Uttarakhand में राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयारियां जोरों पर, 31 करोड़ की लागत से बने शूटिंग रेंज में खिलाड़ियों की प्रैक्टिस शुरू
Uttarakhand: उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारियां जोरों पर हैं। हाल ही में महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम में बने नए शूटिंग रेंज में खिलाड़ियों का प्रशिक्षण शिविर शुरू किया गया है। इस शिविर में 31 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। हालांकि, अभी तक खिलाड़ियों को इलेक्ट्रॉनिक लक्ष्य उपलब्ध नहीं हो सके हैं और वे केवल प्रिंटेड स्टिकर्स पर निशाना साध रहे हैं। खेल निदेशालय का दावा है कि जल्द ही खिलाड़ी इलेक्ट्रॉनिक टारगेट्स पर अभ्यास करेंगे।
तीन तरह की शूटिंग रेंज तैयार
महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम के शूटिंग रेंज में 10, 25 और 50 मीटर की तीन अलग-अलग रेंज बनाई जा रही हैं।
- 10 मीटर रेंज: 66 इलेक्ट्रॉनिक टारगेट लगाए जाएंगे।
- 25 मीटर रेंज: 60 इलेक्ट्रॉनिक टारगेट लगाए जाएंगे।
- 50 मीटर रेंज: 40 इलेक्ट्रॉनिक टारगेट लगाए जाएंगे।
उत्तराखंड शूटिंग के मुख्य कोच अरुण सिंह ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक टारगेट्स के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कंपनी की टीम ने हाल ही में रेंज का दौरा कर मार्किंग का काम पूरा कर लिया है। अब केवल इलेक्ट्रॉनिक टारगेट्स को इंस्टॉल करना बाकी है, जो अगले कुछ दिनों में पूरा कर लिया जाएगा।
25 दिसंबर तक पूरा होगा काम
सहायक कोच रोहित कुमार प्रजापति ने बताया कि रेंज में लाइटिंग और अन्य सभी कार्य 25 दिसंबर तक पूरे करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने भरोसा जताया कि यह काम समय पर पूरा हो जाएगा।
पुलिस टीम भी कर रही है अभ्यास
राष्ट्रीय खेलों के लिए चल रहे शिविर में देहरादून, पिथौरागढ़, खटीमा, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर समेत अन्य जिलों के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। इसके साथ ही, उत्तराखंड पुलिस की टीम भी लगातार अभ्यास कर रही है।
- इस टीम में चार महिला जवान भी शामिल हैं।
- कोच और सब-इंस्पेक्टर हेमलता सेमवाल ने बताया कि रेंज लगभग तैयार है।
- उत्तराखंड पुलिस के जवान और राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ी पूरी मेहनत से प्रैक्टिस कर रहे हैं।
31 करोड़ की लागत से बना अत्याधुनिक भवन
शूटिंग रेंज के लिए भवन का निर्माण दिसंबर 2022 में पूरा हुआ था। इसे 31 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है।
- ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर पर तीन अलग-अलग शूटिंग रेंज बनाई गई हैं।
- हालांकि, इन रेंज का काम मार्च 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य था।
- चुनावों के दौरान भवन का उपयोग होने के कारण इसे अक्टूबर तक बढ़ाया गया और अब इसे 25 दिसंबर को अंतिम समय सीमा के रूप में तय किया गया है।
राष्ट्रीय खेलों के लिए विशेष तैयारी
राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी इस शिविर में अपनी तकनीक सुधारने और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं। शिविर में भाग ले रहे एक खिलाड़ी ने बताया, “यह हमारी जिंदगी का बड़ा मौका है। शूटिंग रेंज अत्याधुनिक है और यहां अभ्यास करने का अनुभव अद्भुत है।”
शूटिंग के प्रति बढ़ती रुचि
उत्तराखंड में शूटिंग खेल को लेकर खिलाड़ियों में काफी उत्साह है। यह नया शूटिंग रेंज न केवल राष्ट्रीय खेलों में प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को तैयारी का मौका देगा, बल्कि राज्य में शूटिंग को और अधिक बढ़ावा देगा।
चुनौतियां और समाधान
हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक टारगेट्स की अनुपलब्धता खिलाड़ियों के लिए फिलहाल एक चुनौती बनी हुई है। लेकिन खेल निदेशालय ने यह स्पष्ट किया है कि यह समस्या जल्द ही हल कर दी जाएगी। कोच अरुण सिंह ने कहा, “हमारी कोशिश है कि खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। इलेक्ट्रॉनिक टारगेट्स लगने के बाद यह रेंज देश के बेहतरीन शूटिंग रेंज में से एक होगी।”
महिला खिलाड़ियों की भागीदारी बढ़ी
इस शिविर में महिला खिलाड़ियों की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय है। उत्तराखंड पुलिस की चार महिला जवान भी इस शिविर में हिस्सा ले रही हैं। यह राज्य में महिलाओं के खेलों में बढ़ते योगदान को दर्शाता है।
भविष्य की योजनाएं
उत्तराखंड खेल विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि शूटिंग रेंज का निर्माण केवल राष्ट्रीय खेलों तक सीमित न रहे। इसे भविष्य में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा, रेंज में नए खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे।
महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम का यह नया शूटिंग रेंज न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह रेंज राज्य के खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा निखारने और राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने का मंच प्रदान करेगा।
राष्ट्रीय खेलों के लिए 31 खिलाड़ियों का शिविर और पुलिस टीम का अभ्यास यह साबित करता है कि उत्तराखंड खेलों को लेकर गंभीर है। इस रेंज के जरिए न केवल खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि राज्य में शूटिंग खेल को भी नई ऊंचाई मिलेगी।