Sambhal हिंसा के बीच Rahul Gandhi का काफिला ‘यूपी गेट’ पर रोका गया

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Sambhal:  उत्तर प्रदेश के संभल में सांप्रदायिक हिंसा के बाद वहां हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। कांग्रेस नेता Rahul Gandhi के संभल दौरे से पहले दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर गाजियाबाद के गाजीपुर बॉर्डर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा बैरिकेड तोड़ने और धरना देने के कारण यातायात जाम हो गया। यूपी पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है और वाहनों की जांच शुरू कर दी है।

संभल में धारा 163 के तहत प्रतिबंध, राहुल गांधी का काफिला रोका गया

संभल में तनावपूर्ण हालात के मद्देनज़र प्रशासन ने जिले में धारा 163 के तहत प्रतिबंध 31 दिसंबर तक बढ़ा दिए हैं। इसके तहत सार्वजनिक सभाओं और बड़ी भीड़ के इकट्ठा होने पर रोक है। राहुल गांधी का काफिला जब गाजियाबाद के ‘यूपी गेट’ पहुंचा तो उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह कदम सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तोड़े बैरिकेड, पुलिस से झड़प

राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को संभल का दौरा करने निकला। लेकिन, गाजीपुर फ्लाईओवर पर पुलिस ने उनके काफिले को रोक दिया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई। कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़ दिए और सड़क पर धरने पर बैठ गए।

राहुल गांधी ने पुलिस से अपील की है कि उन्हें सिर्फ चार लोगों के साथ संभल जाने की अनुमति दी जाए। फिलहाल पुलिस प्रशासन ने इस पर कोई फैसला नहीं किया है।

संभल में सांप्रदायिक तनाव: कैसे भड़की हिंसा?

संभल में सांप्रदायिक तनाव तब शुरू हुआ जब एक अदालत ने 19 नवंबर को एक मुगलकालीन मस्जिद का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया। दावा किया गया था कि मस्जिद के स्थान पर पहले एक हरिहर मंदिर हुआ करता था।

24 नवंबर को जब इस मस्जिद का दोबारा सर्वेक्षण किया गया तो स्थिति बिगड़ गई। शाही जामा मस्जिद के पास प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो गए और सुरक्षाकर्मियों से उनकी झड़प हो गई। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। तब से संभल में धारा 163 लागू है और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।

प्रशासन और कांग्रेस का आमना-सामना

संभल में हिंसा के बाद प्रशासन ने वहां राजनीतिक दलों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। कांग्रेस के मुताबिक, राहुल गांधी का यह दौरा हिंसा प्रभावित लोगों से मिलने और उनकी समस्याओं को सुनने के लिए था। लेकिन प्रशासन का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए नेताओं का दौरा करना स्थिति को और भड़का सकता है।

राहुल गांधी ने कहा कि वह केवल शांति और सहानुभूति का संदेश लेकर संभल जा रहे हैं और प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी यात्रा को रोका न जाए।

कार्यकर्ताओं का धरना जारी, यातायात बाधित

गाजीपुर फ्लाईओवर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का धरना जारी है। पुलिस ने यहां भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है। यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर जाम लग गया है।

पुलिस उपायुक्त स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा कि उन्हें हाईवे पर भीड़ जुटने की सूचना मिली थी और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।

राजनीतिक बयानबाज़ी तेज

इस घटना के बाद राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है। कांग्रेस ने प्रशासन पर राहुल गांधी को जानबूझकर रोकने का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि यह सरकार की “लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाने” की रणनीति है। वहीं, भाजपा ने कांग्रेस पर “सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने” का आरोप लगाया है।

संभल हिंसा: एक गंभीर चुनौती

संभल की हिंसा उत्तर प्रदेश सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। चार लोगों की मौत और कई के घायल होने के बाद यहां की स्थिति को नियंत्रित करना प्रशासन के लिए कठिन हो गया है। धारा 163 लागू होने के बावजूद, लोगों के बीच डर और तनाव की स्थिति बनी हुई है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का दावा

धरने पर बैठे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें अपने नेता के साथ संभल जाने से रोका जा रहा है, जो कि उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “हम केवल पीड़ित परिवारों से मिलना चाहते हैं और उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा देना चाहते हैं। प्रशासन हमें रोककर संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है।”

पुलिस और प्रशासन का रुख

पुलिस और प्रशासन का कहना है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सड़क पर बैठना और बैरिकेड तोड़ना कानून-व्यवस्था के लिए खतरा है। गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि राहुल गांधी और उनके काफिले को सुरक्षा के कारण रोका गया है।

संभल में हुई सांप्रदायिक हिंसा और उसके बाद उत्पन्न स्थिति ने राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर कई सवाल खड़े किए हैं। राहुल गांधी के दौरे को लेकर कांग्रेस और प्रशासन के बीच टकराव जारी है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मामले को कैसे सुलझाता है और क्या राहुल गांधी को संभल जाने की अनुमति मिलती है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सांप्रदायिकता और राजनीति के बीच एक संतुलन बनाना प्रशासन के लिए कितना मुश्किल है

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