देहरादून। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने सोमवार को राज्य निर्वाचन आयोग मुख्यालय में नागर स्थानीय निकाय सामान्य निर्वाचन 2024 के संबंध में प्रेस वार्ता की। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने उत्तराखंड राज्य के 11 नगर निगम, 43 नगर पालिका परिषद एवं 46 नगर पंचायतों के सामान्य निर्वाचन 2024 हेतु निर्धारित कार्यक्रम जारी किया।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि नाम निर्देशन पत्र 27 दिसंबर, 2024 से प्राप्त किए जा सकेंगे, नाम निर्देशन पत्रों को प्राप्त करने की अंतिम तिथि 30 दिसंबर 24 है। उन्होंने कहा कि नाम निर्देशन पत्रों की जांच 31 दिसंबर, 2024 एवं 1 जनवरी, 2025 को की जाएगी। नाम निर्देशन पत्रों की वापिसी की तिथि 2 जनवरी, 2025 निर्धारित की गई है। 3 जनवरी 2025 को निर्वाचन प्रतीक आवंटित किए जाएंगे। मतदान की तिथि 23 जनवरी 2025 एवं मतों की गणना की 25 जनवरी, 2025 को की जाएगी।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि प्रदेश में कुल महिला मतदाताओं की संख्या 14 लाख 93 हजार 519 है, जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 15 लाख 89 हजार 467 है, अन्य मतदाताओं की कुल संख्या 514 है। इस प्रकार कुल मतदाताओं की कुल संख्या 30 लाख 83 हजार 500 है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल संवेदनशील मतदान केंद्र 601 एवं मतदान स्थल 1292 हैं। कुल अति संवेदनशील मतदान केंद्र 422 और मतदान स्थल 1078 है, संवेदनशील एवं अति संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या घट बढ़ सकती है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने अवगत कराया कि नागर स्थानीय निकाय सामान्य निर्वाचन 2024 के लिए मतदान प्रक्रिया बैलेट पेपर के माध्यम से कराई जाएगी।
उत्तराखंड में आगामी नगर निकाय चुनावों में पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। अब सभी प्रत्याशियों को अपनी पृष्ठभूमि की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव प्रक्रिया पारंपरिक बैलेट पेपर के माध्यम से संपन्न होगी। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1916 और उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959 (उत्तराखंड में लागू) के तहत प्रत्याशियों को नामांकन पत्र के साथ शपथ-पत्र जमा करना होगा।
इस शपथ-पत्र में उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि, संपत्ति, आय के स्रोत, कर भुगतान, शैक्षिक योग्यता और वैवाहिक स्थिति सहित अन्य जानकारियां शामिल होंगी। यह जानकारी संबंधित जिलाधिकारी की वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाएगी, जिससे मतदाता प्रत्याशियों की पारदर्शी पृष्ठभूमि जान सकें।