Uttarakhand News: हल्द्वानी में स्वास्थ्य कर्मी की लाश फांसी से लटकी मिली, पत्नी से आखिरी बातचीत के बाद की आत्महत्या

Spread the love

Uttarakhand News: हल्द्वानी के मुखानी क्षेत्र में एक स्वास्थ्य कर्मी का शव फांसी से लटका हुआ मिला, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई। मृतक की पहचान 33 वर्षीय सचिन डिगारी के रूप में हुई है, जो पिथौरागढ़ जिले के ऐंचोली गांव का मूल निवासी था। सचिन स्वास्थ्य विभाग में काम करता था और हाल ही में मुखानी क्षेत्र में किराए पर रह रहा था। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच जारी है।

सचिन की आखिरी बातचीत

जानकारी के अनुसार, सचिन ने अपनी पत्नी से आखिरी बार गुरुवार रात फोन पर बात की थी। सचिन की पत्नी भी स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं और चंपावत जिले में पदस्थ हैं। इसके बाद सचिन अपने कमरे में चला गया और रात करीब 12:15 बजे उसने फांसी लगा ली। इसका पता सबसे पहले उसके मकान मालिक को चला, जिन्होंने रात करीब 1:30 बजे सचिन को कमरे में फांसी से लटका हुआ देखा। मकान मालिक ने तुरंत पुलिस को सूचित किया।

पुलिस की कार्रवाई और जांच

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और सचिन को तत्काल सरकारी अस्पताल के शव परीक्षण केंद्र (STH) भेजा। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव का पोस्टमॉर्टम किया गया, और पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान सचिन के कमरे से कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है। ऐसे में आत्महत्या के कारणों का अभी तक कोई स्पष्ट पता नहीं चल पाया है, लेकिन पुलिस विभिन्न पहलुओं पर जांच कर रही है।

कोतवाल राजेश यादव ने कहा, “पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया है। फिलहाल जांच जारी है और किसी भी कारण से आत्महत्या करने की वजह का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।”

सचिन डिगारी का परिवार

सचिन डिगारी का परिवार पिथौरागढ़ के ऐंचोली गांव में रहता था। सचिन की पत्नी चंपावत जिले में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं। यह घटना सचिन के परिवार और पत्नी के लिए एक बड़ा आघात है। परिवार के लोग सचिन के आत्महत्या करने के कारणों को लेकर हैरान हैं और उन्हें इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि सचिन ने ऐसा कदम क्यों उठाया।

शोक में डूबा इलाका

हल्द्वानी के मुखानी क्षेत्र में सचिन की आत्महत्या की खबर ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। लोग यह सोचने पर मजबूर हैं कि आखिर एक स्वस्थ और कामकाजी व्यक्ति ने आत्महत्या का कदम क्यों उठाया। सचिन के साथ काम करने वाले उसके सहकर्मी और क्षेत्रीय लोग भी इस घटना को लेकर गहरे सदमे में हैं। वे कहते हैं कि सचिन एक अच्छा और सहयोगी व्यक्ति था, और कोई भी ऐसा संकेत नहीं था जिससे उसके आत्महत्या करने का अनुमान लगाया जा सके।

पुलिस द्वारा गहराई से जांच

पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है, और यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या सचिन के मानसिक स्थिति में कोई बदलाव आया था। इस दौरान पुलिस ने सचिन के दोस्तों, सहकर्मियों और परिवार के सदस्यों से पूछताछ की है। इस जांच में यह भी देखा जाएगा कि क्या सचिन के जीवन में कोई व्यक्तिगत या कार्य संबंधित तनाव था, जिससे वह आत्महत्या के विचारों तक पहुंचा।

आत्महत्या के कारणों पर सवाल

यह घटना आत्महत्या के कारणों पर कई सवाल खड़े करती है। खासकर जब बात की जाती है मानसिक स्वास्थ्य की, तो यह एक महत्वपूर्ण विषय बन जाता है। कई बार कार्य संबंधी दबाव, व्यक्तिगत समस्याएं और मानसिक तनाव व्यक्ति को आत्महत्या जैसे कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। हालांकि, इस घटना में अभी तक ऐसा कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है, लेकिन पुलिस और विशेषज्ञ इस दिशा में गहरी जांच कर रहे हैं।

मानसिक स्वास्थ्य और सहायता की आवश्यकता

यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। मानसिक तनाव, अकेलापन, और कार्य संबंधी दबाव आजकल के जीवन में आम समस्याएं बन गई हैं, जिनसे निपटना जरूरी है। मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि ऐसे मामलों की रोकथाम की जा सके। यह जरूरी है कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सही जानकारी दी जाए और लोगों को मानसिक समस्या होने पर मदद लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

परिवार और समाज का कर्तव्य

इस घटना से यह भी साबित होता है कि परिवार और समाज का कर्तव्य है कि वे एक-दूसरे के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें। यदि किसी व्यक्ति में मानसिक समस्या के संकेत मिलते हैं, तो तुरंत उसे मदद देने की आवश्यकता है। परिवार और दोस्तों को ऐसे मामलों में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए, ताकि व्यक्ति आत्महत्या जैसे गंभीर कदम उठाने से पहले सहायता प्राप्त कर सके।

सचिन डिगारी की आत्महत्या की घटना ने हल्द्वानी और पूरे उत्तराखंड में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह एक गंभीर मामला है, और इसके पीछे के कारणों को जानने के लिए पुलिस और संबंधित अधिकारियों द्वारा गहरी जांच की जा रही है। इस घटना से यह भी संदेश मिलता है कि हमें मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गंभीरता से विचार करना चाहिए और इसे लेकर समाज में जागरूकता फैलानी चाहिए। परिवार, दोस्त और समाज के सदस्य इस मामले में अपनी जिम्मेदारी निभाएं ताकि इस तरह की घटनाओं की रोकथाम की जा सके।

Exit mobile version