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Dehradun ग्रामीण क्षेत्र को दो हिस्सों में बांटा गया, दो महिला एसपी को जिम्मेदारी दी गई

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Dehradun: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का ग्रामीण क्षेत्र अब दो हिस्सों में बांट दिया गया है। राज्य सरकार ने पुलिस व्यवस्था को अधिक सशक्त और प्रभावी बनाने के लिए यह कदम उठाया है। इसके तहत, ग्रामीण क्षेत्र की जिम्मेदारी अब दो महिला आईपीएस अधिकारियों को सौंपी गई है। जया बलूनी को एसपी ऋषिकेश और रेनू लोहानी को एसपी विकासनगर नियुक्त किया गया है। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य पुलिस व्यवस्था को बेहतर बनाना और प्रत्येक क्षेत्र में स्थानीय समस्याओं का प्रभावी समाधान करना है।

पुलिस व्यवस्था में बदलाव का कारण

देहरादून एक ऐसा जिला है, जहां शहरी और ग्रामीण क्षेत्र दोनों एक-दूसरे से सटे हुए हैं। जिले में कुल 21 पुलिस स्टेशन हैं, जिनमें से 10 ग्रामीण क्षेत्र में और 11 शहरी क्षेत्र में स्थित हैं। इस बंटवारे के कारण पुलिस प्रशासन को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। पुलिस के पास सीमित संसाधन थे और जिम्मेदारियों का अधिक बोझ था, जिससे समस्याओं का समाधान धीमी गति से हो रहा था। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्र को दो हिस्सों में बांटने का फैसला किया, ताकि पुलिस व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

Dehradun ग्रामीण क्षेत्र को दो हिस्सों में बांटा गया, दो महिला एसपी को जिम्मेदारी दी गई

नए एसपी के रूप में नियुक्तियां

इस नई व्यवस्था के तहत, एसपी ऋषिकेश के रूप में जया बलूनी को जिम्मेदारी दी गई है, जबकि एसपी विकासनगर के रूप में रेनू लोहानी को नियुक्त किया गया है। यह दोनों ही अधिकारी आईपीएस अधिकारी हैं और उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह दोनों अधिकारी अब अपने-अपने क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम करेंगी और पुलिस प्रशासन को बेहतर बनाएंगी।

भौगोलिक परिस्थितियाँ और उनके प्रभाव

देहरादून जिले के ग्रामीण क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति भी अलग-अलग है, जिससे पुलिसिंग की चुनौतियाँ भी बदल जाती हैं। ऋषिकेश क्षेत्र पार्वादून के नाम से जाना जाता है, जो मुख्यतः एक समतल क्षेत्र है। इस क्षेत्र में पर्यटकों की भी भीड़ रहती है, जिससे कानून व्यवस्था को बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। वहीं, विकासनगर क्षेत्र, जिसे पचवाडून के नाम से जाना जाता है, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है और यह एक पहाड़ी इलाका है। इसके अलावा, यहां के कुछ क्षेत्र जैसे जौंसार बावर, दुर्गम और दूरदराज हैं, जहां तक पहुंचना काफी मुश्किल है। इन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यहां की पुलिसिंग में और भी ज्यादा कठिनाई आती है, इसलिए प्रशासन ने दो अलग-अलग एसपी को नियुक्त किया है, ताकि हर क्षेत्र की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बेहतर व्यवस्था की जा सके।

नए सिस्टम की शुरुआत

यह नया सिस्टम देहरादून पुलिस के लिए एक नई शुरुआत है। प्रशासन का उद्देश्य यह है कि प्रत्येक एसपी अपनी जिम्मेदारी के तहत क्षेत्र के स्थानीय मुद्दों को अधिक प्रभावी तरीके से संभाले। जया बलूनी और रेनू लोहानी दोनों ही अनुभवी पुलिस अधिकारी हैं और इनकी नियुक्ति से क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को लेकर नए बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है। खासकर, ग्रामीण इलाकों में होने वाली समस्याओं को सुलझाने में इनकी भूमिका अहम होगी।

थाना स्तर पर निगरानी और सुधार

सभी थानों में कार्यरत पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी और कार्यप्रणाली पर भी निगरानी रखी जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पुलिस अधिकारी समय रहते अपनी ड्यूटी निभाएं और जनता की शिकायतों का त्वरित समाधान करें। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों की निगरानी भी की जाएगी, ताकि कानून व्यवस्था और प्रशासन में पारदर्शिता बनी रहे।

सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव के साथ तालमेल

देहरादून का ग्रामीण क्षेत्र हमेशा से ही सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विविधता से भरा रहा है। यहां की जनता के जीवन में बदलाव लाने के लिए पुलिस को केवल अपराधों पर नजर रखने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि स्थानीय समुदाय के साथ बेहतर संबंध भी स्थापित करने होंगे। जया बलूनी और रेनू लोहानी दोनों को यह सुनिश्चित करना होगा कि पुलिस के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास भी प्राथमिकता हो। पुलिस प्रशासन का मुख्य उद्देश्य है कि वह न केवल कानून व्यवस्था बनाए रखे, बल्कि गांवों में सामाजिक और आर्थिक बदलाव लाने में भी मदद करे।

राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन का समर्थन

इस बदलाव को लेकर राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन का भी पूर्ण समर्थन है। अधिकारियों का मानना है कि दो एसपी का पदस्थापन ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिसिंग की कार्यप्रणाली को बेहतर करेगा और प्रत्येक क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान किया जा सकेगा। इससे पुलिस अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी को सही तरीके से निभाने का अवसर मिलेगा, और साथ ही लोगों में विश्वास भी बनेगा।

देहरादून के ग्रामीण क्षेत्र को दो हिस्सों में बांटने का यह कदम पुलिस प्रशासन को और अधिक सक्षम बनाने के लिए एक आवश्यक कदम है। जया बलूनी और रेनू लोहानी के नेतृत्व में क्षेत्र की कानून-व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। यह परिवर्तन न केवल पुलिसिंग के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे स्थानीय समुदाय के विकास और उनकी सुरक्षा में भी मदद मिलेगी। अब यह देखना होगा कि यह नया व्यवस्था कितनी प्रभावशीलता से काम करती है और देहरादून के ग्रामीण क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था को सुधारने में कितनी सफलता प्राप्त होती है।

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