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Uttarakhand National Games: उत्तराखंड में ठंड में गर्म पानी में तैराकी, जल खेलों की शानदार शुरुआत

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Uttarakhand National Games: 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन उत्तराखंड में किया जा रहा है, और इन खेलों में तैराकी की प्रतियोगिता विशेष चर्चा का विषय बन गई है। खास बात यह है कि कड़ाके की ठंड के बावजूद, तैराकी की प्रतियोगिता गर्म पानी में आयोजित की जाएगी। इसके लिए हल्द्वानी के गौलापार स्टेडियम में तीन स्विमिंग पूल के पानी को गर्म रखने के लिए 16 हीट पंप की व्यवस्था की गई है। यह कदम उत्तराखंड के कड़े मौसम को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है ताकि खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

गर्म पानी में तैराकी का आयोजन

जनवरी और फरवरी के महीने में उत्तराखंड का मौसम अत्यधिक ठंडा होता है, खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में। ऐसे में, स्विमिंग प्रतियोगिता के आयोजन के लिए पानी को गर्म करने की जरूरत थी। राज्य खेल विभाग ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए तीन स्विमिंग पूल के पानी को गर्म रखने के लिए 16 हीट पंप की व्यवस्था की है। इन पंपों के जरिए स्विमिंग पूल में पानी का तापमान बनाए रखा जाएगा ताकि खिलाड़ियों को किसी प्रकार की शारीरिक परेशानी का सामना न करना पड़े।

Uttarakhand National Games: उत्तराखंड में ठंड में गर्म पानी में तैराकी, जल खेलों की शानदार शुरुआत

इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि आयोजकों ने खिलाड़ियों की सुविधा को प्राथमिकता दी है। ठंडे पानी में तैराकी करना एक कठिन चुनौती हो सकती थी, लेकिन गर्म पानी में प्रतियोगिता आयोजित करने से खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर सकारात्मक असर पड़ेगा। खेल विभाग के अधिकारियों का मानना ​​है कि इस व्यवस्था से राष्ट्रीय खेलों का आयोजन और भी सुचारू रूप से हो सकेगा।

यूरोप की ठंड के मुकाबले तैराकों की चुनौती

यद्यपि स्विमिंग के लिए पानी को गर्म किया जाएगा, लेकिन अन्य जल खेलों के लिए तापमान की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए विशेष इंतजाम किए गए हैं। खासकर केयाकिंग, कैनोइंग और रोइंग जैसी जल खेलों के आयोजन के लिए टिहरी झील को चुना गया है। इन खेलों में खिलाड़ियों को यूरोप के ठंडे पानी के मुकाबले भारतीय जलवायु में प्रतिस्पर्धा करनी होगी। उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव डीके सिंह के अनुसार, टिहरी में आयोजित होने वाले इन खेलों का तापमान लगभग 20 से 26 डिग्री के बीच रहेगा, जो कि यूरोप के ठंडे पानी के मुकाबले कहीं अधिक गर्म होगा।

यूरोप में जल खेलों का अभ्यास करने वाले खिलाड़ी इन खेलों में भाग लेने के लिए काफी तैयार हैं। वहां का मौसम और पानी का तापमान टिहरी से भी ठंडा होता है, जिससे हमारे खिलाड़ी पहले से ही ठंडे पानी में प्रतिस्पर्धा करने के आदी हैं। इस अनुभव का लाभ उठाते हुए, वे टिहरी में होने वाली प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे।

झील में बनेगी विशेष लेन

उत्तराखंड के टिहरी में केयाकिंग, कैनोइंग और रोइंग की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इन खेलों के लिए झील में अलग-अलग लेन बनाई जाएंगी ताकि खिलाड़ियों को अपनी प्रतिस्पर्धा में कोई रुकावट न आए। टिहरी झील के पानी में इन खेलों का आयोजन एक चुनौतीपूर्ण अनुभव होगा, क्योंकि झील में प्राकृतिक बाधाएं और पानी की गति खिलाड़ियों के लिए कठिनाइयां पैदा कर सकती हैं। हालांकि, इन बाधाओं को पार करने के लिए प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ी पूरी तरह से तैयार हैं।

इसके अलावा, शिवपुरी में स्लालम कैनोइंग की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जो जल खेलों का एक रोमांचक और चुनौतीपूर्ण हिस्सा है। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को एक निश्चित रास्ते पर चलते हुए विभिन्न बाधाओं को पार करना होगा, जो इसे और भी दिलचस्प बनाएगा।

राफ्टिंग के लिए टनकपुर का चयन

राफ्टिंग की प्रतियोगिता के आयोजन के लिए टनकपुर को चुना गया है, जो उत्तराखंड के एक प्रसिद्ध जल क्रीड़ा स्थल के रूप में जाना जाता है। राफ्टिंग के दौरान, प्रतियोगी तेज़ धाराओं के बीच अपने राफ्ट को नियंत्रित करने की चुनौती का सामना करेंगे। टनकपुर का वातावरण और जलधारा इस खेल के लिए उपयुक्त हैं, और यहां राफ्टिंग प्रतियोगिता का आयोजन खिलाड़ियों के लिए एक रोमांचक अनुभव होगा।

उत्तरी भारत में जल खेलों का भविष्य

उत्तराखंड के इन खेलों में जल क्रीड़ा के बढ़ते महत्व को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि राज्य में जल खेलों का भविष्य उज्जवल है। यहां की नदियां, झीलें और अन्य जल स्रोत जल खेलों के लिए एक बेहतरीन स्थान प्रदान करते हैं। इन खेलों का आयोजन न केवल खिलाड़ियों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा, बल्कि दर्शकों के लिए भी रोमांचक होगा।

उत्तराखंड में जल खेलों को बढ़ावा देने से राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यहां आने वाले पर्यटकों को जल खेलों की प्रतियोगिताओं का अनुभव मिलेगा, जो राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और साहसिक पर्यटन के अवसरों को बढ़ावा देगा। इसके अलावा, इन खेलों के आयोजन से राज्य की अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा, क्योंकि पर्यटकों और खिलाड़ियों के आने से स्थानीय व्यवसायों को फायदा होगा।

38वें राष्ट्रीय खेलों के तहत उत्तराखंड में आयोजित हो रही तैराकी और जल खेलों की प्रतियोगिताएं राज्य के खेल इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेंगी। गर्म पानी में तैराकी का आयोजन, टिहरी की झील में केयाकिंग और कैनोइंग, शिवपुरी में स्लालम और टनकपुर में राफ्टिंग, इन सभी खेलों के आयोजन से उत्तराखंड खेलों के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र बन सकता है। इन खेलों के सफल आयोजन से न केवल खिलाड़ियों को एक बेहतरीन मंच मिलेगा, बल्कि उत्तराखंड के जल खेलों के विकास की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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