Haridwar: पुलिस ने किया हत्याकांड का खुलासा, पैसा फिर बना मौत की वजह, साथ जाम छलकाने वाले ही निकले हत्यारे
हरिद्वार। 24 दिसंबर को थाना श्यामपुर क्षेत्रांतर्गत रवासन नदी के किनारे एक अज्ञात व्यक्ति की लाश मिली। शव की स्थिति से स्पष्ट था कि उसकी हत्या की गई है। मौके पर एसपी सिटी, सीओ सिटी, थाना श्यामपुर पुलिस टीम पहुंची एवं फॉरेंसिक टीम द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण कर जरूरी साक्ष्य एकत्र किए गए। कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल द्वारा एसपी सिटी से वार्ता कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। मौके व आसपास कई लोगों से पूछताछ के बाद भी मृतक की पहचान नहीं हो पाई थी। कुछ दिन की मेहनत के बाद भी मृतक की शिनाख्त न हो पाना, पुलिस के लिए एक बड़ा चैलेंज बन गया था। एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल द्वारा थाना श्यामपुर पुलिस व सीआईयू हरिद्वार की संयुक्त टीमें गठित कर प्रकरण के खुलासे के निर्देश दिए। पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी सीओ सिटी जूही मनराल के सुपुर्द कर समय-समय पर एसपी सिटी पंकज गैरोला से मामले की जानकारी ली गई।
गठित टीमों द्वारा आसपास मजदूरो की मौजूदगी और मौके की स्थिति के कारण लेबर के एंगल पर काम करते हुए आसपास रह रहे लगभग 1000 ठेकेदारों/लेबरों का एक एक का भौतिक सत्यापन किया गया जिसके लिए पुलिस टीम द्वारा दिन रात मेहनत की गई और मजदूरों द्वारा बताई गई एक-एक बात को व्यक्तिगत रूप से वेरीफाई किया गयाl साथ-साथ छोटी-छोटी कई टीम बनाकर गैर प्रांत उत्तरप्रदेश के बिजनौर, बलिया, नजीबाबाद, बरेली तक के थानों में जाकर भौतिक रूप से मृतक की शिनाख्त के प्रयास किए गए। मौके से उठाए गए डंप डाटा से प्राप्त लगभग 10000 से अधिक मोबाइल नंबरों में सभी को एक-एक कर फिल्टर करते हुए भौतिक रूप से या फोन के माध्यम से जानकारी की गई यहां तक कि उनके द्वारा बताई गई विभिन्न बातों का भी क्रॉस वेरिफिकेशन किया गया यह भी पता किया गया कि इस दौरान कहीं कोई गुमशुदगी तो नहीं है। घटनास्थल जंगल का होने के कारण और आसपास लेबर के अलावा अन्य कोई भी आबादी न होने के कारण भी कहीं कुछ पता नहीं चलपा रहा था।
मामले में दिलचस्प मोड तब आया जब घटनास्थल से कुछ दूरी पर स्थित रवासन के कांटे के एक कैमरे के फोकस का छोटा सा एंगल मुख्य हाईवे को कवर करता मिला। देर रात पेड़ों पर पड़ती मध्यम रोशनी की किरणों के आवाजाही का मैप तैयार कर टीम द्वारा संभावित गाड़ियों का चंडी चौक तक लगभग 20 किमी. तक पीछा किया गया। इस दौरान सिटी के लगभग 500 से भी ज्यादा कैमरों का गहराई से अवलोकन किया गया तब संभावित संदिग्ध मोटरसाइकिलों की गतिविधियों को देख मुखबिर तंत्र तथा टेक्निकल मदद से उक्त दोनों को कोतवाली नगर क्षेत्र में स्थित एक होटल तक जाते हुए चिन्हित किया गया। हरिद्वार पुलिस के लिए यह एक बहुत छोटी सी आशा की किरण थी जिसको पुलिस की कई टीमों द्वारा मिलकर डेवलप किया गया। इन सभी प्रयासों के पश्चात आखिरकार मृतक की पहचान अभय शर्मा उर्फ हनी निवासी पश्चिमी दिल्ली के रुप में हुई।
अधिक जानकारी के लिए दिल्ली का रुख करने पर पुलिस टीम को जानकारी मिली कि मृतक अय्याश किस्म का मौजी व्यक्ति था और हाल फिलहाल फ्लैट बिकने से काफी पैसों का मालिक भी हो गया था। अय्याश हरकतों के चलते मृतक का अपनी माता या घर वालों से कोई संबंध नहीं रखता थाl फिजिकली जानकारी इकट्ठा करने पर ये तथ्य सामने आए कि मृतक अपने परिवार से अलग रह कर अय्याश जिंदगी जी रहा था। जो सट्टा लगाने के साथ साथ दिल्ली क्षेत्र में लड़की सप्लाई करने का काम भी करता थाl मृतक हनी पिछले कुछ महीनों से आरोपी नीरज शुक्ला व नागेंद्र (दोनों पेशे से ड्राइवर हैं) से खास दोस्ताना रखता था और तीनों अय्याश होने के चलते लड़की बाजी तथा सट्टाबाजी का भी शौक रखते थे। मृतक का तांत्रिक विद्या पर विश्वाश होने पर वह सट्टे में मोटी रकम जीतने के लालच में कई बार तांत्रिक के पास जा चुका था। मृतक पर अय्याशी व सट्टे के कारण इधर उधर से लाखों का कर्जा होने पर उसने नीरज शुक्ला के माध्यम से भी लोगों से लाखों का उधार ले रखा था।
