Divyanshu Pandey Death: दिव्यांशु पांडे की मौत और दोस्त सुमित यादव की धमकी
Divyanshu Pandey Death: दिव्यांशु पांडे (20), जो हल्दूचौड़ के दौलिया गांव का रहने वाला था, का निधन एक संदिग्ध परिस्थिति में हुआ। पुलिस ने इस मामले में सुमित यादव के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिसने दिव्यांशु के परिवार को फोन करके धमकी दी थी कि अगर उसे इस मामले में फंसाया गया, तो वह जेल से रिहा होने के बाद अपनी पूरी परिवार को मार डालेगा। यह घटना परिवार और गांव के लिए एक बड़े रहस्य के रूप में सामने आई है, और अब पुलिस इसकी जांच कर रही है। आइए जानते हैं इस मामले के बारे में पूरी जानकारी।
दिव्यांशु की रहस्यमयी मौत
दिव्यांशु पांडे, जो हल्दूचौड़ स्थित एक कॉलेज से बी.कॉम ऑनर्स की पढ़ाई कर रहा था, 3rd सेमेस्टर का छात्र था और अपने परिवार का इकलौता बेटा था। शनिवार को दिव्यांशु ने अपने घर से कॉलेज जाने की बात कहकर घर छोड़ा था, लेकिन यह कोई और नहीं जानता था कि वह कभी कॉलेज नहीं पहुंचेगा। दरअसल, कॉलेज उस दिन बंद था, और दिव्यांशु के घरवालों को इस बात की जानकारी नहीं थी।
शाम 3:15 बजे दिव्यांशु के दोस्त सुमित यादव ने उसकी मां को फोन करके बताया कि दिव्यांशु ने खुद को एफटीआई के जंगल में फांसी लगा ली है। वह यह भी कहता है कि वह दिव्यांशु के शव को नीचे उतार चुका है। इसके बाद दिव्यांशु के परिजनों ने जंगल में तलाश शुरू की, और शाम 5:45 बजे पुलिस ने दिव्यांशु का शव एक पेड़ के नीचे से बरामद किया।
सुमित यादव की धमकी
दिव्यांशु के पिता गोपाल दत्त पांडे ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि सुमित यादव ने फोन करके यह चेतावनी दी थी कि अगर उसे इस घटना में फंसाया गया, तो वह जेल से रिहा होने के बाद पूरी पांडे परिवार को मार डालेगा। गोपाल पांडे का कहना था कि यह धमकी सीधे तौर पर दिव्यांशु की आत्महत्या से जुड़ी हुई है। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने सुमित यादव के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।
पुलिस जांच और पोस्टमॉर्टम
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। पुलिस अधिकारी सीओ सिटी नितिन लोहानी ने कहा कि मामले की प्राथमिक जांच के अनुसार, दिव्यांशु की मौत आत्महत्या लग रही है, लेकिन पूरी तरह से कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही साफ हो पाएगा। रविवार को पुलिस ने वीडियोग्राफी के तहत डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा पोस्टमॉर्टम कराया।
दो दोस्तों से पूछताछ
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में दो अन्य छात्रों के नाम सामने आए हैं, जिनकी पहचान की जा रही है। पुलिस ने इन दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। इस जांच में यह बात सामने आई है कि सुमित और दिव्यांशु अच्छे दोस्त थे, और उनका आपसी संबंध काफी गहरा था। पुलिस इस संबंध में और जानकारी जुटाने में लगी हुई है कि क्या सुमित यादव का दिव्यांशु की मौत में कोई हाथ है या यह एक पूरी तरह से आत्महत्या का मामला है।
गांव और परिजनों की प्रतिक्रिया
दिव्यांशु की मौत के बाद उनके गांव दौलिया के लोग सदमे में हैं। गांव वाले इसे एक दुखद घटना मानते हैं और दिव्यांशु के परिवार के साथ खड़े हैं। लोगों का कहना है कि दिव्यांशु एक शांत और समझदार लड़का था, जो अपनी पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहता था। उसके अचानक मरने से सभी हैरान हैं। गांव के लोग यह भी मानते हैं कि अगर सुमित यादव ने दिव्यांशु को इस कदम के लिए उकसाया था, तो उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
आत्महत्या या साजिश?
यह मामला अब गहरे रहस्य में बदल चुका है। एक ओर जहां पुलिस आत्महत्या के संकेत देख रही है, वहीं दूसरी ओर दिव्यांशु के परिजनों और गांव के लोगों का कहना है कि यह कोई आत्महत्या नहीं हो सकती। वे मानते हैं कि दिव्यांशु को उकसाया गया था और सुमित यादव की धमकी से इस मामले का गहरा संबंध हो सकता है। इस मामले की जांच अब पुलिस के लिए चुनौती बन चुकी है।
दिव्यांशु पांडे की मौत के बाद जो घटनाएं सामने आई हैं, वह इस पूरे मामले को और भी जटिल बना देती हैं। सुमित यादव की धमकी और उसके बाद दिव्यांशु की आत्महत्या की खबर, यह सवाल उठाती है कि क्या यह आत्महत्या थी या एक सुनियोजित साजिश? फिलहाल पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है, और जल्द ही पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का पता चल सकेगा। इस मामले में सुमित यादव को कानून के तहत सजा दिलाने के लिए भी कार्यवाही की जा रही है।
समाज में ऐसी घटनाएं कई सवाल उठाती हैं, और हमें यह समझने की जरूरत है कि हर घटना के पीछे एक कहानी होती है। इस घटना के जरिए हमें यह सीखने को मिलता है कि आत्महत्या जैसे कदमों को गंभीरता से लिया जाए और ऐसे मामलों में तुरंत हस्तक्षेप करना बहुत जरूरी है।