Roorkee: चैंपियन और उमेश दोनों हिरासत में, मुकदमे दर्ज…एसएसपी का रुड़की पहुंचकर कड़ा संदेश…बीजेपी का किनारा….जानिए क्या था पूरा मामला?
रुड़कीl रुड़की पहुंचे एसएसपी परमेंद्र सिंह डोभाल ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि दोनों पक्षों के पांच-पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर हिरासत में लिया गया है और उनके शस्त्र के निरस्तीकरण के लिए रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी गई है l
घटना के बाद भाजपा ने पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन से किया किनारा, बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी दी हिदायत
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इस घटना पर कड़ा बयान देते हुए कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस मुद्दे पर बात की है। भट्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि भाजपा ना तो किसी को कानून का उल्लंघन करने की इजाजत देती है, और ना ही संविधान के खिलाफ किसी भी गतिविधि को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा, “हमने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को यह संदेश दिया है कि वे अपने कृत्यों में सद्भाव और कानून के दायरे में रहें। भाजपा के लिए संविधान और कानून सर्वोपरि हैं, और किसी भी सदस्य को ऐसा आचरण नहीं करना चाहिए जो पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाए।” महेंद्र भट्ट ने इस मामले में पार्टी की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि यदि कोई सदस्य इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है तो पार्टी उस पर कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगी।
जानिए क्या था पूरा मामला?
जहां एक और कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन अपने निर्दलीय प्रत्याशी भूरा को लंढोरा नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर समर्थन कर रहे थे। वहीं दूसरी ओर खानपुर विधायक उमेश कुमार रुड़की मेयर पद पर अपने निर्दलीय प्रत्याशी श्रेष्ठा राणा का समर्थन कर रहे थे। मजेदार बात यह रही कि दोनों प्रत्याशियों में से कोई भी चुनाव नहीं जीत सका। इसी को लेकर सोशल मीडिया पर दोनों के बीच तनातनी का माहौल बना हुआ था।दोनों ने एक दूसरे को गंदी-गंदी गालियां दी। एक दूसरे को दोनों ने कार्यालय आने पर ललकार। जहां एक और शनिवार रात उमेश कुमार कल प्रणव सिंह चैंपियन के कार्यालय और महल पर पहुंचे। लेकिन वह उन्हें वहां नहीं मिले। वहीं दूसरी ओर पलटवार करते हुए और कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन रविवार शाम अपने समर्थकों के साथ उमेश कुमार के कार्यालय पर जा पहुंचे। जहां उन्होंने गाली गलौज करते हुए ताबड़तोड़ फायरिंग कर डाली।जिससे उमेश कुमार के कुछ समर्थक घायल भी हुए। गनीमत यह रही कि किसी की जान माल का नुकसान तो नहीं हुआ। लेकिन यह विषय रुड़की की राजनीति में चर्चा का केंद्र बन गया।