मृतक द्वारा नीरज से उधार लिए पैसे न लौटाने पर कर्जदार लगातार नीरज के पास आकर पैसे वापस मांग रहे थेl इसी बीच हाल ही में मृतक ने अपना दिल्ली स्थित फ्लैट बेचा था जिसकी उसे अच्छी रकम (लगभग 30 लाख) मिल गई थी। अपने अय्याश रवैए व सट्टे की लत के चलते मृतक ने फ्लैट बेच कर मिली रकम का काफी कुछ पैसा अय्याशी में उड़ा दिया था। मृतक द्वारा ऐसे ही पैसे उड़ाने पर नीरज द्वारा बार-बार मृतक को रोका जाता था और अपने एवं जिनसे उधार लिया था उनके पैसे वापस करने को बोला जाता था लेकिन बार-बार मांगने पर भी पैसे ना देने पर नीरज शुक्ला को लग गया था कि उसके लाखों रुपए अब डूबने वाले हैं।
इस पर नीरज ने अपने साथ नागेंद्र को लिया और दोनों ने एक प्लानिंग के तहत मृतक हनी के साथ दिन-रात उठना बैठना, साथ में शराब पीना करते हुए चुपके से मृतक के मोबाइल नंबर के पासवर्ड, एटीएम का पासवर्ड, बैंक का अकाउंट नंबर इत्यादि महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र कर ली। खुद की उधारी वापस न मिलने व मृतक के खाते में बची लाखों की धनराशि को हड़पने के लिए आरोपियों ने मृतक को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। क्योंकि मृतक सट्टा खेलने का आदि था और तांत्रिक प्रक्रिया को भी मानता था जिस कारण नीरज एक बार मृतक को कोलकाता तांत्रिक के पास लेकर गया था फिर नीरज द्वारा बताया गया कि हरिद्वार में एक बड़ा तांत्रिक है जो बिल्कुल सही सट्टे का नंबर बताता है इस पर मृतक ने नीरज की बात पर विश्वास कर लिया।
प्लान के मुताबिक आरोपी नीरज व नागेंद्र ने मृतक को तांत्रिक के पास ले जाने के बहाने हरिद्वार ले आए और सोची समझी साजिश के चलते रात को जब मृतक को पूरा नशा हो गया तब नशे की हालत में दोनों आरोपियों ने मुख्य सड़क से लगभग 200 मीटर अंदर सुनसान इलाके में नदी के बीच में जाने के बाद पीछे से गले में रस्सी लगा हनी का गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद आरोपियों ने पहचान मिटाने के लिए मौके पर ही मौजूद पत्थर से मृतक अभय शर्मा उर्फ हनी के चेहरे को बिगाड़ दिया ताकि कोई भी उसको पहचान ना पाए। इसके बाद उक्त दोनों आरोपी मृतक के पैसे, एटीएम और मोबाइल निकाल मृतक की बाइक को भी साथ लेकर चले गए और मृतक के पैसों से अय्याशी शुरू कर दी।
एक हत्यारोपी दबोचा, दूसरे की है तलाश
थाना श्यामपुर पुलिस टीम ने आरोपी नीरज को आज नहर पटरी सोनाली पुल के पास से दबोचकर उसके कब्जे से मृतक के खाते से निकाले गए ₹104000/- रुपए बरामद किए गए और मृतक के खाते में मौजूद लगभग ₹800000/- को फ्रिज करवाया गया। अन्य फरार आरोपी की तलाश में टीमें रवाना हैं।
मृतक का विवरण-
अभय शर्मा उर्फ हनी पुत्र सुखनंदन शर्मा निवासी 284 सुदर्शन पार्क मोती नगर रमेश नगर पश्चिमी दिल्ली उम्र-37 वर्ष
विवरण आरोपित-
नीरज शुक्ला पुत्र त्रिभुवन शुक्ला निवासी विकासपुरी दिल्ली (गिरफ्तार)
नागेंद्र पुत्र सिंहराज निवासी भुवापुर थाना तिगांव जिला फरीदाबाद (फरार)
बरामदगी
1,04,320 रुपए नगद केस(1 लाख चार हजार 320 रुपए)
मृतक के मोबाइल का सिम
घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल टीवीएस राइडर डीएल 4 एसडीयू 8837
मृतक का पंजाब एंड सिंध बैंक का एटीएम
नागेन्द्र का ओप्पो कंपनी का मोबाइल