Pamban Bridge की सुरक्षा पर उठे सवाल, जानिए इसकी खासियत और उद्घाटन का इंतजार क्यों

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Pamban Bridge, जो समुद्र पर बन रहा है, अब पूरी तरह से तैयार हो चुका है। भारतीय रेलवे ने इसका परीक्षण भी सफलतापूर्वक कर लिया है और ट्रेन चलाने की तैयारियां भी पूरी हो चुकी थीं। लेकिन अब रेलवे कमिश्नर ने इस ब्रिज की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) ने पम्बन ब्रिज की जांच में कई कमियों का उल्लेख किया है और इन कमियों के बारे में रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी है। इस रिपोर्ट के बाद रेलवे ने उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। आइए, जानते हैं कि पम्बन ब्रिज की खासियत क्या है और इसकी उद्घाटन की प्रतीक्षा क्यों की जा रही है।

क्या हैं पम्बन ब्रिज में मिलीं कमियाँ?

रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) द्वारा पम्बन ब्रिज की जांच के दौरान जो कमियाँ पाई गईं, उनमें से कुछ प्रमुख मुद्दे निम्नलिखित हैं:

  1. गलत योजना और डिजाइन: पम्बन ब्रिज की नई योजना में आरडीएसओ (रेलवे डिजाइन और मानक संगठन) के मानक डिजाइन का पालन नहीं किया गया। यह डिज़ाइन भारतीय रेलवे के नियमों और मानकों के अनुसार होना चाहिए था, लेकिन इस पुल में अंतरराष्ट्रीय मानकों का उपयोग किया गया है।
  2. निर्माण में आरडीएसओ की गैर-मौजूदगी: पम्बन ब्रिज के डिजाइन और निर्माण में आरडीएसओ की कोई भागीदारी नहीं थी, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। आरडीएसओ भारतीय रेलवे का मानक निर्धारण संगठन है और इसकी मार्गदर्शन के बिना एक पुल का निर्माण खतरे की संभावना बढ़ा सकता है।
  3. अंतरराष्ट्रीय विनिर्देश: पम्बन ब्रिज के निर्माण में उपयोग किए गए विनिर्देश अंतरराष्ट्रीय हैं, जबकि इसे भारतीय रेलवे के विशिष्ट मानकों के तहत होना चाहिए था। यह विषय रेलवे की सुरक्षा और कार्यप्रणाली के लिए एक चुनौती उत्पन्न कर सकता है।

इन कमियों के आधार पर, रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट भेजी और इन मुद्दों पर गौर करने की सिफारिश की। अब रेलवे विभाग इन समस्याओं पर कार्रवाई करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने की योजना बना रहा है। यह समिति ब्रिज की सुरक्षा को लेकर जांच करेगी और उसे मंजूरी देने से पहले सभी आवश्यक सुधारों को लागू करेगी।

पम्बन ब्रिज के उद्घाटन का इंतजार क्यों?

पम्बन ब्रिज के उद्घाटन का इंतजार केवल यात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए नहीं, बल्कि पूरी भारतीय रेलवे प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। यह ब्रिज रामेश्वरम और पम्बन द्वीप को जोड़ने वाली रेलवे सेवा का हिस्सा है, और इसके पूरा होने से यात्रा की प्रक्रिया में काफी सुधार होगा। वर्तमान में, श्रद्धालुओं को रामेश्वरम पहुंचने के लिए मंदपम से बस या टैक्सी से जाना पड़ता है, जो समय लेने वाला और कष्टप्रद होता है। इस ब्रिज के उद्घाटन के बाद श्रद्धालु सीधे ट्रेन से रामेश्वरम पहुंच सकेंगे, जिससे उनका समय बचेगा और यात्रा की सुविधा बढ़ेगी।

ब्रिज के उद्घाटन के साथ-साथ यात्री ट्रेनों की गति भी बढ़ेगी, जिससे यात्रा अधिक आरामदायक और तेज होगी। इसके अलावा, यह ब्रिज रामेश्वरम के धार्मिक महत्व के कारण भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुल का शिलान्यास किया था, और इसके उद्घाटन का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था।

पम्बन ब्रिज की विशेषताएँ

पम्बन ब्रिज को देश का पहला वर्टिकल ओपन ब्रिज होने का गौरव प्राप्त है। यह ब्रिज समुद्र पर बना हुआ है और इसकी लंबाई 2.05 किलोमीटर है। पुराने पुल की तुलना में, यह नया पुल तीन मीटर ऊंचा है और समुद्र तल से 22 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह विशेषता इसे तकनीकी दृष्टि से एक अद्भुत संरचना बनाती है।

पम्बन ब्रिज की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह डबल लाइन ट्रैक के लिए तैयार किया गया है। इसका मतलब यह है कि इस पुल से दोनों दिशाओं में ट्रेनों का संचालन संभव होगा। इसके अलावा, इस ब्रिज पर ट्रेनों की गति भी पुराने पुल की तुलना में कहीं अधिक होगी। पुराने पुल पर ट्रेनें केवल 10 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलती थीं, जबकि नए पम्बन ब्रिज पर ट्रेनें 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगी।

ब्रिज का डिजाइन और निर्माण

पम्बन ब्रिज का डिजाइन और निर्माण बहुत चुनौतीपूर्ण था क्योंकि इसे समुद्र में स्थित एक जटिल इलाके में बनाना था। इसके लिए आधुनिक निर्माण तकनीकों और समुद्री इंजीनियरिंग का उपयोग किया गया है। यह ब्रिज न केवल यात्रियों के लिए एक प्रमुख मार्ग होगा, बल्कि यह भारतीय रेलवे के लिए भी एक प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है।

आगे की राह

पम्बन ब्रिज को लेकर अब रेलवे मंत्रालय की उच्चस्तरीय समिति के माध्यम से आवश्यक सुधार किए जाएंगे। इसके बाद यह पुल पूरी तरह से तैयार होगा और ट्रेनों का संचालन शुरू हो सकेगा। पम्बन ब्रिज के उद्घाटन से न केवल यात्रा की सुविधा में सुधार होगा, बल्कि यह भारतीय रेलवे की प्रगति और इंजीनियरिंग क्षमता का भी प्रतीक बनेगा।

पम्बन ब्रिज का निर्माण भारतीय रेलवे के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा, लेकिन सुरक्षा मानकों और डिजाइन की कमियों पर गौर करना भी आवश्यक है। जल्द ही इन कमियों को दूर कर इसे जनता के लिए खोल दिया जाएगा, जिससे लाखों यात्रियों को फायदा होगा।

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