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Odisha: भूमि विवाद में सनसनीखेज घटना, सेवानिवृत्त अधिकारी के बेटे ने सार्वजनिक रूप से की गोलीबारी – वीडियो वायरल

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Odisha: ओडिशा के झारसुगुड़ा शहर के बॉम्बे चौक क्षेत्र में एक सनसनीखेज घटना घटी, जब महानदी कोलफील्ड लिमिटेड के सेवानिवृत्त महाप्रबंधक के बेटे ने अपनी शक्ति और प्रभाव को दर्शाने के लिए सार्वजनिक रूप से हवाई फायरिंग की। यह घटना एक भूमि विवाद से जुड़ी है, जिसमें आरोपी ने सड़क पर अवैध कब्जा कर लिया था।

घटना का विवरण:

यह मामला उस समय सामने आया जब विकाश अग्रवाल, जो कि उस सड़क के समीप स्थित भूमि के मालिक हैं, ने सड़क को साफ करने के लिए मजदूरों को भेजा। यह सड़क उनके जमीन से जुड़ी हुई थी। जैसे ही मजदूरों ने सड़क पर काम करना शुरू किया, आरोपी रामजी सिंह के बेटे ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। पहले तो उन्होंने हवा में गोली चलाई और फिर जब मजदूरों ने पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी, तो उन्होंने मजदूरों की तरफ एक और गोली चला दी  गनीमत यह रही कि इस गोलीबारी में किसी को भी नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी।

Odisha: भूमि विवाद में सनसनीखेज घटना, सेवानिवृत्त अधिकारी के बेटे ने सार्वजनिक रूप से की गोलीबारी - वीडियो वायरल

मजदूरों की गवाही:

घटना के बारे में बयान देते हुए मजदूरों ने कहा, “हम अपनी मालिक की ज़मीन से जुड़ी सड़क को साफ करने के लिए आए थे। जब हम पहली बार वहां पहुंचे, तो रामजी सिंह के परिवार ने हमें धमकी दी और हमें वहां से भगा दिया। इसके बाद हमने विकाश अग्रवाल से शिकायत की और फिर से उस स्थान पर गए। इस बार भी रामजी सिंह के परिवार ने हमें गालियाँ दीं और धमकाया। जब हमने पुलिस में शिकायत करने की बात की, तो रामजी सिंह के बेटे ने पहले हवा में गोली चलाई और फिर हमें निशाना बनाकर दूसरी गोली चलाई। शुक्र है कि गोली हमसे चूक गई और हम सुरक्षित रहे, लेकिन इस व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।”

भूमि मालिक विकाश अग्रवाल का बयान:

विकाश अग्रवाल ने कहा, “मैं पिछले पांच साल बाद उस सड़क पर गया और पाया कि उस पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। जब मैंने जेसीबी के साथ मजदूरों को भेजा, तो रामजी सिंह के परिवार ने उनका विरोध किया और उन्हें बंदूक से धमकाया। अंत में, रामजी सिंह के बेटे ने गोली भी चलाई। यह स्पष्ट है कि रामजी सिंह का परिवार सड़क पर कब्जा किए हुए है और हमें इस मामले में पुलिस से कार्रवाई की उम्मीद है।”

पुलिस ने किया पिता-पुत्र को गिरफ्तार:

घटना के बाद मजदूरों ने इस घटना का वीडियो अपने कैमरे में कैद कर लिया, जिसमें आरोपी युवक को बंदूक के साथ देखा जा सकता है। यह बंदूक रामजी सिंह के पास है, और इसका लाइसेंस 1985 में हज़ारीबाग में जारी किया गया था। रामजी सिंह, जो महानदी कोलफील्ड लिमिटेड के सेवानिवृत्त महाप्रबंधक हैं, इस घटना के बाद पुलिस की गिरफ्त में हैं। पुलिस ने रामजी सिंह और उनके बेटे दोनों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।

बंदूक का लाइसेंस और पुलिस कार्रवाई:

यह साफ है कि रामजी सिंह ने अपनी सेवा के दौरान प्राप्त किए गए प्रतिष्ठा और शक्ति का गलत उपयोग किया। हालांकि उनके पास जो बंदूक है, वह लाइसेंस प्राप्त है, लेकिन सार्वजनिक स्थान पर गोलीबारी करने का उनका कदम कानून के खिलाफ है। पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि आरोपी ने किस प्रकार से कानून का उल्लंघन किया।

पुलिस ने कहा कि गोलीबारी की घटना के बाद तुरंत कार्रवाई की गई और आरोपी पिता-पुत्र को हिरासत में लिया गया। पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी तथ्यों की जांच करेगी, और यदि पाया जाता है कि उन्होंने अवैध तरीके से सड़क पर कब्जा किया था, तो इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

घटना के बाद की स्थिति:

घटना के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया है। स्थानीय लोग इस घटना को लेकर काफी चिंतित हैं और उन्होंने पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। यह मामला इस प्रकार के भूमि विवादों में बढ़ती हिंसा और अवैध कब्जे की ओर इशारा करता है, जो समाज में असुरक्षा की भावना पैदा करता है।

स्थानीय प्रशासन ने भी इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि ऐसे मामलों में सख्त कानून व्यवस्था का पालन किया जाएगा। प्रशासन ने यह भी कहा कि जनता को इस प्रकार के विवादों में शामिल न होने और कानून को हाथ में न लेने की सलाह दी है।

संवेदनशीलता और कानून का पालन:

यह घटना इस बात का प्रतीक है कि समाज में शक्ति और प्रभाव के गलत इस्तेमाल से न केवल कानून व्यवस्था की स्थिति पर असर पड़ता है, बल्कि इससे आम लोगों के जीवन में भी भय और असुरक्षा की भावना उत्पन्न होती है। सरकार और प्रशासन को ऐसे मामलों में सख्ती से कानून लागू करना चाहिए, ताकि कोई भी व्यक्ति अपनी शक्ति और प्रभाव का दुरुपयोग करके समाज में हिंसा और अशांति न फैलाए।

झारसुगुड़ा के बॉम्बे चौक में हुई यह घटना एक कड़े संदेश देती है कि समाज में कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पद पर हो, उसे कानून से ऊपर नहीं समझा जा सकता। यह घटना भूमि विवादों में बढ़ती हिंसा और ताकत के दुरुपयोग के उदाहरण के रूप में सामने आई है, और अब यह पुलिस के लिए चुनौती बन गई है कि वे इस मामले में निष्पक्ष और कड़ी कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में ऐसे घटनाओं से बचा जा सके।

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