़की में वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी संतोष कुमार के नेतृत्व में सैंपल लेने के लिए अभियान चलाया गया। उन्होंने बताया कि अनाज मंडी से कुटटू के आटे और गिरी के सैंपल लिए गए। मंगलौर और रामनगर में भी कुटटू के आटे के सैंपल लिए गए। वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि अगले आदेश तक कुटटू के आटे की बिक्री रोकने को कहा गया है। व्यापार मंडल को भी इस बारे में अवगत करा दिया गया है।