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Crime news: फिरोजाबाद के युवक ने हैदराबाद में पत्नी और बेटे की हत्या कर की आत्महत्या, जानें दिल दहला देने वाली घटना की पूरी कहानी

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Crime news: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के रहने वाले सिराज अली की हैदराबाद में घटी घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। बंगलों के एक शो रूम में काम करने वाले सिराज ने पहले अपनी पत्नी और छोटे बेटे की गला दबाकर हत्या की, फिर खुद पंखे से लटककर अपनी जान दे दी। इस हृदयविदारक घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों शवों को कब्जे में ले लिया। इस घटना का कारण जानकर हर कोई स्तब्ध रह गया। बताया जा रहा है कि सिराज अपनी पत्नी पर किसी अन्य व्यक्ति के साथ अवैध संबंधों का शक करता था।

प्रेम विवाह से शुरू हुआ रिश्ता, लेकिन अंत हुआ त्रासदी में

38 वर्षीय सिराज अली का विवाह सात साल पहले कानपुर की रहने वाली 35 वर्षीय अहलिया से हुआ था। यह विवाह प्रेम विवाह था, जिसमें दोनों परिवारों की सहमति भी थी। विवाह के बाद सिराज और अहलिया के दो बेटे हुए – पांच साल का अली जान और ढाई साल का एहसान। सिराज छह वर्षों से हैदराबाद के एक बंगलों के शो रूम में काम कर रहा था, जबकि अहलिया अपने मायके में बच्चों के साथ रहती थी।

Crime news: फिरोजाबाद के युवक ने हैदराबाद में पत्नी और बेटे की हत्या कर की आत्महत्या, जानें दिल दहला देने वाली घटना की पूरी कहानी

छह दिन पहले परिवार के साथ गया था हैदराबाद

घटना से एक सप्ताह पहले सिराज फिरोजाबाद में अपने किसी रिश्तेदार की शादी में शामिल होने आया था। अहलिया भी अपने मायके कानपुर से बच्चों के साथ शादी में शामिल होने के लिए फिरोजाबाद पहुंची थी। शादी के बाद सिराज अपने परिवार को साथ लेकर हैदराबाद चला गया। यह पहली बार था कि अहलिया और बच्चे हैदराबाद में सिराज के साथ रहने गए थे।

मामूली झगड़े ने ले ली तीन जिंदगियां

पुलिस के अनुसार, घटना वाले दिन यानी गुरुवार रात पति-पत्नी के बीच मोबाइल को लेकर बहस हुई थी। यह बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों के बीच हाथापाई तक की नौबत आ गई। शुक्रवार सुबह यह झगड़ा इतना गंभीर हो गया कि सिराज ने अपनी पत्नी अहलिया और छोटे बेटे एहसान की गला दबाकर हत्या कर दी।

बड़े बेटे ने दी घटना की जानकारी

जब सिराज अपनी पत्नी और छोटे बेटे की हत्या कर रहा था, तब उसका बड़ा बेटा अली जान घर से भाग गया। अली ने पड़ोसियों को बताया, “पापा मम्मी को मार रहे हैं।” यह सुनकर पड़ोसियों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। जब तक पुलिस मौके पर पहुंची, सिराज ने खुद को पंखे से लटकाकर आत्महत्या कर ली थी।

पुलिस की जांच में खुलासा

घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने तीनों शवों को बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। दक्षिण पुलिस स्टेशन के प्रभारी योगेंद्र पाल सिंह ने बताया कि पति-पत्नी के बीच झगड़े की वजह मोबाइल का लॉक खोलने को लेकर हुई बहस थी। सिराज को शक था कि उसकी पत्नी का किसी अन्य व्यक्ति के साथ संबंध है, और यही शक इस भयानक घटना की वजह बना।

शोक में डूबा परिवार

इस घटना की खबर जैसे ही फिरोजाबाद और कानपुर में परिजनों को मिली, पूरे परिवार में मातम छा गया। सिराज और अहलिया के परिवार के सदस्य रोते-बिलखते हैदराबाद के लिए रवाना हो गए। एक हंसता-खेलता परिवार एक पल में बर्बाद हो गया।

सामाजिक समस्याओं का संकेत

यह घटना केवल एक व्यक्ति की मानसिक स्थिति का परिणाम नहीं है, बल्कि हमारे समाज में व्याप्त कई समस्याओं का प्रतीक भी है। पति-पत्नी के बीच विश्वास की कमी, संवादहीनता, और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं ऐसी त्रासदियों का कारण बनती हैं।

विश्वास और संवाद की आवश्यकता

इस घटना ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या पति-पत्नी के रिश्ते में संवाद और विश्वास की कमी इतनी घातक हो सकती है? सिराज और अहलिया का रिश्ता प्रेम विवाह से शुरू हुआ था, लेकिन समय के साथ उनमें विश्वास की कमी बढ़ती गई। अगर दोनों ने आपसी संवाद और समझदारी से अपनी समस्याओं को सुलझाने की कोशिश की होती, तो शायद यह त्रासदी टल सकती थी।

मानसिक स्वास्थ्य का महत्व

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक तनाव और शक जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं। यह घटना मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत को रेखांकित करती है। अगर समय रहते सिराज को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परामर्श मिला होता, तो शायद यह दुखद घटना नहीं घटती।

समाज को सीखने की जरूरत

ऐसी घटनाएं समाज के लिए एक सबक हैं। हमें रिश्तों में पारदर्शिता और विश्वास बनाए रखने की जरूरत है। साथ ही, मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देकर ऐसे मामलों को रोकने के लिए प्रयास करने चाहिए।

सिराज अली की यह दुखद कहानी केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है। यह घटना बताती है कि कैसे छोटी-छोटी समस्याएं बड़ी त्रासदियों का रूप ले सकती हैं। ऐसे मामलों को रोकने के लिए समाज, परिवार और प्रशासन को मिलकर काम करना होगा।

रिश्तों में विश्वास और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देकर ही हम ऐसी घटनाओं को रोक सकते हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई और परिवार इस तरह की त्रासदी का शिकार न बने।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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