Uttarakhand News: उत्तराखंड में राज्य सरकार के सभी विभागों और निदेशालयों की वेबसाइटों को नए प्रारूप पर बनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। अब सभी विभागों को इसके लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) की सहायता लेनी होगी। इस बदलाव से न केवल विभागों का डेटा बेहतर तरीके से संरक्षित होगा, बल्कि यह केंद्रीय स्तर पर भी सुरक्षित रहेगा।
यह पहल राज्य सरकार के आईटी विभाग द्वारा की जा रही है, और इसका उद्देश्य सभी विभागों की वेबसाइटों को एक मानक प्रारूप में लाकर सुरक्षा और उपयोगिता में सुधार करना है। इस प्रक्रिया का पहला चरण शुरू हो चुका है, जिसमें कुल 100 सरकारी विभागों और उनके निदेशालयों की वेबसाइटों को नए प्रारूप में ढालने का लक्ष्य रखा गया है।
आईटी विभाग के सचिव नितेश झा ने बताया कि इस संबंध में सभी विभागों को पत्र जारी किया गया है। पत्र में यह निर्देश दिए गए हैं कि NIC द्वारा नियमित निरीक्षण और सुरक्षा का कार्य किया जाएगा, साथ ही विभागों को समय-समय पर वेबसाइट पर होने वाले बदलावों को भी अपडेट करना होगा। यह कदम राज्य के साइबर सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, खासकर अक्टूबर में राज्य डेटा सेंटर पर हुए साइबर हमले के बाद।
साइबर सुरक्षा के प्रति सतर्कता
राज्य डेटा सेंटर पर हुए साइबर हमले के बाद, आईटी विभाग ने साइबर सुरक्षा के लिए कई नए कदम उठाए हैं। आईटी विभाग ने जब इस हमले के बाद सभी विभागों से प्राप्त ऑनलाइन डेटा और विभागीय व्यवस्थाओं का अध्ययन किया, तो कई खामियां सामने आईं। यह पाया गया कि कई विभागों की वेबसाइटों का एक से अधिक संस्करण था, जिनमें से कुछ अपडेट नहीं हो पाईं और कुछ वेबसाइटें बंद पड़ी थीं। इसके अलावा, विभिन्न कंपनियों द्वारा वेबसाइटें बनाई गई थीं, जिससे उनमें असमानता और सुरक्षा में कमजोरी आई थी।
आईटी विभाग ने पाया कि सरकारी कंप्यूटरों में इंटरनेट मीडिया का अत्यधिक उपयोग किया जा रहा था और अधिकांश विभागों में सॉफ़्टवेयर पुराने थे, जिससे साइबर सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा था। इन खामियों को दूर करने के लिए अब सरकार ने सभी विभागों की वेबसाइटों को एक नए और सुरक्षित प्रारूप में ढालने का निर्णय लिया है।
नई वेबसाइटों के लिए NIC की भूमिका
शुरुआत में 100 विभागों की वेबसाइटों को नया रूप देने की योजना बनाई गई है। इसके लिए सभी विभाग NIC की मदद लेंगे, जो कि सुरक्षा, डिजाइन और डेटा प्रबंधन में मदद करेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी विभागों की वेबसाइटें एक ही प्रारूप में हों और उनमें कोई असमानता या सुरक्षा से जुड़ी समस्याएं न हों। इसके अलावा, विभागों को अपनी वेबसाइटों पर हो रहे परिवर्तनों और अद्यतनों को समय-समय पर दर्ज करने की जिम्मेदारी दी जाएगी, ताकि उनकी जानकारी हमेशा ताजगी से अपडेट रहे।
सरकारी खरीदी के लिए ई-मार्केटप्लेस
इसके साथ ही, आईटी विभाग ने राज्य सरकार के सभी विभागों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि वे सरकारी आदेश के अनुसार अपनी खरीदी ई-मार्केटप्लेस से करें। सरकार ने पहले ही इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिए थे, लेकिन अब विभागों को इसे लागू करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इससे सरकारी खरीदारी को पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाने की कोशिश की जा रही है।
आंदोलनकारियों के आश्रितों को प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया
राज्य के गृह विभाग ने राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया को जल्द ही शुरू करने का निर्णय लिया है। यह प्रमाणपत्र आंदोलनकारियों के आश्रितों को सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए जारी किया जाएगा। हालांकि, इस आदेश को जारी करने में दो महीने से ज्यादा समय लग गया है।
पहले इस मामले को कार्मिक विभाग में भेजा गया था, जिसने यह स्पष्ट किया कि आंदोलनकारी गृह विभाग के अंतर्गत आते हैं, इसलिए प्रमाणपत्र गृह विभाग ही जारी करेगा। इसके बाद, बीजेपी नेता रविंद्र जुग्रान ने सचिव शैलेश बगौली से मुलाकात की और इस विषय में चर्चा की। गृह सचिव शैलेश बगौली ने कहा कि विभाग इस सप्ताह अपने सरकारी आदेश को जारी करने की कोशिश कर रहा है।
राज्य आंदोलनकारियों के लिए आरक्षण
राज्य सरकार ने पहले ही राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान किया है। यह आरक्षण राज्य आंदोलन में भाग लेने वाले व्यक्तियों और उनके परिवारों के लिए है। हालांकि, अब तक इस आरक्षण को लागू करने के लिए प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई थी।
अब गृह विभाग ने इस आदेश पर काम शुरू कर दिया है और जल्द ही आंदोलनकारियों के आश्रितों को प्रमाणपत्र दिए जाएंगे, जिससे वे सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ ले सकेंगे। इस निर्णय से राज्य आंदोलनकारियों के परिवारों के लिए नौकरी प्राप्ति की संभावना बढ़ जाएगी।
समग्र समीक्षा
उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी किए गए इन नए दिशा-निर्देशों से राज्य के प्रशासनिक ढांचे में सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है। खासकर वेबसाइटों को नए और सुरक्षित प्रारूप में ढालने से सरकारी विभागों की सूचना प्रणाली को और अधिक प्रभावी और सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, सरकार के खरीदारी के प्रबंधों को पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने से भ्रष्टाचार की संभावनाओं को भी कम किया जाएगा।
राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों के लिए आरक्षण का प्रावधान भी एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन्हें सरकारी सेवाओं में बेहतर अवसर प्रदान करेगा। कुल मिलाकर, इन नए कदमों से उत्तराखंड में प्रशासनिक सुधारों के साथ-साथ साइबर सुरक्षा, सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में भी सुधार की उम्मीद है।
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