Uttar Pradesh Crime: पीलीभीत में मृत गायों को ट्रैक्टर से घसीटा, आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज
Uttar Pradesh Crime: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। शनिवार को देविपुरा गांव में दो व्यक्तियों ने मृत गायों को ट्रैक्टर से बांधकर घसीटा और इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। यह घटना न केवल स्थानीय लोगों बल्कि हिंदू संगठनों के बीच भी गुस्से का कारण बन गई है। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें गांव के प्रधान के बेटे, शेर सिंह का नाम भी शामिल है। यह घटना पशु क्रूरता के खिलाफ कानून का उल्लंघन करते हुए सामने आई है, जिसके बाद प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
घटना का विवरण
पीलीभीत जिले के देविपुरा गांव में शनिवार को एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। पुलिस ने बताया कि मृत गायों को ट्रैक्टर से बांधकर खींचा गया। इस घटना का वीडियो किसी ने बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो में देखा जा सकता है कि दो लोग मृत गायों को ट्रैक्टर से बांधकर सड़क पर खींच रहे हैं, जिससे यह साफ तौर पर पशु क्रूरता का उदाहरण बनता है। वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय समुदाय, खासकर हिंदू संगठनों में गुस्से की लहर फैल गई, जिन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा की।
आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई
हिंदू महासभा के नेताओं की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों में गांव के प्रधान का बेटा शेर सिंह भी शामिल है। गजरौला पुलिस थाना के एसओ जगदीप मलिक ने बताया कि इस घटना को लेकर दोनों आरोपियों के खिलाफ ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम’ (Prevention of Cruelty to Animals Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस मामले की जांच कर रही है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस और प्रशासन की ओर से सख्त कदम उठाए जाने का आश्वासन दिया गया है।
हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों का गुस्सा
मृत गायों को इस तरह घसीटे जाने से हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी है। इन संगठनों ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि गाय भारतीय संस्कृति और धर्म में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती है, और इस प्रकार की क्रूरता के लिए किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए।
स्थानीय लोग भी इस घटना से आहत हैं और प्रशासन से यह सुनिश्चित करने की अपील कर रहे हैं कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने प्रशासन से यह भी कहा है कि ऐसे अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि इस तरह के कृत्य करने वाले लोगों में डर और सजगता रहे।
प्रशासन की ओर से कार्रवाई की उम्मीद
पीलीभीत जिले के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) केके सिंह ने कहा कि मृत गायों को इस तरह से घसीटना बेहद शर्मनाक और अनुशासनहीन कृत्य है। उन्होंने बताया कि गायों को इस तरह से नहीं छोड़ा जाना चाहिए था और उन्हें सही तरीके से दफनाया जाना चाहिए था। प्रशासन इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
केके सिंह ने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाओं से जिले की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और ऐसे कृत्य किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं हैं। प्रशासन इस मामले में पूरी तरह से तटस्थ रहेगा और दोषियों को कानून के अनुसार सजा दिलवाने के लिए सभी कदम उठाएगा।
पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई
पशु क्रूरता निवारण अधिनियम (Prevention of Cruelty to Animals Act) 1960 में पशुओं के प्रति क्रूरता को अपराध माना गया है। इसके तहत पशुओं को प्रताड़ित करने या उन्हें चोट पहुँचाने पर जुर्माना और कारावास दोनों की सजा का प्रावधान है। इस कानून का उद्देश्य पशुओं के अधिकारों की रक्षा करना है और यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें क्रूरता का सामना न करना पड़े।
पीलीभीत जिले में घटी इस घटना में भी यही प्रावधान लागू होता है, क्योंकि मृत गायों के प्रति किए गए इस अत्याचार को कानून के तहत अपराध माना जाता है। आरोपी अब पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मुकदमे का सामना करेंगे और यदि दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें सजा हो सकती है।
स्थानीय प्रशासन की ओर से चेतावनी
स्थानीय प्रशासन ने इस घटना के बाद स्पष्ट किया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होने दी जाएगी। प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का वादा किया है कि इस प्रकार के क्रूर कृत्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, प्रशासन ने गांवों और शहरों में जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई है ताकि लोग जान सकें कि पशु क्रूरता के खिलाफ क्या कानूनी प्रावधान हैं और इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए उन्हें क्या कदम उठाने चाहिए।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता
इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि समाज में पशु क्रूरता के खिलाफ जागरूकता की कमी है। भारत में गायों और अन्य पशुओं के प्रति प्यार और सम्मान की गहरी परंपरा रही है, लेकिन कुछ लोग इस परंपरा का उल्लंघन करते हुए क्रूरता की हदें पार कर देते हैं।
इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए समाज को जागरूक करना बेहद जरूरी है। पशु अधिकारों और उनके प्रति सम्मान को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और समाजिक संगठनों को आगे आकर जागरूकता अभियान चलाने चाहिए।
पिलीभीत जिले में हुई इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित किया है कि किसी भी परिस्थिति में पशुओं के प्रति क्रूरता को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। प्रशासन ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है, और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। समाज को इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और एकजुट होकर पशु अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। हमें यह समझना होगा कि किसी भी जीव के प्रति क्रूरता किसी भी हालत में उचित नहीं हो सकती, और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।