Uttarakhand: दिव्यांगों को मिलेगा सिविल सेवा परीक्षा के लिए मुफ्त ऑनलाइन कोचिंग, साथ ही मिलेगी मुफ्त उपकरण सहायता
Uttarakhand: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिव्यांग छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है। राज्य सरकार द्वारा दिव्यांग छात्रों के लिए सिविल सेवा परीक्षा की मुफ्त ऑनलाइन कोचिंग प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही, विशेष जिलों में कैंप लगाकर दिव्यांगों को मुफ्त उपकरण भी दिए जाएंगे। यह योजना दिव्यांगों के सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम साबित होगी और इन छात्रों को सरकारी सेवाओं में प्रवेश करने के लिए बेहतर अवसर प्रदान करेगी।
यह योजना अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा घोषित की गई थी, और उन्होंने इस पहल की वित्तीय मंजूरी भी प्रदान की। इस निर्णय के तहत दिव्यांग छात्र-छात्राओं को न केवल सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में मदद मिलेगी, बल्कि उन्हें जीवन जीने के लिए आवश्यक उपकरण भी मुफ्त में उपलब्ध कराए जाएंगे।
सीएम ने 69.19 लाख रुपये की मंजूरी दी: ग्रामीण क्षेत्र में होगा सामुदायिक भवन का निर्माण
मुख्यमंत्री ने अपने अधिकारियों से कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी भी दी। इनमें से एक था हरिचंद गुरचंद बंग विशाल सामुदायिक भवन के निर्माण का प्रस्ताव, जिसे ग्रामीण क्षेत्र में विधानसभा क्षेत्र रुद्रपुर में बनाने के लिए 69.19 लाख रुपये का वित्तीय अनुमोदन दिया गया। इस सामुदायिक भवन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में एक ऐसा स्थान प्रदान करना है, जहां सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की जा सकें।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने देहरादून में बालभद्र खलंगा मेला आयोजित करने के लिए पांच लाख रुपये की मंजूरी दी। इस मेले का आयोजन परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने के लिए किया जाएगा, जो क्षेत्रीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन साबित होगा।
पीठौरागढ़ जिला अस्पताल और अन्य विकास कार्यों के लिए मंजूरी
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने पीठौरागढ़ जिले के बेस अस्पताल के लिए चंदक मोटर रोड से एक उपयुक्त स्थान तक संपर्क सड़क निर्माण की मंजूरी दी। यह सड़क अस्पताल की सुविधाओं तक पहुँचने में सरलता प्रदान करेगी। इसके अलावा, जिला अस्पताल के विस्तार के लिए भी एक प्रस्ताव मंजूर किया गया, जिसके तहत सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता के सरकारी आवास को जिला अस्पताल के पास स्थित किया जाएगा।
मंदिरों के विकास कार्यों के लिए भी कई योजनाओं की मंजूरी दी गई। ध्वज जयंती माता मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विकास कार्यों की योजना बनाई गई। मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दी, जिससे मंदिर क्षेत्र में आने वाले भक्तों को बेहतर सुविधाएँ मिलेंगी।
आदिवासी क्षेत्रों में विकास के प्रयास
मुख्यमंत्री ने आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए भी कई योजनाओं को मंजूरी दी। इनमें से एक प्रमुख प्रस्ताव था धारचूला के सिपू (गलती नाला) और कालिका नाला (पुल तक) में संरक्षण कार्यों की मंजूरी। इन नालों में बाढ़ और पानी की अव्यवस्थाओं से बचाव के लिए संरक्षण कार्यों को सुनिश्चित किया जाएगा।
इसके साथ ही पीठौरागढ़ में राजी जनजाति के लोगों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य इन जनजातियों को आधुनिक जीवनशैली और कौशल में प्रशिक्षित करना है, ताकि वे अपने जीवन स्तर में सुधार कर सकें और समाज में अपनी भागीदारी बढ़ा सकें।
सड़क निर्माण और ग्राम विकास योजनाओं को भी मंजूरी
मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण सड़क निर्माण योजनाओं को भी मंजूरी दी। धारचूला-टनकपुर मुख्य मार्ग से ओगला तक संपर्क सड़क निर्माण के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही मूलघाट से जौलजीवी सड़क पर तलिश्वर मंदिर के पास दोनों तरफ स्वागत द्वार के निर्माण का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया, जिससे इस क्षेत्र की सुंदरता में वृद्धि होगी और पर्यटकों के आकर्षण को बढ़ावा मिलेगा।
ग्राम सरकार के सर्कोट को आदर्श ग्राम विधानसभा बनाने का प्रस्ताव भी मुख्यमंत्री ने मंजूरी दी। इसके साथ ही सर्कोट से भरारीसैन मोटर रोड को टारिंग करके इसे शहीद श्री वासुदेव के नाम पर नामांकित करने की योजना को भी हरी झंडी दी गई।
गैरसैंण क्षेत्र में विकास कार्यों को गति
मुख्यमंत्री ने गैरसैंण क्षेत्र के विकास के लिए भी कई प्रस्तावों को मंजूरी दी। इनमें से एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव था गैरसैंण को गढ़वाल और कुमाऊं जिलों से जोड़ने के लिए आवश्यक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश। इसके अलावा, गैरसैंण में उत्तराखंड परिवहन निगम का डिपो बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। इससे गैरसैंण क्षेत्र के लोगों को बेहतर यातायात सुविधाएँ मिलेंगी, और इस क्षेत्र का संपर्क अन्य प्रमुख शहरों से मजबूत होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किए गए इन महत्वपूर्ण फैसलों से उत्तराखंड के विकास में एक नई दिशा देखने को मिलेगी। दिव्यांग छात्रों के लिए मुफ्त कोचिंग और उपकरण, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्य, मंदिरों का सौंदर्यकरण, और सड़क निर्माण जैसी योजनाओं से राज्य में समग्र विकास की प्रक्रिया को बल मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इन योजनाओं को मंजूरी देकर यह स्पष्ट कर दिया कि उनका शासन राज्य के हर वर्ग के विकास और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है।