Udham Singh Nagar Protest: आंदोलन के 500 दिन पूरे, थाली-ताली बजाकर किसानों का प्रदर्शन

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Udham Singh Nagar Protest: उधम सिंह नगर जिले के बाजपुर क्षेत्र में ‘भूमि बचाओ आंदोलन’ के 500 दिन पूरे होने के अवसर पर किसानों और उनके परिवारों ने अनोखे तरीके से प्रदर्शन किया। यह आंदोलन 1 अगस्त 2023 से शुरू हुआ था, जिसका उद्देश्य बाजपुर तहसील क्षेत्र के 20 गांवों की 5838 एकड़ भूमि पर शुगर मिल के कब्जे के खिलाफ अपनी आवाज उठाना था।

थाली, ताली और कंटेनर बजाकर प्रदर्शन

आंदोलन के 500 दिन पूरे होने पर किसानों ने तहसील परिसर से लगभग 500 मीटर लंबा जुलूस निकाला। इस दौरान उन्होंने थाली, ताली और कंटेनर बजाकर सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की। किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार ‘कुंभकर्ण’ की तरह सो रही है और उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है।

भारतीय किसान यूनियन का समर्थन

भारतीय किसान यूनियन के राज्य अध्यक्ष करम सिंह पड्डा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें छह बार यह आश्वासन दिया कि उनकी समस्या का समाधान जल्द होगा। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा किसानों की मांगों को अनदेखा करना बेहद निंदनीय है।

“सरकार ने वादे किए और भूल गई”

किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने कई बार उनकी समस्याओं के समाधान का वादा किया, लेकिन हर बार उन्हें भुला दिया गया। किसानों को मजबूर होकर सड़कों पर उतरना पड़ा और कुंभकर्णी नींद में सो रही सरकार को जगाने के लिए थाली और कंटेनर बजाने पड़े। उन्होंने चेतावनी दी कि किसानों की उपेक्षा किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

प्रदर्शन के पीछे की रणनीति

किसानों का यह आंदोलन लंबे समय से चल रहा है। उनका कहना है कि उनकी जमीनें उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत हैं। अगर सरकार ने उनकी मांगें पूरी नहीं कीं, तो उनका जीवन कठिनाइयों से भर जाएगा।

सरकार पर आरोप

किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार ने केवल वादे किए और उन पर अमल नहीं किया। उनका कहना है कि किसान समाज की रीढ़ हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्याओं को हल करने में असफल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार ने जल्द ही कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे।

किसान आंदोलन का प्रभाव

500 दिन पूरे होने के बाद यह आंदोलन न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है। किसानों की मांगें पूरी न होने पर यह आंदोलन अन्य क्षेत्रों में भी फैल सकता है।

किसानों की मांगें

आंदोलन को मिले समर्थन

इस आंदोलन को भारतीय किसान यूनियन और अन्य किसान संगठनों का समर्थन प्राप्त हुआ है। इसके अलावा, स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने भी इस आंदोलन में हिस्सा लिया।

उधम सिंह नगर के किसानों का यह आंदोलन उनकी जमीनी हक और अधिकारों की रक्षा के लिए है। सरकार को किसानों की समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और उनकी मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करना चाहिए। यह आंदोलन न केवल किसानों के संघर्ष का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि जब जनता की समस्याओं को नजरअंदाज किया जाता है, तो वे अपने अधिकारों के लिए संगठित होकर खड़े होते हैं।

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