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Uttarakhand News: सड़क खुदाई की अनुमति में अब होगी सार्वजनिक भागीदारी, DM ने जारी किए निर्देश

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Uttarakhand News: सड़क खुदाई विकास कार्यों के लिए जरूरी हो सकती है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आम जनता को बिना वजह परेशानी में डाला जाए। उत्तराखंड के जिलाधिकारी सविन बंसल ने सड़क कटाई के मामलों में निर्माण एजेंसियों और ठेकेदारों की जिम्मेदारी तय करने के लिए एक नया कदम उठाया है। उन्होंने आदेश दिया है कि अब सड़क कटाई की अनुमति के मामलों में आम जनता को भी बैठक में शामिल किया जाएगा। इस संदर्भ में एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया जाएगा ताकि जनता को बैठक में भाग लेने का अवसर मिले।

सार्वजनिक भागीदारी का महत्व

बुधवार को सड़क कटाई की अनुमति को लेकर एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि सार्वजनिक भागीदारी से यह जानने में मदद मिलेगी कि क्या कहीं सड़कों की खुदाई मनमानी तरीके से की जा रही है या फिर काम समय पर पूरा हुआ है या नहीं। इसका उद्देश्य निर्माण एजेंसियों को अधिक जिम्मेदार बनाना है। इस बैठक में सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट शालिनी नेगी, कुमकुम जोशी, पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता मुकेश परमार, नवनीत पांडे, शिखा अग्रवाल, राहुल कपूर, संजय सिंह, आशीष भट्ट आदि अधिकारी भी उपस्थित थे।

GAIL की देरी पर नाराजगी

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि सड़क कटाई की अनुमति इस शर्त के साथ दी जा रही है कि कार्य को निर्धारित समय के भीतर पूरा किया जाएगा। उन्होंने पाया कि गैस लाइनों के लिए कार्य कर रहे जीएआईएल (GAIL) ने अपने कार्य को समय पर पूरा नहीं किया है। ऊर्जा निगम के कामों में भी ऐसी ही स्थिति सामने आई है। इस पर नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि पुराने कार्यों के पूरा होने तक नए कामों के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी।

पेयजल निगम को शर्तों के साथ अनुमति

जिलाधिकारी सविन बंसल ने पेयजल निगम को पुरानी लाइन की जगह नई लाइन बिछाने की अनुमति दी, लेकिन इसे शर्तों के साथ किया। उन्होंने निर्णय लिया कि पेयजल निगम का काम केवल शाम 5 बजे से 8 बजे तक या रात 8 बजे से 11 बजे तक किया जाएगा। इस दौरान निगम को नागल हटनाला में 105 किलोमीटर की उबड़-खाबड़ सड़कों और 5 किलोमीटर की पक्की सड़कों का काम 5 दिनों के भीतर पूरा करने का निर्देश भी दिया गया।

Uttarakhand News: सड़क खुदाई की अनुमति में अब होगी सार्वजनिक भागीदारी, DM ने जारी किए निर्देश

BSNL को भी रात में काम करने की अनुमति

सड़क कटाई की अनुमति को लेकर आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने BSNL को रात के समय काम करने की अनुमति भी दी। इसके साथ ही, स्मार्ट सिटी अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि वे स्मार्ट सिटी कार्यों के कारण क्षतिग्रस्त लाइनों के भुगतान की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू करें।

निर्माण एजेंसियों और ठेकेदारों पर निगरानी

इस बैठक में जिलाधिकारी सविन बंसल ने निर्माण एजेंसियों और ठेकेदारों को कड़ी चेतावनी दी कि वे किसी भी सूरत में निर्धारित समय सीमा का उल्लंघन न करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि कार्य समय पर पूरा नहीं किया गया, तो उनसे भविष्य में कोई नई अनुमति नहीं दी जाएगी। उनका मानना है कि सार्वजनिक राय और निगरानी के जरिए इन एजेंसियों पर दबाव डालना आवश्यक है ताकि जनता को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

सड़क कटाई कार्यों के लिए जिम्मेदारी तय करना

इस नए कदम के तहत जिलाधिकारी ने यह सुनिश्चित किया है कि सड़क कटाई से संबंधित कार्यों में हर एक जिम्मेदार अधिकारी और एजेंसी को निश्चित रूप से जवाबदेह ठहराया जाएगा। इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि सड़क खुदाई के कार्यों में कोई भी अनावश्यक देरी या परेशानी नहीं होगी, और निर्माण एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी यदि वे निर्धारित समय सीमा का पालन नहीं करते हैं।

पब्लिक के सुझावों को ध्यान में रखा जाएगा

जिलाधिकारी ने इस बात का भी ध्यान रखा है कि जब सार्वजनिक राय को शामिल किया जाएगा, तो आम जनता के सुझावों और समस्याओं को भी गंभीरता से लिया जाएगा। इसके जरिए प्रशासन को यह पता चल सकेगा कि सड़क कटाई के दौरान जनता को कहां परेशानी हो रही है और कैसे इसे बेहतर तरीके से पूरा किया जा सकता है।

उत्तराखंड के जिलाधिकारी सविन बंसल द्वारा सड़क कटाई के मामलों में सार्वजनिक राय को शामिल करने का यह कदम निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इससे न केवल निर्माण एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा, बल्कि आम जनता को भी यह महसूस होगा कि उनकी समस्याओं और राय का ध्यान रखा जा रहा है। यह प्रक्रिया पारदर्शिता को बढ़ावा देगी और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समय पर पूरा होने में मदद करेगी।

इस पहल से यह उम्मीद जताई जा रही है कि अब सड़क कटाई के मामलों में कोई भी अव्यवस्था और मनमानी कार्यों की संभावना कम होगी, और प्रशासन और जनता के बीच बेहतर संवाद स्थापित होगा।

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