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Earthquake: तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भूकंप के झटके, 20 वर्षों में सबसे शक्तिशाली भूकंप ने मचाई हलचल

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Earthquake: तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में बुधवार सुबह आए भूकंप ने लोगों को डरा दिया। तेलंगाना के मुलुगु जिले में 5.3 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया, जिससे हैदराबाद समेत राज्य के कई हिस्सों में झटके महसूस हुए। यह भूकंप सुबह 7:27 बजे आया, जिसने लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया। भूकंप की जानकारी नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने दी है।

भूकंप का केंद्र और गहराई

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप का केंद्र तेलंगाना के मुलुगु जिले में 18.44° उत्तर अक्षांश और 80.24° पूर्व देशांतर पर था। भूकंप 40 किलोमीटर की गहराई पर दर्ज किया गया।

Earthquake: तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भूकंप के झटके, 20 वर्षों में सबसे शक्तिशाली भूकंप ने मचाई हलचल

लोगों में दहशत, लेकिन कोई बड़ी क्षति नहीं

अब तक की जानकारी के अनुसार, भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है। प्रशासन ने स्थिति का जायजा लेना शुरू कर दिया है। हालांकि, इस घटना ने राज्य के नागरिकों में डर का माहौल पैदा कर दिया है। विशेषज्ञों ने लोगों से सतर्क रहने और असुरक्षित इमारतों से दूर रहने की सलाह दी है।

20 वर्षों में सबसे शक्तिशाली भूकंप

तेलंगाना वेदरमैन नामक एक एक्स (पूर्व में ट्विटर) उपयोगकर्ता ने बताया कि यह पिछले 20 वर्षों में तेलंगाना का सबसे शक्तिशाली भूकंप था। मुलुगु में 5.3 तीव्रता वाले भूकंप ने पूरे तेलंगाना और हैदराबाद में झटके पैदा किए।

तेलंगाना में भूकंप क्यों दुर्लभ है?

तेलंगाना भारत के सिस्मिक ज़ोन-II में स्थित है, जो भूकंपीय गतिविधियों के मामले में निम्न तीव्रता वाले क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। इस कारण, इस क्षेत्र में भूकंप आना बेहद दुर्लभ घटना है। हालांकि, बुधवार का भूकंप ने यह दर्शा दिया कि ऐसी घटनाएं कभी भी और कहीं भी हो सकती हैं।

भारत के सिस्मिक ज़ोन और भूकंप की तीव्रता

भारत को चार सिस्मिक ज़ोन में विभाजित किया गया है:

  1. ज़ोन-II: सबसे कम भूकंपीय गतिविधियों वाला क्षेत्र।
  2. ज़ोन-III: मध्यम तीव्रता वाले भूकंप का क्षेत्र।
  3. ज़ोन-IV: उच्च तीव्रता वाले भूकंप का क्षेत्र।
  4. ज़ोन-V: सबसे अधिक भूकंपीय गतिविधियों वाला क्षेत्र।

देश के 59% भूभाग में भूकंप का खतरा रहता है, जिसमें विभिन्न तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं। ज़ोन-II में तेलंगाना आता है, जो भूकंप के मामले में अपेक्षाकृत सुरक्षित है।

अन्य राज्यों में हालिया भूकंप

असम: 2.9 तीव्रता का भूकंप

30 नवंबर को असम के कार्बी आंगलोंग जिले में 2.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। यह भूकंप रात 2:40 बजे आया और इसका केंद्र 25 किलोमीटर की गहराई पर था।

जम्मू और कश्मीर: 5.8 तीव्रता का भूकंप

28 नवंबर को जम्मू और कश्मीर में 5.8 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में 165 किलोमीटर की गहराई पर था। हालांकि, इस घटना में किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।

भूकंप से बचाव के उपाय

भूकंप के दौरान और उसके बाद सतर्क रहना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों ने निम्नलिखित सुरक्षा उपाय सुझाए हैं:

  1. भूकंप के दौरान: मजबूत और सुरक्षित स्थान पर शरण लें, जैसे कि टेबल या किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे।
  2. भीड़भाड़ से बचें: खुले स्थान पर रहें और ऊंची या असुरक्षित इमारतों से दूर रहें।
  3. अपडेट्स पर नज़र रखें: स्थानीय प्रशासन और समाचार चैनलों से जुड़े रहें।

तेलंगाना के प्रशासन की भूमिका

तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के प्रशासन ने भूकंप के बाद तुरंत स्थिति की जांच शुरू कर दी। हालांकि, कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन प्रशासन लोगों को जागरूक करने और आपदा प्रबंधन योजनाओं पर काम करने में जुटा है।

तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भूकंप ने यह दर्शा दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सतर्कता और तैयार रहना कितना महत्वपूर्ण है। इस घटना ने यह भी बताया कि भूकंप जैसी आपदाओं के लिए प्रशासन और जनता को हमेशा तैयार रहना चाहिए।

आशा है कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में इस तरह की आपदाएं दोबारा न हों, और प्रशासन सुरक्षा उपायों को और मजबूत करे।

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