Aligarh crime: अलीगढ़ में एक कोचिंग सेंटर में 12वीं की छात्रा से दुष्कर्म की घटना सामने आई है। आरोपी कोचिंग संचालक, धनंजय ने छात्रा के साथ यह घिनौनी हरकत की। घटना के तुरंत बाद छात्र आक्रोशित हो गए और उन्होंने कोचिंग सेंटर को घेर लिया। घटना की जानकारी मिलते ही छात्रा ने अपने परिजनों को फोन कर बताया, जिसके बाद उनके परिजन मौके पर पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। छात्राओं का आरोप है कि आरोपी धनंजय पिछले आठ महीने से उनकी सहेलियों और उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान कर रहा था।
घटना के बाद का माहौल और छात्रों का गुस्सा
जब इस घटना का पता अन्य छात्रों को चला, तो उनका गुस्सा और बढ़ गया। छात्राओं ने सबसे पहले पीड़िता के परिजनों को सूचित किया और फिर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे। छात्रों ने आरोपी की पत्नी को भी फोन किया और उसे घटनास्थल पर बुलाया। इसके बाद छात्रों ने कोचिंग सेंटर को घेर लिया और आरोपी को सजा दिलवाने के लिए जमकर नारेबाजी की।
आरोपी ने खुद को कमरे में बंद किया
घटना की जानकारी मिलने के बाद, आरोपी धनंजय ने खुद को एक क्लासरूम में बंद कर लिया। जब पीड़िता के परिजनों और छात्रों ने दरवाजा तोड़ने की कोशिश की, तो आरोपी की पत्नी पुलिस के साथ वहां पहुंची और उसने आरोपी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। हालांकि, पुलिस की कार्रवाई के बावजूद भीड़ ने आरोपी को पुलिस हिरासत से छुड़ाने की कोशिश की, जिसके कारण स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई।
पुलिस ने दरवाजा काटकर आरोपी को निकाला
पुलिस ने समझदारी दिखाते हुए पहले तो भीड़ को शांत किया और फिर आरोपी धनंजय को पकड़ने के लिए कमरे का दरवाजा काटा। पुलिस ने उसे बाहर निकाला और उसे पुलिस थाने ले जाने की प्रक्रिया शुरू की। हालांकि, इस दौरान आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर हमला करना शुरू कर दिया। उन्होंने पुलिस जीप पर पत्थर फेंके और आरोपी को छुड़ाने की कोशिश की। पुलिस ने इस स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए कड़ी कार्रवाई की और आरोपी को किसी भी प्रकार की हिंसा से बचाया।
आक्रोशित भीड़ का पथराव और पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस ने आरोपी को जीप में बैठाकर क्वारसी थाने भेजा। इस दौरान, भीड़ ने फिर से पुलिस जीप पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। लोगों ने पुलिस जीप को घेर लिया और आरोपी को छुड़ाने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सख्त कदम उठाए। पुलिस ने लोगों को शांत करने का प्रयास किया और उन्हें यह आश्वासन दिया कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस की ओर से कड़ी कार्रवाई का आश्वासन
अलीगढ़ के सीओ तृतीय मयंक पाठक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है और सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना था कि इस घटना के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि आरोपी को जल्द से जल्द सजा दिलवाने के लिए सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा।
आठ महीने से उत्पीड़न का शिकार रही छात्रा
कोचिंग सेंटर में पढ़ने वाले अन्य छात्रों ने बताया कि आरोपी धनंजय पिछले आठ महीने से छात्रा को मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान कर रहा था। वह छात्रा से बार-बार छेड़छाड़ करता था और उसे धमकाता था। इस घटना से पहले भी कई बार उसने छात्रा से अभद्र व्यवहार किया था, लेकिन छात्रा ने किसी कारणवश इसे परिवार के सामने नहीं उठाया था।
कोचिंग सेंटर की सुरक्षा पर सवाल
यह घटना यह दर्शाती है कि कोचिंग सेंटरों में छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठते हैं। छात्रों को अपनी सुरक्षा के लिए अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि ऐसे शिक्षण संस्थान छात्राओं और छात्रों की शारीरिक और मानसिक सुरक्षा में अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहे हैं। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा के उपायों की कमी है, जो ऐसी घटनाओं को जन्म देती हैं।
सामाजिक जागरूकता और कार्रवाई की आवश्यकता
यह घटना हमारे समाज में महिला सुरक्षा की गंभीर समस्या को उजागर करती है। यदि हम समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर वास्तविक बदलाव लाना चाहते हैं, तो हमें केवल पुलिस से नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग से सहयोग की आवश्यकता होगी। छात्रों को इस तरह की घटनाओं के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए ताकि वे जब भी ऐसी स्थिति का सामना करें, तो तुरंत उचित कदम उठा सकें।
अलीगढ़ में हुई इस घटना ने कोचिंग सेंटरों में छात्रों की सुरक्षा की अहमियत को एक बार फिर से स्पष्ट किया है। इस घटना के बाद, कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा के कड़े उपाय किए जाने चाहिए। इसके साथ ही, पुलिस और प्रशासन को भी इस तरह की घटनाओं को सख्ती से निपटने के लिए अपने कदम और तेज करने होंगे। हमें इस बात की भी जरूरत है कि समाज में जागरूकता बढ़ाई जाए ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और पीड़ितों को न्याय मिल सके।