National Games In Uttarakhand: आज लॉन्च होंगे पांच प्रतीक, जिनमें मास्कॉट और गान शामिल हैं, चार शहरों में लाइव टेलीकास्ट

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National Games In Uttarakhand: 38वें राष्ट्रीय खेलों के प्रतीकों के लॉन्च कार्यक्रम का आयोजन रविवार को महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम परिसर में किया जाएगा। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय खेलों का मास्कॉट, गान, लोगो, जर्सी और मशाल लॉन्च किए जाएंगे। इस कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट राज्य के चार शहरों में बड़े स्क्रीन पर किया जाएगा। खेल मंत्री रेखा आर्य ने शनिवार को इस भव्य कार्यक्रम की तैयारियों के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की और फिर स्थल का निरीक्षण किया।

लॉन्च कार्यक्रम की तैयारियां

38वें राष्ट्रीय खेलों के प्रतीकों का आयोजन राज्य के लिए गर्व की बात है। खेल मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि कार्यक्रम की भव्यता सुनिश्चित करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। स्टेडियम के अंदर बड़े स्क्रीन पर लाइव टेलीकास्ट होगा, वहीं स्टेडियम के बाहर भी एक बड़ा स्क्रीन स्थापित किया जाएगा। देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी और रुड़की में भी बड़े स्क्रीन पर इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, यह कार्यक्रम यूट्यूब पर भी लाइव देखा जा सकेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय खेल राज्य मंत्री रक्ष्या खड़से, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा और खेल मंत्री रेखा आर्य इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगी। इस अवसर पर 2000 से अधिक खिलाड़ी और युवा भी उपस्थित रहेंगे। खेल मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम को शानदार बनाने के लिए सभी प्रयास किए गए हैं।

खिलाड़ियों को किट वितरण

खेल मंत्री रेखा आर्य ने शनिवार को महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम में खेल प्रशिक्षण शिविरों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को किट वितरित की। इन किट्स में ट्रैक सूट, जूते और अन्य आवश्यक सामान शामिल थे। इस दौरान खेल सचिव अमित सिन्हा, युवा कल्याण एवं खेल निदेशक प्रकाश आर्य समेत अन्य प्रमुख अधिकारी भी उपस्थित थे। खेल मंत्री रेखा आर्य ने खिलाड़ियों से कहा कि आप लोग इतने सारे पदक जीतें कि राज्य का बैग भर जाए।

मास्कॉट का नया अवतार

राष्ट्रीय खेलों के मास्कॉट, मोनाल पक्षी (मौली), का नया अवतार प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही राष्ट्रीय खेलों का नया लोगो भी डिजाइन किया गया है। इस बार राज्य की विशेषताओं को प्रतीकों में अधिक प्रभावी तरीके से दर्शाया जाएगा। जर्सी, मशाल और गान में उत्तराखंड की छाप दिखाई देगी।

राष्ट्रीय खेलों की मशाल में सदियों से बहती गंगा और राज्य के फूल ब्रह्म कमल के प्रतीक देखे जाएंगे। इसके अलावा, महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज परिसर में 6 टन धातु से बने एक बाघ का आकर्षण भी लोगों का ध्यान खींचेगा। इस बाघ को बनाने में करीब 20 दिन का समय लगा है और यह पूरे कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण आकर्षण बनेगा।

राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड की यात्रा

उत्तराखंड को आठ साल पहले 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन का अवसर प्राप्त हुआ था। उस समय मास्कॉट और लोगो जारी किए गए थे, लेकिन अब इसे और आकर्षक बनाने की आवश्यकता महसूस की गई थी। इस बदलाव से यह प्रतीक और भी अधिक लोकप्रिया और राज्य के सांस्कृतिक धरोहरों से जुड़े होंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा, “38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हमारे लिए सौभाग्य की बात है। हमें उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष में इस बड़े खेल आयोजन की मेज़बानी का अवसर मिला है और हम इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं। हम इस आयोजन के लिए भव्य और बेहतर व्यवस्थाएं करेंगे, जिसमें सभी का सहयोग मिलेगा।”

सड़क पर उत्साह और समर्थन

राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों में उत्तराखंड के नागरिकों और खिलाड़ियों का उत्साह साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत, विभिन्न खेलों की प्रशिक्षण सुविधाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है और प्रतियोगिता की शुरुआत के लिए हर स्तर पर एक उत्कृष्ट माहौल तैयार किया गया है।

इसके अलावा, विभिन्न खेल संघों और खिलाड़ियों से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। खिलाड़ियों का कहना है कि इस अवसर पर प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ खेल की भावना को भी बढ़ावा मिलेगा, और उन्हें अपनी क्षमता साबित करने का एक बेहतरीन मौका मिलेगा।

खेलों के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार

38वें राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी के लिए राज्य सरकार ने खेल इंफ्रास्ट्रक्चर में कई सुधार किए हैं। नए स्टेडियम, ट्रेनिंग सेंटर और खेल सुविधाओं का निर्माण हुआ है। साथ ही, पुराने खेल परिसरों का जीर्णोद्धार भी किया गया है ताकि खिलाड़ियों को बेहतरीन सुविधाएं मिल सकें। खेल मंत्रालय की ओर से खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए गए हैं।

आर्थिक और सामाजिक लाभ

राष्ट्रीय खेलों का आयोजन न केवल खेल क्षेत्र में प्रगति का प्रतीक है, बल्कि यह राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खेलों के आयोजन से पर्यटन, रोजगार और राज्य की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा मिलता है। इससे राज्य की शिक्षा और खेल संबंधी संस्थाओं को भी प्रोत्साहन मिलता है।

38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। यह राज्य के लिए गर्व की बात है कि वह इस बड़े आयोजन की मेज़बानी कर रहा है। इस आयोजन से ना केवल खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धा का अवसर मिलेगा, बल्कि राज्य के विकास में भी एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। यह आयोजन न केवल खेलों के लिहाज से, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण साबित होगा।

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