Bareilly crime: महिला की हत्या के पीछे का रहस्य खुला,  तंत्रिक के कहने पर लिया बदला

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Bareilly crime: आज पुलिस ने थाना बारादरी क्षेत्र के बारादरी इलाके में एक महिला रूपवती की हत्या के मामले का खुलासा किया है। इस हत्या की वजह एक युवक सार्थक द्वारा अपनी बहन की मौत का बदला लेने की थी। सार्थक ने रूपवती को अपनी बहन की आत्महत्या का जिम्मेदार मानते हुए उसकी हत्या करने के लिए दो लोगों से संपर्क किया और 40 हजार रुपये में उसे मारने का ठेका दिया।

सार्थक ने रूपवती को बहन की मौत का जिम्मेदार माना

सार्थक की बहन पलवी ने अप्रैल में आत्महत्या की थी। सार्थक ने रूपवती को अपनी बहन की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया क्योंकि दोनों परिवारों के बीच किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था। पलवी की मौत के बाद उसके परिवार के सदस्यों ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन सार्थक को पूरा यकीन था कि रूपवती ही उसकी बहन की मौत का कारण है। इस गुस्से ने समय के साथ बढ़ते हुए उसके दिल में बदले की भावना पैदा कर दी। इसी दौरान उसका संपर्क एक तंत्रिक से हुआ, जिसने सार्थक से कहा कि रूपवती उसकी बहन की मौत के लिए जिम्मेदार है। तंत्रिक के कहने पर सार्थक ने उसकी हत्या की योजना बनाई।

सार्थक ने 40 हजार रुपये में हत्या का ठेका दिया

सार्थक ने हत्या की साजिश को अंजाम देने के लिए सागर और निखिल से संपर्क किया। उसने दोनों को यह काम करने के बदले 20-20 हजार रुपये देने का वादा किया। हत्या के लिए शनिवार का दिन तय किया गया। सार्थक ने रूपवती के ठेले के पास खड़े होकर सागर और निखिल को इशारा किया। इसके बाद निखिल बाइक से उतरा और पिस्टल से रूपवती को गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और निगरानी के जरिए सार्थक और सागर को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, निखिल अभी भी फरार है और उसकी तलाश जारी है।

दो आरोपी गिरफ्तार, एक अभी भी फरार

रूपवती हत्या मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ के दौरान दोनों ने हत्या करने की बात कबूल की है। दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है, जबकि निखिल की तलाश अभी भी जारी है। आरोपियों ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने महिला की हत्या संजय नगर रोड पर कुँवर बारात घर के पास की थी। पुलिस अब निखिल की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।

रूपवती की हत्या का षड्यंत्र

मृतक रूपवती के परिवारवालों का कहना है कि वह एक साधारण महिला थी और किसी के साथ उसका कोई विवाद नहीं था। रूपवती के ठेले पर काम करने के दौरान किसी प्रकार का विवाद नहीं हुआ था। यह घटना केवल बदले की भावना से की गई थी। सार्थक की तंत्रिक से मिलने के बाद, इसने अपनी बहन की मौत के लिए रूपवती को दोषी ठहराया और उसकी हत्या का षड्यंत्र रच दिया।

पुलिस की जांच और गिरफ्तारी

पुलिस ने हत्या के मामले की जांच शुरू करते हुए आस-पास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। इसमें पाया गया कि सार्थक और उसके दो साथी हत्या के दिन रूपवती के पास पहुंचे थे। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि हत्या की साजिश पूरी तरह से योजनाबद्ध थी और इसका मुख्य उद्देश्य बदला लेना था। आरोपियों ने हत्या के बाद रूपवती के परिवार से कोई संपर्क नहीं किया और भागने की कोशिश की।

आत्महत्या के मामले में शंका और समाज पर सवाल

यह घटना समाज में बढ़ती हुई बदले की भावना और तंत्रिकों के प्रभाव को उजागर करती है। सार्थक ने अपनी बहन की आत्महत्या का जिम्मेदार एक महिला को ठहराया और बदले की भावना में उसकी हत्या कर दी। यह घटना यह भी दर्शाती है कि किस तरह से लोग अपनी समस्याओं का हल तंत्रिकों और अवैज्ञानिक उपायों के जरिए खोजने की कोशिश करते हैं, जो कि कभी-कभी गंभीर अपराधों की वजह बन जाते हैं।

नैतिक जिम्मेदारी और परिवार की भूमिका

इस घटना से यह सवाल भी उठता है कि क्या सार्थक के परिवार ने सही तरीके से अपनी बेटी की आत्महत्या के मामले को सुलझाने की कोशिश की थी। क्या परिवार के सदस्य उसकी मानसिक स्थिति को समझ पाए थे और क्या वे समय रहते उसे सही दिशा में मार्गदर्शन दे पाए थे? एक ओर जहां सार्थक ने अपनी बहन की मौत के बाद किसी प्रकार की शिकायत नहीं की, वहीं दूसरी ओर तंत्रिक की सलाह पर उसने बदले की भावना से हत्या का फैसला लिया। यह घटना इस बात को भी उजागर करती है कि समाज में अवैज्ञानिक विश्वास और कुसंस्कार किस हद तक बढ़ रहे हैं।

यह घटना इस बात का उदाहरण है कि समाज में व्यक्तिगत बदला लेने की भावना किस तरह से हिंसा और अपराध की ओर बढ़ सकती है। पुलिस ने हालांकि इस मामले को हल करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन यह घटना समाज और परिवार के स्तर पर एक गंभीर सवाल छोड़ जाती है। तंत्रिकों के प्रभाव और गलत विचारधारा के कारण जीवन को नष्ट करने वाली यह घटना हम सभी को चेतावनी देती है कि हमें अपनी मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत है और हर समस्या का हल तर्क और समझदारी से ही निकाला जा सकता है।

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