Rishikesh Karnprayag Rail Project: ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल यात्रा को आसान बनाने की दिशा में अहम कदम
Rishikesh Karnprayag Rail Project: ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेलवे लाइन के निर्माण की परियोजना में तेजी से प्रगति हो रही है और यह तय किया गया है कि दिसंबर 2026 तक ट्रेन कर्णप्रयाग पहुंचेगी। इस परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत यादव ने RVNL परिसर में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि इस समय तक कुल 213 किलोमीटर सुरंग निर्माण कार्य में से 184 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है, जो कि 86 प्रतिशत के बराबर है। उन्होंने यह भी बताया कि मार्च 2026 तक रेलवे लाइन का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य है। इसके बाद, दिसंबर 2026 तक ट्रेन कर्णप्रयाग तक पहुंचेगी।
रेल परियोजना की प्रगति
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना उत्तराखंड के परिवहन क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना विशेष रूप से पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए यात्रा को सरल और सुलभ बनाने में मदद करेगी। इसके साथ ही, यह राज्य में रेलवे नेटवर्क के विस्तार और बेहतर कनेक्टिविटी की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि इस परियोजना में सुरंग निर्माण कार्य की विशेष महत्वपूर्ण भूमिका रही है। 213 किलोमीटर लंबी सुरंग के निर्माण में 86 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, जो परियोजना की गति और गुणवत्ता को दर्शाता है। सुरंग निर्माण में काम चल रहा है और जल्द ही शेष कार्य भी पूरा हो जाएगा।
निर्माण कार्य की चुनौती
ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेलवे लाइन का निर्माण कठिन और चुनौतीपूर्ण है क्योंकि यह क्षेत्र पहाड़ी और कठिन भौगोलिक स्थिति में स्थित है। इस क्षेत्र में निर्माण कार्य के दौरान कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिनमें भूस्खलन, निर्माण सामग्री की आपूर्ति में दिक्कतें और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियां शामिल हैं। फिर भी, इन कठिनाइयों के बावजूद परियोजना में तेजी से प्रगति हो रही है और दिसंबर 2026 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
थडीसीआईएल ने सफलता की एक नई मिसाल पेश की
इस बीच, THDC इंडिया लिमिटेड ने भारत के पहले वेरिएबल स्पीड पंप स्टोरिज प्लांट (PSP) की पहली इकाई (250 MW) को राष्ट्रीय ग्रिड से सफलतापूर्वक जोड़कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह कदम भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।
THDCIL के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने इस सफलता पर टीम को बधाई दी और इसे भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम देश के सबसे बड़े पंप स्टोरिज प्लांट की ओर एक अहम कदम है, जो Tehri Hydro Power Complex के साथ पूरी तरह से ऑपरेशन में आने के बाद 2400 MW की क्षमता के साथ कार्य करेगा।
तेहरी हाइड्रो पावर कॉम्प्लेक्स: एक नई ऊर्जा दिशा की ओर
Tehri Hydro Power Complex को भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है और यह देश के नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा योगदान देने के लिए तैयार है। इस परियोजना की सफलता ने इसे भारत के सबसे बड़े हाइड्रो पावर कॉम्प्लेक्स के रूप में स्थापित किया है, जिसकी कुल स्थापित क्षमता 2400 मेगावाट है।
सचिव (पावर), भारत सरकार, पंकज अग्रवाल ने इस उपलब्धि को ऑनलाइन जुड़कर एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
NTPC के चेयरमैन की प्रतिक्रिया
NTPC के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस सफलता पर अपनी प्रतिक्रिया दी और इसे एक महत्वपूर्ण उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि Tehri PSP की सफलता अन्य सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (PSUs) के लिए एक प्रेरणा का काम करेगी और पंप स्टोरिज परियोजनाओं की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगी।
उनका मानना है कि पंप स्टोरिज परियोजनाएं ग्रिड की स्थिरता को बढ़ाने और नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए आवश्यक हैं।
THDCIL की टीम की मेहनत और समर्पण
THDCIL के निदेशक (कर्मचारी) शैलेन्द्र सिंह ने इस उपलब्धि को टीम की कठिन मेहनत और समर्पण का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि यह सफलता सभी कर्मचारियों की एकजुटता और कठिन परिश्रम का नतीजा है। इसके अलावा, THDCIL के निदेशक तकनीकी भूपेंद्र गुप्ता, निदेशक वित्त सिपन कुमार गर्ग और कई अन्य अधिकारियों ने भी इस सफलता पर खुशी व्यक्त की।
Tehri PSP: भारत की ऊर्जा संरचना में एक क्रांतिकारी कदम
Tehri PSP की सफलता न केवल Tehri Hydro Power Complex को और अधिक प्रभावी बनाती है, बल्कि यह भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए भी एक क्रांतिकारी कदम है। यह परियोजना भारत को नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और भविष्य में अधिक स्थिर और मजबूत ऊर्जा संरचना की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और Tehri PSP की सफलता दोनों ही उत्तराखंड और भारत के ऊर्जा और परिवहन क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास को दर्शाती हैं। जहां एक ओर रेलवे परियोजना उत्तराखंड के लोगों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी और यात्रा के नए अवसरों का रास्ता खोलेगी, वहीं Tehri PSP भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक नया मापदंड स्थापित करेगी। इन परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन से न केवल राज्य, बल्कि देशभर में विकास के नए मार्ग प्रशस्त होंगे।