Uttarakhand: सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर ठगी गैंग का दूसरा सदस्य भी गिरफ्तार
गैंग लीडर को पहले ही भेजा जा चुका जेल
पौड़ी। 8 सितंबर को कोतवाली कोटद्वार पर मयंक नेगी, कोटद्वार द्वारा एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया गया। जिसमें बताया गया कि सतीश कुमार, निवासी-दिल्ली, सुभब्रत रॉय, निवासी- कृष्णानगर दिल्ली, द्वारा वादी को ईस्टर्न रेलवे में “ग्रुप–सी” की नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करके फर्जी नियुक्ति पत्र तथा इस्टर्न रेलवे का आई कार्ड देकर वादी से तीस लाख सत्तर हजार पांच सौ पचास रुपये मात्र ठग लिए गये हैं। इस शिकायती प्रार्थना पत्र के आधार पर कोतवाली कोटद्वार में मुकदमा पंजीकृत किया गया था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी, लोकेश्वर सिंह द्वारा आमजन के साथ हुयी इस धोखाधड़ी की घटना को गम्भीरता से लेते हुये अभियुक्तों की शीघ्र गिरफ्तारी हेतु निर्देशित किया गया था। उपरोक्त अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने हेतु पुलिस टीम द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा था लेकिन अभियुक्त शातिर किस्म के होने के कारण लगातार अपने ठिकाने बदल कर गिरफ्तारी से बच रहे थे, जिस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी द्वारा दोनों अभियुक्तों की गिरफ्तारी पर 5 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया गया था।
कोटद्वार पुलिस टीम द्वारा कुशल पतारसी-सुरागरसी कर इस मामले में संलिप्त मुख्य अभियुक्त सतीश कुमार को 23 नवंबर को दिल्ली में दबिश देकर गिरफ्तार किया गया था साथ ही इस प्रकरण में संलिप्त दूसरे आरोपी की तलाश जारी थी। जिसमें पुलिस टीम की तत्परता से कुशल ठोस पतारसी-सुरागरसी करते हुए सर्विलांस की मदद व अन्य अथक प्रयासों से इस धोखाधड़ी में संलिप्त दूसरे आरोपी सुभब्रत रॉय को गैर प्रांत पश्चिम बंगाल में दबिश देकर कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है।
आरोपी से पूछताछ व जानकारी के आधार पर पता चला है कि इनके द्वारा उत्तराखंड के अतिरिक्त अन्य राज्यों जैसे हरियाणा, पंजाब, बिहार आदि के युवाओं से पैसे लेकर सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र दिये जाते थे, जिसमें बेरोजगार युवा इनके झांसे में आकर इनके द्वारा मांगी गयी धनराशि को इनके खातों में ट्रांसफर कर देते थे। अभियुक्त के आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटायी जा रही है l आरोपी को गिरफ्तार करने वाले पुलिस टीम में उपनिरीक्षक राजाराम डोभाल, मुख्य आरक्षी उत्तम सिंह (सीआईयू) शामिल रहे l