Dehradun: देहरादून में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत सड़क पर स्पीड ब्रेकर और जेब्रा क्रॉसिंग बनाए जा रहे हैं, लेकिन इन निर्माणों की वजह से लगातार दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। खासकर घंटाघर के पास बने नए स्पीड ब्रेकरों ने लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। यहां बने स्पीड ब्रेकरों के बारे में कोई संकेतक नहीं लगाए गए थे, जिसके कारण लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं। स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि इन स्पीड ब्रेकरों की कोई जानकारी न होने की वजह से लोग गिरकर चोटिल हो गए। इन हादसों में से एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक मासूम बच्चा गिरकर घायल हो गया।
घंटाघर पर सात दुर्घटनाएं, मासूम बच्चा भी घायल
स्थानीय लोगों के अनुसार सोमवार को घंटाघर के पास स्पीड ब्रेकर के कारण सात दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें से दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके अलावा एक तीन साल का बच्चा भी इस हादसे में बुरी तरह घायल हुआ। बच्चा हादसे के बाद काफी डर गया और लगातार अपने माता-पिता को पुकारता रहा। जब बाइक सवार दुर्घटनाग्रस्त हुए तो बच्चा अपनी मां के हाथ से गिरकर काफी दूर तक जा गिरा। जैसे ही उसके पिता उसे पहुंचे, उसने अपने पिता को गले लगा लिया और जोर-जोर से रोने लगा। यह दृश्य सभी को विचलित करने वाला था।
स्थानीय प्रशासन और PWD की ओर से की गई लापरवाही
स्मार्ट सिटी और PWD के अधिकारियों के अनुसार, घंटाघर के पास नए स्पीड ब्रेकर का निर्माण किया गया है, लेकिन इस निर्माण के साथ कोई संकेतक या पेंटिंग नहीं की गई थी। स्मार्ट सिटी के जनसंपर्क अधिकारी, प्रेणना ढ्यानी ने इस बारे में कहा कि स्पीड ब्रेकर के निर्माण के दौरान पेंटिंग करना संभव नहीं था, इसलिए सड़क पर बैरियर लगाकर इसे बंद कर दिया गया था। हालांकि, यह कदम लोगों के लिए कोई सुरक्षा नहीं प्रदान कर सका और दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ गई।
रोड सेफ्टी को लेकर प्रशासन से उठ रहे सवाल
देहरादून शहर में हो रही इन दुर्घटनाओं के बाद अब प्रशासन और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। लोगों का कहना है कि अगर इन स्पीड ब्रेकरों को लगाने से पहले संकेतक लगाए गए होते, तो दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आ सकती थी। स्मार्ट सिटी और PWD की लापरवाही के कारण जनता को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं, पुलिस और प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि वे इन घटनाओं से सबक लें और भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो।
स्पीड ब्रेकर और जेब्रा क्रॉसिंग का उद्देश्य
स्पीड ब्रेकर और जेब्रा क्रॉसिंग सड़क सुरक्षा के लिए बनाए जाते हैं, ताकि वाहन चालक अपनी गति को नियंत्रित करें और पैदल चलने वालों को सुरक्षित पारगमन सुनिश्चित किया जा सके। लेकिन यदि इन सुविधाओं को उचित तरीके से स्थापित नहीं किया जाता है, तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं। स्मार्ट सिटी के तहत जो स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं, वे सड़क पर बिना संकेतों के मौजूद हैं, जो दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि इन स्पीड ब्रेकरों के साथ सही ढंग से चेतावनी संकेतक और पेंटिंग की जाए, ताकि लोगों को इसकी जानकारी मिल सके और दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
राजपुर रोड पर नई डिवाइडर और सड़क सुरक्षा के उपाय
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत अब राजपुर रोड पर भी नए डिवाइडर लगाए जा रहे हैं, ताकि सड़क पर वाहनों की गति को नियंत्रित किया जा सके और दुर्घटनाओं की संभावना कम हो सके। इसके अलावा, ONGC चौक पर भी स्पीड ब्रेकर और जेब्रा क्रॉसिंग बनाए गए थे, लेकिन वहां भी इसी प्रकार की समस्याएं सामने आई हैं। प्रशासन की ओर से इन सुधारों के बावजूद, अगर उचित संकेतक और सुरक्षा व्यवस्था नहीं होगी, तो इन कदमों का कोई असर नहीं होगा।
प्रशासन और पुलिस की जिम्मेदारी
इन घटनाओं के बाद अब प्रशासन और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन और पुलिस पहले से ही इस समस्या पर ध्यान देते और सुरक्षा व्यवस्था को प्रभावी बनाते, तो इन दुर्घटनाओं को टाला जा सकता था। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे निर्माणों के बाद ठीक से संकेतक लगाए जाएं और सड़क सुरक्षा को लेकर जनता को जागरूक किया जाए।
देहरादून शहर में हो रहे सड़क हादसों से यह साबित होता है कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत किए गए निर्माणों की कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता है। जब तक सड़क सुरक्षा के उपायों को सही तरीके से लागू नहीं किया जाता, तब तक इन दुर्घटनाओं की रोकथाम मुश्किल होगी। प्रशासन और पुलिस को चाहिए कि वे इन घटनाओं से सीखें और भविष्य में इस तरह की लापरवाही से बचें, ताकि शहरवासियों को सुरक्षित सड़क यातायात सुनिश्चित किया जा सके।
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