Hrshita Murder Case: नवंबर में लंदन में भारतीय मूल की 24 वर्षीय बेटी हर्षिता ब्रेला की निर्मम हत्या ने सभी को शोकसंतप्त कर दिया। हर्षिता का शव एक माह बाद एक कार के बूट से बरामद हुआ था, और उसके बाद से यह मामला लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। हर्षिता के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसकी हत्या उसके पति पंकज लांबा ने की थी। परिवार का कहना है कि पंकज ने हत्या करने के बाद भारत वापस आकर यहां छिप गया है, जबकि दिल्ली पुलिस और लंदन पुलिस दोनों ही इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही हैं। हर्षिता के परिवार का कहना है कि उन्हें पुलिस से कोई मदद नहीं मिल रही है और वे लगातार न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।
हर्षिता का दुखद आखिरी संदेश
हर्षिता का जन्म और पालन-पोषण दिल्ली में हुआ था। वह अप्रैल 2024 में लंदन गईं थीं, जहां उनका विवाह पिछले वर्ष अगस्त में पंकज लांबा से हुआ था। शादी के बाद लंदन में हर्षिता और पंकज का जीवन कष्टदायक हो गया। हर्षिता के परिवार का दावा है कि पंकज ने शादी के बाद हर्षिता के साथ घरेलू हिंसा शुरू कर दी थी। वे कहते हैं कि पंकज ने एक घर खरीदने के लिए हर्षिता के परिवार से पैसे की मांग की थी और जब यह मांग पूरी नहीं हुई तो उसने हिंसा का सहारा लिया।
हर्षिता के माता-पिता के अनुसार, हत्या से पहले हर्षिता ने अपनी मां से फोन पर बातचीत के दौरान यह बताया था कि पंकज उसे मारता-पीटता है और उसने यह भी कहा था कि पंकज उसे जान से मार सकता है। यह सब बातें हर्षिता के परिवार के लिए बहुत ही डरावनी थीं, और वे लगातार उसकी सुरक्षा के लिए चिंतित थे। हर्षिता के इन शब्दों को परिवार ने गंभीरता से लिया था, लेकिन पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
लंदन पुलिस द्वारा पंकज की गिरफ्तारी और जमानत
हर्षिता के परिवार का आरोप है कि पंकज ने हर्षिता के साथ बहुत ही अमानवीय व्यवहार किया था, जिसके कारण वह मानसिक रूप से परेशान हो गई थी। परिवार का कहना है कि हर्षिता का एक महीना पहले गर्भपात भी हुआ था, और उसके बाद पंकज का बर्ताव और भी उग्र हो गया था। हर्षिता ने अगस्त में लंदन पुलिस से घरेलू हिंसा की शिकायत की थी, जिसके बाद पंकज को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन बाद में सितंबर में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया।
हर्षिता के परिवार का कहना है कि इस जमानत से पंकज को और भी कड़ी कारवाई की संभावना से बचा लिया गया, और वह अपनी पत्नी की हत्या की साजिश रचने में सफल रहा। अब लंदन पुलिस पंकज को हत्या के मामले में तलाश रही है, लेकिन परिवार का आरोप है कि पंकज भारत लौट आया है, और दिल्ली पुलिस के पास कोई ठोस सबूत नहीं हैं।
पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
हर्षिता के परिवार का कहना है कि वे दिल्ली पुलिस से मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन पुलिस की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है। उनका कहना है कि दिल्ली पुलिस पंकज की तलाश में कोई गंभीर प्रयास नहीं कर रही है। इसके अलावा, लंदन पुलिस भी पंकज की गिरफ्तारी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है। परिवार का आरोप है कि पुलिस की निष्क्रियता के कारण पंकज को भारत में सुरक्षित महसूस हो रहा है और वह अब अपनी पत्नी की हत्या के बाद छिपकर जीने की कोशिश कर रहा है।
एक अंतरराष्ट्रीय मामला
हर्षिता ब्रेला की हत्या एक अंतरराष्ट्रीय मामला बन गया है। भारत और लंदन दोनों देशों की पुलिसों के बीच समन्वय की कमी इस मामले में सबसे बड़ी समस्या बन रही है। दोनों देशों के कानून और प्रक्रियाएं अलग-अलग हैं, जिसके कारण पंकज की गिरफ्तारी और न्याय के लिए दोनों देशों में पुलिस के बीच समन्वय की आवश्यकता है। इस मामले में दिल्ली पुलिस की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि पंकज भारत में छिपा हुआ है, और उसे पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस को सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
हर्षिता के परिवार का संघर्ष
हर्षिता के परिवार ने अपने दुखों को साझा करते हुए कहा कि उन्हें लगातार न्याय की उम्मीद है। परिवार का कहना है कि वे हर संभव रास्ते से पंकज की गिरफ्तारी चाहते हैं, ताकि उनकी बेटी की हत्या के जिम्मेदार व्यक्ति को सजा मिल सके। उनका कहना है कि वे न्याय के लिए संघर्ष करेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें कहीं भी गुहार लगानी पड़े। परिवार का यह भी आरोप है कि लंदन पुलिस ने हत्या के मामले में पंकज की तलाश में गंभीरता नहीं दिखाई और उन्हें केवल एक सामान्य जांच की तरह लिया।
हर्षिता ब्रेला की हत्या का मामला पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन चुका है। यह मामला घरेलू हिंसा, पुलिस की निष्क्रियता, और अंतरराष्ट्रीय कानून के बीच समन्वय की समस्या को उजागर करता है। हर्षिता के परिवार की संघर्ष और उनके न्याय की तलाश ने यह साबित कर दिया है कि जब तक न्याय नहीं मिलता, तब तक कोई भी परिस्थिति व्यक्ति को आराम नहीं देती। इस मामले में पुलिस को अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए तेजी से कदम उठाने चाहिए, ताकि हर्षिता के परिवार को न्याय मिल सके और उसके हत्यारे को सजा दिलाई जा सके।
अब समय आ गया है कि पुलिस और कानून व्यवस्था दोनों देशों के बीच बेहतर समन्वय बनाए ताकि हर्षिता के हत्यारे को सजा मिल सके। यह मामला हमें यह भी याद दिलाता है कि घरेलू हिंसा से लड़ने के लिए समाज और पुलिस को और अधिक सक्रिय और संवेदनशील होना चाहिए।