Chardham winter darshan: स्वामी अवि मुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के मार्गदर्शन में होगी चारधाम यात्रा, 16 दिसंबर से यात्रा का शुभारंभ
Chardham winter darshan: चारधाम की विंटर दर्शन यात्रा 16 दिसंबर से स्वामी अवि मुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के मार्गदर्शन में शुरू होगी। यह सात दिवसीय यात्रा शंकराचार्य आश्रम हरिद्वार में 22 दिसंबर को समापन होगा। यात्रा के लिए पंजीकरण आज से शुरू हो गया है, जो 10 दिसंबर तक चलेगा। यह यात्रा विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष अवसर है, जो अपने धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा करने के लिए चारधाम के सर्दी स्थल तक पहुंचने का सपना देखते हैं।
स्वामी अवि मुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज का मार्गदर्शन
चारधाम यात्रा के तहत स्वामी अवि मुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज की नेतृत्व में इस यात्रा का आयोजन किया जाएगा। इस यात्रा के दौरान श्रद्धालु गंगा पूजा से लेकर, हरिद्वार के हर की पौड़ी, यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के सर्दी स्थलों तक का दौरा करेंगे। यात्रा के दौरान विशेष ध्यान दिया जाएगा कि श्रद्धालुओं को पूरी यात्रा के दौरान धार्मिक आस्थाओं का पालन करते हुए सुरक्षित और संतुष्ट अनुभव मिले।
यात्रा का कार्यक्रम
यात्रा का कार्यक्रम 16 दिसंबर से शुरू होगा। पहले दिन श्रद्धालु हरिद्वार में गंगा पूजा करेंगे, फिर वहां से यात्रा शुरू होगी। यात्रा के पहले पड़ाव पर 17 दिसंबर को धनारी में रात बिताई जाएगी। 18 दिसंबर को यात्रा दल मखवा पहुंचकर मां गंगा के विंटर पूजा स्थल का दर्शन करेगा।
19 दिसंबर को श्रद्धालु उखीमठ में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे, और फिर नरसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ और पांडुकेश्वर में दर्शन के बाद रात का विश्राम करेंगे। 21 दिसंबर को यात्रा दल शंकराचार्य आश्रम पहुंचकर वहां दर्शन करेगा। 22 दिसंबर को यह यात्रा समापन होगा।
पंजीकरण और संपर्क विवरण
यात्रा के लिए पंजीकरण आज से शुरू हो गया है। यात्रा में भाग लेने के लिए श्रद्धालु ज्योतिर्मठ सेवाालय में पंजीकरण कर सकते हैं, जो 10 दिसंबर तक जारी रहेगा। इस यात्रा में शामिल होने के लिए, श्रद्धालु निम्नलिखित नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं:
- 9670296702
- 7895464659
- 9568805200
इन नंबरों पर संपर्क करके पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है। यात्रा के दौरान सभी यात्रियों को पूरी सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखा जाएगा। यात्रा के दौरान, विशेष धार्मिक गतिविधियों के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति और धार्मिक स्थलों का भी महत्व बताया जाएगा।
मुख्यमंत्री की पहल और 10 प्रतिशत छूट
चारधाम यात्रा को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों से बातचीत की और निर्देश दिया कि यात्रा की व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जिन श्रद्धालुओं को सर्दी स्थलों पर ठहरने के लिए GMVN (गढ़वाल मंडल विकास निगम) के होटलों और विश्राम गृहों में ठहरना है, उन्हें 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कदम से श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान एक अतिरिक्त राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री करेंगे यात्रा की समीक्षा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह भी कहा कि अगले हफ्ते इस यात्रा की व्यवस्था और सर्दी स्थलों पर हो रही तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। यह समीक्षा यात्रा की सफलता और श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए की जाएगी। सरकार का उद्देश्य सर्दी स्थलों के दौरे को और अधिक सुविधाजनक बनाना है ताकि देशभर से श्रद्धालु वहां पहुंचे और इन पवित्र स्थलों का लाभ उठा सकें।
यात्रियों के लिए विशेष तैयारियां
चारधाम यात्रा को लेकर अधिकारियों द्वारा विशेष तैयारियां की गई हैं। यात्रियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और समुचित मार्गदर्शन सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं। इसके अलावा, ठहरने, खाने-पीने की व्यवस्था, और यात्रा के दौरान होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों की पूरी जानकारी यात्रियों को दी जाएगी। यात्रा मार्ग में किसी भी प्रकार की परेशानी से बचने के लिए हर प्रकार की सावधानी बरती जाएगी।
सर्दी स्थलों के महत्व
चारधाम की सर्दी स्थलों पर यात्रा करने का एक अलग ही महत्व है। यहां पर श्रद्धालु न केवल धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, बल्कि इन स्थानों की प्राकृतिक सुंदरता और शांति का भी अनुभव करते हैं। इन स्थलों पर स्थित मंदिरों में सर्दियों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, जो भक्तों के लिए एक अनूठा अनुभव है। यात्रा के दौरान श्रद्धालु इन पवित्र स्थानों पर विभिन्न देवताओं की पूजा-अर्चना कर अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की कामना करते हैं।
चारधाम की विंटर दर्शन यात्रा एक शानदार अवसर है, जो श्रद्धालुओं को इन पवित्र स्थलों के दर्शन करने का मौका देगा। स्वामी अवि मुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के मार्गदर्शन में यह यात्रा श्रद्धालुओं को एक अद्वितीय धार्मिक अनुभव प्रदान करेगी। सरकार की पहल और पंजीकरण प्रक्रिया ने इस यात्रा को और भी आसान और सुलभ बना दिया है। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को 10 प्रतिशत छूट भी दी जाएगी, जो इस यात्रा को और भी आकर्षक बनाती है।