Ghaziabad में खाद्य सप्लीमेंट बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़, देर रात की कार्रवाई से मच गया हड़कंप

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Ghaziabad के लोनी कोतवाली क्षेत्र में मंगलवार रात एक बड़ी कार्रवाई के दौरान खाद्य सप्लीमेंट पाउडर बनाने की अवैध फैक्ट्री का खुलासा हुआ। यह फैक्ट्री न्यू विकास नगर कॉलोनी में एक घर के भीतर चल रही थी, और यहां बिना किसी लाइसेंस के नकली खाद्य सप्लीमेंट बनाए जा रहे थे। पुलिस और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने छापेमारी कर मौके से बड़ी मात्रा में पाउडर बनाने के सामान को जब्त किया।

फैक्ट्री का खुलासा और कार्रवाई

खाद्य सुरक्षा अधिकारी आशुतोष राय के मुताबिक, उन्हें जानकारी मिली थी कि न्यू विकास नगर कॉलोनी में मनोज दुबे के घर में नकली खाद्य सप्लीमेंट पाउडर बनाने का काम चल रहा है। इसके बाद विभाग और पुलिस की एक संयुक्त टीम ने मंगलवार रात को छापेमारी की। छापेमारी के दौरान पाया गया कि एक कमरे के भीतर खाद्य सप्लीमेंट्स बनाए जा रहे थे, जिनका गुणवत्ता मानक और लाइसेंस कुछ भी नहीं था।

आरोपी का गिरफ्तार होना और केस दर्ज करना

पुलिस ने घटनास्थल से खाद्य सप्लीमेंट बनाने का सामान जब्त किया और इस मामले में मनोज दुबे के घर में काम कर रहे दिल्ली के तिमारपुर निवासी हिमांशु भारद्वाज के खिलाफ मामला दर्ज किया। हिमांशु भारद्वाज पर आरोप है कि वह बिना लाइसेंस के खाद्य सप्लीमेंट्स बना रहा था। उसे गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच के लिए आठ सैंपल प्रयोगशाला भेजे गए हैं।

फैक्ट्री में हो रही धोखाधड़ी

खाद्य सप्लीमेंट पाउडर का उत्पादन एक कमरे में किया जा रहा था, जिसमें काफी मात्रा में पैकिंग और पाउडर बनाने के सामान का जखीरा था। यह पूरी प्रक्रिया न केवल अवैध थी बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी खतरनाक थी। आशुतोष राय ने बताया कि इस तरह के नकली उत्पाद लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

खाद्य सुरक्षा विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम की भूमिका

यह सफलता खाद्य सुरक्षा विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई का परिणाम है। विभाग को मिली सूचना के आधार पर दोनों ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया कि अवैध रूप से खाद्य सप्लीमेंट बनाने और बेचने वाले तत्वों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

नकली खाद्य सप्लीमेंट्स के खतरे

नकली खाद्य सप्लीमेंट्स का सेवन करने से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे सप्लीमेंट्स में हानिकारक रसायन और सामग्री हो सकती हैं जो शारीरिक तंत्र को नुकसान पहुंचा सकती हैं। अवैध खाद्य उत्पादों का उपयोग कई बार जानलेवा साबित हो सकता है, क्योंकि इनकी गुणवत्ता का कोई मानक नहीं होता।

अधिकारी की कार्रवाई और आगे की योजना

इस मामले के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग ने कहा कि अब तक कोई मौत या गंभीर बीमारी की रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन इस तरह के मामलों में स्वास्थ्य के खतरे को देखते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने आश्वासन दिया कि भविष्य में इस तरह के मामलों को रोकने के लिए और कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

वन विभाग की अलग कार्रवाई

पिछले सोमवार को वन विभाग की टीम ने लोनी कोतवाली क्षेत्र के मेवला भट्टी गांव में चल रही एक आरा मशीन की अवैध कार्रवाई का भंडाफोड़ किया। इस आरा मशीन से नीम के पेड़ की लकड़ी काटी जा रही थी, और यह मशीन बिना किसी अनुमति के चल रही थी। वन विभाग ने आरोपित मक़सूद के खिलाफ मामला दर्ज किया और कार्रवाई की।

वन विभाग की कार्रवाई का महत्व

वन विभाग की यह कार्रवाई भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि बिना अनुमति के आरा मशीन चलाना और पेड़ो की अवैध कटाई पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक है। इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए वन विभाग ने ठोस कदम उठाए हैं।

आगे की कार्रवाई और सख्त निगरानी

इस पूरे मामले में पुलिस और खाद्य सुरक्षा विभाग की सक्रियता को सराहा जा रहा है। हालांकि, इस तरह के अवैध उद्योगों के खिलाफ आगे भी सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। खाद्य सप्लीमेंट पाउडर बनाने की फैक्ट्री और अवैध आरा मशीन जैसे मामलों से निपटने के लिए अधिकारियों को और कड़ी निगरानी और नियमन की आवश्यकता है।

गाज़ियाबाद में हुई इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया कि अवैध उद्योगों और धोखाधड़ी करने वाले व्यापारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस और खाद्य सुरक्षा विभाग के संयुक्त प्रयासों से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में इस प्रकार की गतिविधियों पर लगाम लगेगी और लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी। ऐसी घटनाओं से यह भी स्पष्ट हो गया है कि प्रशासन को भविष्य में इस तरह के अवैध उद्योगों पर और अधिक कड़ी निगरानी रखनी होगी।

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