Hajj Yatra 2025: भारत के हज यात्रियों के लिए एक अहम खबर सामने आई है। भारतीय सरकार ने संसद में बताया है कि 2025 के लिए सऊदी अरब ने भारत को कुल 1,75,025 हज यात्रियों का कोटा आवंटित किया है। यह कोटा भारतीय हज समिति और हज ग्रुप आयोजकों (HGO) के बीच बांटा जाएगा। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने यह जानकारी सोमवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
भारत को 2025 में मिलेगा 1,75,025 हज यात्रियों का कोटा
राज्यसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, 2025 के लिए सऊदी अरब द्वारा भारत को आवंटित किया गया कुल हज कोटा 1,75,025 यात्रियों का है। इस कोटे का वितरण भारतीय हज समिति और हज ग्रुप आयोजकों (HGO) के बीच 70:30 के अनुपात में किया गया है। इसका मतलब यह है कि हज ग्रुप आयोजकों को 30 प्रतिशत यानी 52,507 हज यात्रियों का कोटा मिलेगा, जबकि भारतीय हज समिति को 70 प्रतिशत का कोटा दिया जाएगा। यह कोटा सऊदी अरब और भारत के बीच किए गए द्विपक्षीय समझौते के तहत तय किया गया है, जिसमें कई अहम पहलुओं का ध्यान रखा जाता है।
हज यात्रा की 40 दिन की लंबी प्रक्रिया
हज यात्रा एक बेहद महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जो मुस्लिम समुदाय के लिए अत्यधिक पवित्र माना जाता है। यह यात्रा 40 दिनों की होती है, जिसमें पहले 10 दिन मदीना शहर में बिताए जाते हैं। मदीना में रहकर हज यात्री वहां के धार्मिक स्थल और मस्जिदों का दौरा करते हैं। इसके बाद, हज यात्री मक्का में जाते हैं, जहां कई धार्मिक परंपराएं निभाई जाती हैं। मक्का में हज यात्री तवाफ करते हैं, जिसका मतलब है कि वे काबा के चारों ओर सात चक्कर लगाते हैं, जो हज का एक अहम हिस्सा है।
इसके अतिरिक्त, हज यात्रा के दौरान हज यात्री विभिन्न पहाड़ी क्षेत्रों का दौरा करते हैं, जहां वे शैतान की दीवार पर पत्थर फेंकते हैं। इसके बाद, ईद-उल-अज़हा के अवसर पर जानवरों की बलि दी जाती है। काबा में स्थित काले पत्थर को चुमना भी हज के दौरान एक विशेष धार्मिक क्रिया मानी जाती है।
हज कोटा का आवंटन और बारीकियां
सऊदी अरब का यह नियम है कि प्रत्येक मुस्लिम देश के लिए उसकी जनसंख्या के हिसाब से हज का कोटा तय किया जाता है। इसका मतलब यह है कि हर 1000 मुस्लिम जनसंख्या के लिए एक हज यात्री का कोटा दिया जाता है। हालांकि, प्रत्येक देश अपने हज कोटे को बढ़ाने की कोशिश करता है और इसके लिए सऊदी अरब से वार्ता भी की जाती है।
भारत और सऊदी अरब के बीच इस कोटे के आवंटन के लिए एक द्विपक्षीय समझौता किया गया है। इस समझौते के तहत भारत को एक निश्चित संख्या में हज यात्रियों का कोटा मिलता है, जो सऊदी अरब की सरकार द्वारा निर्धारित होता है। इसके अलावा, भारतीय हज समिति और हज ग्रुप आयोजकों (HGO) के बीच कोटे का वितरण भी इस समझौते का हिस्सा होता है।
सऊदी अरब और भारत के बीच समझौते का महत्व
भारत और सऊदी अरब के बीच हुए इस द्विपक्षीय समझौते का विशेष महत्व है क्योंकि यह न केवल हज यात्रियों के लिए एक बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करता है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूती प्रदान करता है। इस समझौते के जरिए भारत को हज यात्रा के लिए आवश्यक संसाधन और मार्गदर्शन मिलता है, जिससे भारतीय हज यात्रियों के लिए यात्रा सुगम बनती है।
हज यात्रा के लिए जरूरी नियम और शर्तें
हज यात्रा के लिए आवेदन करने के लिए कुछ विशेष नियम और शर्तें हैं, जिन्हें हज यात्रियों को मानना होता है। हज यात्रा के लिए आवेदन करने वाले व्यक्तियों को भारतीय हज समिति या हज ग्रुप आयोजकों के माध्यम से आवेदन करना होता है। इसके अलावा, हज यात्रा के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, जैसे पासपोर्ट, चिकित्सा प्रमाणपत्र, और अन्य आवश्यक दस्तावेज।
भारत में हज यात्रा के लिए तैयारी
भारत में हज यात्रा के लिए हर साल लाखों मुस्लिम श्रद्धालु आवेदन करते हैं। हज यात्रा का आयोजन भारतीय हज समिति द्वारा किया जाता है, जो हज यात्रा से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं का संचालन करती है। इसके अलावा, हज ग्रुप आयोजक (HGO) भी हज यात्रा को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन आयोजकों के द्वारा हज यात्रियों को यात्रा की सुविधा, आवास, और अन्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
2025 के लिए भारत को कुल 1,75,025 हज यात्रियों का कोटा आवंटित किया गया है, जिसे भारतीय हज समिति और हज ग्रुप आयोजकों के बीच 70:30 के अनुपात में बांटा गया है। हज यात्रा एक अत्यधिक पवित्र यात्रा है, जो मुस्लिम समुदाय के लिए अत्यंत महत्व रखती है। भारत सरकार और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय समझौते के तहत हज यात्रा के कोटे का आवंटन किया जाता है, जो दोनों देशों के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को भी प्रगाढ़ बनाता है।
हज यात्रा के लिए आवेदकों को कुछ आवश्यक दस्तावेजों और नियमों का पालन करना होता है, और यह यात्रा भारतीय हज समिति और हज ग्रुप आयोजकों के माध्यम से की जाती है।
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