Tamil Nadu: गजराज का कहर, गश्त कर रहे वन विभाग के कर्मचारियों की जीप पलटी, वीडियो वायरल

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Tamil Nadu: तमिलनाडु के नीलगिरी जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक जंगली हाथी ने रात के समय गश्त कर रही वन विभाग की टीम पर हमला कर दिया। इस हमले में हाथी ने वन विभाग की जीप को पलट दिया और उसके शीशे तोड़ दिए। घटना के दौरान वन विभाग के दो कर्मचारी घायल हो गए। यह घटना नीलगिरी जिले के पंडालूर इलाके की बताई जा रही है। पूरी घटना का वीडियो वन विभाग की टीम ने मोबाइल फोन में कैद किया है, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

हाथी ने पलट दी गश्ती जीप

मिली जानकारी के अनुसार, वन विभाग की टीम एक जीप में गश्त कर रही थी। गश्त के दौरान अचानक एक जंगली हाथी सड़क पर आ गया। वनकर्मी अपनी गाड़ी को पीछे ले जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन तभी हाथी ने तेज दौड़ते हुए जीप पर हमला कर दिया। हाथी ने पहले जीप के शीशे तोड़े और फिर पूरी जीप को पलट दिया। घटना के दौरान कर्मचारियों ने किसी तरह अपनी जान बचाई और भागने में सफल रहे।

पहले भी हो चुके हैं हाथी के हमले

यह पहली बार नहीं है जब इस क्षेत्र में हाथियों ने वनकर्मियों पर हमला किया हो। इससे पहले नवंबर में भी नीलगिरी के मुदुमलाई टाइगर रिजर्व (MTR) के मसिनागुड़ी वन क्षेत्र में एक जंगली हाथी ने एक वनकर्मी पर हमला कर दिया था। इस हमले में वनकर्मी घायल हो गया था। वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, घटना के समय हाथी कर्मचारी से लगभग 50 मीटर दूर था, लेकिन अचानक वह तेजी से उनकी ओर दौड़ पड़ा। इस हमले में वनकर्मी मरन के हाथ और कूल्हे पर चोटें आई थीं और उनके कुछ दांत भी टूट गए थे।

ओडिशा में भी हाथी का आतंक

तमिलनाडु की इस घटना के साथ-साथ ओडिशा के बलांगीर जिले से भी हाथी के हमले की खबर सामने आई है। यहां बंधनपाली गांव के पास एक हाथी के हमले में 40 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दो वनकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतक की पहचान देगांव गांव के निवासी रूपेश छत्रिया के रूप में हुई है। यह घटना तब हुई जब वन विभाग की टीम हाथी की गतिविधियों की निगरानी कर रही थी।

घटनास्थल पर तनावपूर्ण माहौल

तमिलनाडु की घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। स्थानीय लोगों ने वन विभाग से आग्रह किया है कि वे इन जंगली हाथियों के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए उचित कदम उठाएं। वहीं, वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे इस समस्या को हल करने के लिए विशेषज्ञों की मदद ले रहे हैं।

वन विभाग का बयान

घटना के बाद नीलगिरी वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि यह घटना गश्त के दौरान हुई थी। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों ने अपने स्तर पर हाथी को शांत करने की कोशिश की, लेकिन वह आक्रामक हो गया। अधिकारियों ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है और वन विभाग की टीम को अधिक सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

हाथियों के बढ़ते हमले: क्या है कारण?

विशेषज्ञों के अनुसार, जंगली हाथियों के इन हमलों के पीछे मानवीय हस्तक्षेप बड़ा कारण है। जंगलों में इंसानी दखल और अवैध कटाई की वजह से हाथियों के प्राकृतिक आवास पर असर पड़ रहा है। इसके चलते हाथी भोजन और पानी की तलाश में बस्तियों की ओर आ रहे हैं और इस दौरान आक्रामक हो जाते हैं।

समस्या का समाधान

वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या का समाधान जंगलों को संरक्षित करने और हाथियों के लिए उनके प्राकृतिक आवास को बहाल करने में है। इसके साथ ही, वन विभाग को भी गश्त के दौरान सतर्कता और आधुनिक उपकरणों का उपयोग करना चाहिए।

तमिलनाडु और ओडिशा की ये घटनाएं वन्यजीवों और इंसानों के बीच बढ़ते संघर्ष की चिंताजनक तस्वीर पेश करती हैं। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक है कि वन्यजीव संरक्षण और मानव सुरक्षा के बीच संतुलन बनाया जाए। वन विभाग और स्थानीय प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि इंसानों और वन्यजीवों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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