IPS Transfer: उत्तराखंड में IPS अधिकारियों के तबादले, राजीव स्वरोप को गढ़वाल DIG का पद सौंपा गया

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IPS Transfer: उत्तराखंड सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के पांच अधिकारियों के चार्ज में बदलाव किया है। गृह सचिव शैलेश बगोली द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अमित सिन्हा, जो राष्ट्रीय खेलों की तैयारी देख रहे थे, से सीसीटीएनएस और टेलीकम्युनिकेशन का जिम्मा वापस ले लिया गया है। अब यह जिम्मेदारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एपी अंशुमान को सौंप दी गई है, जो अब सीसीटीएनएस और टेलीकम्युनिकेशन के निदेशक जनरल के रूप में कार्य करेंगे।

नए पदस्थापन और जिम्मेदारियां

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वी. मुरुगेशन को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध और कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, राजीव स्वरोप, जो पहले इंटेलिजेंस विभाग में पोस्टेड थे, अब गढ़वाल पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आईजीपी) के रूप में तैनात किए गए हैं। गढ़वाल क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उनकी यह नई जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है। इस पद पर पहले तैनात आईपीएस अधिकारी करन सिंह नागन्याल को अब इंटेलिजेंस मुख्यालय में इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस सुरक्षा का पद सौंपा गया है।

गृह मंत्रालय द्वारा निर्देशित आईपीएस ट्रांसफर

यह बदलाव उत्तराखंड सरकार द्वारा की गई महत्वपूर्ण प्रशासनिक फेरबदल का हिस्सा है। यह राज्य की पुलिस व्यवस्था में एक नई ऊर्जा और दिशा लाने के लिए किया गया है। अब नए अधिकारी अपनी जिम्मेदारी संभालते हुए प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में काम करेंगे।

बाल आयोग द्वारा पुलिस से रिपोर्ट की मांग

उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने हरिद्वार में एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म और ट्यूनी में एक नाबालिग की मौत के मामले में गंभीरता से संज्ञान लिया है। आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने इन दोनों मामलों में पुलिस अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। आयोग का कहना है कि यह घटनाएं बेहद गंभीर हैं और उन्होंने पुलिस से अब तक की गई कार्रवाई का विवरण मांगा है।

हरिद्वार में नाबालिग के साथ दुष्कर्म का मामला

हरिद्वार में एक नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में पुलिस को कार्रवाई के बारे में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। आयोग का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए यह महत्वपूर्ण है कि पुलिस द्वारा अब तक किए गए सभी कदमों की समीक्षा की जाए। इसके साथ ही, आयोग ने ट्यूनी में हुई लड़की की मौत के मामले में भी पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। आयोग इन मामलों में पीड़ितों के परिजनों से मिलने का भी निर्णय लिया है।

बाल आयोग की राष्ट्रीय आयोग से अपील

डॉ. गीता खन्ना ने कहा कि बालिका के साथ दुष्कर्म का मामला काफी गंभीर है और पुलिस से पूरी जानकारी मांगी गई है। इसके अलावा, आयोग राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को एक पत्र भेजेगा ताकि इस तरह की घटनाओं को सख्ती से रोका जा सके। आयोग यह चाहता है कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले ताकि ऐसे अपराधों पर काबू पाया जा सके।

ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात व्यवस्था सुधारने की कोशिश

उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने मोहल्ला समिति की बैठक का आयोजन किया। बैठक में समिति के सदस्य नकल और राजीव लखेड़ा ने हिमालयन मॉडल हाई स्कूल के पास स्पीड ब्रेकर और सीसीटीवी कैमरे लगाने का सुझाव दिया। इसी तरह, राहुल सिंह और लक्ष्मण ने कंगरी में बच्चों द्वारा वाहन चलाने और त्रिपल राइडिंग करने के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

ट्रैफिक पुलिस की ओर से सख्त कदम

ट्रैफिक पुलिस के उप निरीक्षक अमरवीर सिंह और वीरेंद्र पांडे ने बताया कि जल्द ही स्कूल प्रबंधकों और ग्रामीणों के साथ बैठक की जाएगी। इस बैठक में यह अपील की जाएगी कि छोटे बच्चों को वाहन न दें और उन्हें ओवरस्पीडिंग से बचने की सलाह दी जाएगी। अगर कोई व्यक्ति यातायात नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुलाकात के दौरान सुझाव और विचार विमर्श

बैठक में ग्रामीणों और समिति के सदस्यों ने अपनी राय व्यक्त की और यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई सुझाव दिए। ट्रैफिक पुलिस ने इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। यह बैठक यह दिखाती है कि पुलिस प्रशासन और स्थानीय लोगों के बीच बेहतर संवाद की जरूरत है ताकि समस्याओं का हल निकाला जा सके।

यातायात सुरक्षा में सुधार के लिए सतत प्रयास

यातायात सुरक्षा के लिए पुलिस की यह पहल ग्रामीण इलाकों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां सड़क दुर्घटनाओं की संख्या अधिक होती है। खासकर जब छोटे बच्चे बिना किसी सुरक्षा के वाहनों का इस्तेमाल करते हैं। पुलिस प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी ली है कि ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाए जाएं और गांवों में सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।

उत्तराखंड सरकार द्वारा आईपीएस अधिकारियों के तबादले और बाल आयोग द्वारा पुलिस से रिपोर्ट की मांग जैसे कदम राज्य में कानून व्यवस्था को सुधारने और अपराधों पर नियंत्रण पाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। इसके साथ ही, ग्रामीण इलाकों में यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए उठाए गए कदम पुलिस प्रशासन की तत्परता को दर्शाते हैं। इन सभी कदमों का उद्देश्य उत्तराखंड में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाना है, ताकि नागरिकों को सुरक्षित और आरामदायक जीवन मिल सके।

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