Delhi news: महिला सुरक्षा के लिए बस मार्शलों की फिर से नियुक्ति की अपील, सीएम आतिशी ने लिखा एलजी वीके सक्सेना को पत्र
Delhi news: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए बसों में तैनात किए जाने वाले मार्शलों की पुनः नियुक्ति को लेकर उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना को एक भावनात्मक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने हाथ जोड़कर अपील करते हुए कहा कि 13 नवंबर 2024 को दिल्ली सरकार ने बस मार्शलों की फिर से नियुक्ति के प्रस्ताव को आपके पास भेजा था, लेकिन अब तक इस प्रस्ताव पर आपकी मंजूरी नहीं मिली है।
दिल्ली ने देखे असुरक्षा के दिन: सीएम आतिशी
सीएम आतिशी ने कहा कि दिल्ली कभी उस काले दौर को नहीं भूल सकती जब हमारी माताएं, बहनें और बेटियां बसों में सुरक्षित महसूस नहीं करती थीं। छेड़छाड़ और बुरी नजरों का शिकार होना उनकी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया था। लड़कियों के लिए स्कूल और कॉलेज जाना चुनौतीपूर्ण था, और महिलाएं काम पर जाने से पहले सौ बार सोचती थीं कि वे सुरक्षित लौटेंगी या नहीं। यह दर्द हर घर में महसूस किया जाता था।
10 हजार बस मार्शलों की तैनाती से आई सुरक्षा
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लिया और 10 हजार से अधिक मार्शलों को बसों में तैनात किया। इन मार्शलों ने अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाई और कई असामाजिक तत्वों को पकड़ा। इसके बाद पहली बार बसों में महिलाओं ने खुद को सुरक्षित महसूस किया।
उन्होंने आगे कहा कि ये मार्शल हर मां, बहन और बेटी के लिए एक उम्मीद बन गए थे, जो हर दिन अपने घर से बाहर निकलती थीं। इन मार्शलों ने न केवल महिलाओं को सुरक्षा प्रदान की, बल्कि उनमें आत्मविश्वास भी बढ़ाया। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि अब कोई असामाजिक तत्व उन्हें परेशान नहीं करेगा।
मार्शलों की नौकरी जाने से कमजोर हुई सुरक्षा: सीएम आतिशी
सीएम आतिशी ने पत्र में कहा कि इन गरीब मार्शलों की नौकरियां छिन जाने से न केवल उनके परिवारों का सहारा छिन गया है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा की वह ढाल भी कमजोर हो गई है, जो हर दिन लाखों महिलाओं को बिना किसी डर के बसों में सफर करने का साहस देती थी।
दो हफ्ते बीतने के बाद भी प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं
उन्होंने आगे कहा कि 13 नवंबर 2024 को हमारी सरकार के सभी मंत्रियों ने यह प्रस्ताव पारित कर आपके कार्यालय को भेजा था, ताकि इन मार्शलों की फिर से नियुक्ति की जा सके और उन्हें दोबारा काम पर रखा जा सके। लेकिन दो हफ्ते से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
सीएम ने सवाल उठाया कि आखिर इस प्रस्ताव में इतनी देरी क्यों हो रही है? उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव न केवल 10 हजार परिवारों के लिए रोशनी लाएगा, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है।
हाथ जोड़कर की मार्मिक अपील
सीएम आतिशी ने कहा, “मैं आपसे folded hands (हाथ जोड़कर) निवेदन करती हूं कि इस प्रस्ताव को जल्द से जल्द मंजूरी दें, ताकि 10 हजार परिवारों में फिर से रोशनी लौट सके और बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए मार्शल फिर से तैनात किए जा सकें।”
महिला सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर
दिल्ली सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को हमेशा प्राथमिकता दी है। बस मार्शलों की तैनाती इस दिशा में एक अहम कदम था। सीएम आतिशी ने कहा कि इन मार्शलों ने न केवल महिलाओं को सुरक्षा दी, बल्कि उनके साथ छेड़छाड़ करने वालों को कानून के शिकंजे में भी पहुंचाया।
उन्होंने कहा कि मार्शलों की मौजूदगी से महिलाएं बिना किसी भय के सफर कर पाईं। अब, जब ये मार्शल अपनी नौकरियों से वंचित हैं, तो यह केवल उनके परिवारों के लिए मुश्किल भरा समय नहीं है, बल्कि यह महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी चिंता का विषय है।
समाज के हर वर्ग से समर्थन की अपील
सीएम आतिशी ने कहा कि यह समय है जब हम सभी को मिलकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने समाज के हर वर्ग से अपील की कि वे इस मुद्दे पर सरकार का साथ दें और उपराज्यपाल से भी इस प्रस्ताव को मंजूरी देने का अनुरोध करें।
दिल्ली सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बस मार्शलों की तैनाती की थी, जिसने लाखों महिलाओं को आत्मविश्वास और सुरक्षा का एहसास कराया। सीएम आतिशी का यह भावनात्मक पत्र दिल्ली के उन 10 हजार मार्शलों और उनके परिवारों के लिए एक उम्मीद की किरण है।
अब यह देखना होगा कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना इस प्रस्ताव को कब मंजूरी देते हैं और दिल्ली की महिलाओं के लिए सुरक्षा का यह महत्वपूर्ण कदम फिर से बहाल होता है।