Uttarakhand News: शराब की ओवर-रेटिंग पर सख्ती, जिलाधिकारी एक्साइज अधिकारी बिंजौला को हटाया गया
Uttarakhand News: उत्तराखंड के देहरादून में शराब की ओवर-रेटिंग को लेकर हाल ही में एक बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया गया है। देहरादून के जिलाधिकारी एक्साइज अधिकारी कैलाश चंद्र बिंजौला को शराब की ओवर-रेटिंग की शिकायतों के चलते हटा दिया गया है। एक्साइज कमिश्नर हरिचंद सेमवाल ने आदेश जारी कर उन्हें मुख्यालय से जोड़ने की बात कही है। हालांकि, उनकी जगह फिलहाल किसी अन्य अधिकारी को नियुक्त नहीं किया गया है।
शराब की ओवर-रेटिंग पर प्रशासनिक सख्ती
शराब दुकानों पर ओवर-रेटिंग की समस्या देहरादून और अन्य शहरों में तेजी से बढ़ रही थी। दुकानदारों द्वारा शराब की कीमतों में अत्यधिक बढ़ोतरी की जा रही थी, जो उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का कारण बन रही थी। इस मामले में जब देहरादून के जिलाधिकारी ने सक्रियता दिखाई, तो ओवर-रेटिंग को लेकर कार्रवाई शुरू हुई।
पहले तो जिलाधिकारी ने खुद इसकी जांच की और कुछ जगहों पर ओवर-रेटिंग पर लगाम भी लगी। लेकिन धीरे-धीरे यह समस्या फिर से बढ़ने लगी। कई शराब दुकानदारों पर जुर्माना भी लगाया गया, लेकिन इसका कोई खास असर नहीं पड़ा। दुकानदारों ने जुर्माना भरने के बाद भी अपनी कीमतों में वृद्धि जारी रखी।
जिलाधिकारी बिंजौला पर कार्रवाई
जिलाधिकारी एक्साइज अधिकारी कैलाश चंद्र बिंजौला की कार्रवाई पर कोई ठोस परिणाम न मिलने के कारण उन्हें हटा दिया गया है। एक्साइज कमिश्नर हरिचंद सेमवाल ने कहा कि शराब की ओवर-रेटिंग की लगातार शिकायतों के कारण एक्साइज विभाग की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ रहा था। इसीलिए बिंजौला को मुख्यालय भेजा गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में लगातार शिकायतें मिलने के बाद यह फैसला लिया गया है। विभाग की छवि को बनाए रखने के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी। अब तक की जांच और कार्रवाई में भी कोई बड़ी सफलता नहीं मिली थी, जिस कारण अधिकारी को हटाने का निर्णय लिया गया।
ओवर-रेटिंग पर प्रशासन की नजर
शराब की ओवर-रेटिंग की समस्या पर प्रशासन की नजर अब और सख्त हो गई है। देहरादून के जिलाधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लिया था और शुरू में खुद इस पर कार्रवाई की थी। उन्होंने पहले ओवर-रेटिंग की जांच के लिए खुद की टीम बनाई थी और दुकानों पर छापेमारी भी की थी।
इसके बावजूद ओवर-रेटिंग की समस्या दूर नहीं हो सकी। कई बार जुर्माना लगाने के बावजूद भी दुकानदारों की गतिविधियों में कोई अंतर नहीं आया। इस कारण अब प्रशासन ने बड़ा कदम उठाते हुए अधिकारियों की जिम्मेदारी में बदलाव किया है।
शराब की ओवर-रेटिंग के कारण
ओवर-रेटिंग के कारणों पर गौर किया जाए तो यह साफ तौर पर दिखता है कि शराब की कीमतों में बढ़ोतरी से लाभ प्राप्त करने की कोशिश के कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही थी। शराब दुकानदारों द्वारा कीमतें मनमाने तरीके से बढ़ाने का मुख्य कारण यह था कि उपभोक्ताओं के पास अन्य विकल्प कम थे। इसके अलावा, बाजार में शराब की मांग भी लगातार बनी हुई थी, जिससे दुकानदारों को मनमानी कीमतें तय करने का अवसर मिल रहा था।
अगला कदम और भविष्य की योजना
जिलाधिकारी बिंजौला की हटाने के बाद अब प्रशासन शराब की ओवर-रेटिंग पर कड़ी निगरानी रखने की योजना बना रहा है। अधिकारियों का कहना है कि ओवर-रेटिंग की समस्या को खत्म करने के लिए और भी कड़े कदम उठाए जाएंगे। इसके तहत, हर शराब की दुकान की नियमित रूप से जांच की जाएगी और उन दुकानों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी जो ओवर-रेटिंग में संलिप्त पाए जाएंगे।
शराब दुकानों पर लगने वाले जुर्माने की राशि को भी बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है, ताकि दुकानदारों के लिए ओवर-रेटिंग करना मंहगा साबित हो। इसके अलावा, राज्य सरकार इस दिशा में और कड़े कानून बनाने की दिशा में भी सोच सकती है, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
उत्तराखंड के देहरादून में शराब की ओवर-रेटिंग की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन ने सख्ती दिखाई है और जिलाधिकारी एक्साइज अधिकारी को हटा दिया गया है। हालांकि, अभी तक ओवर-रेटिंग पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है, लेकिन प्रशासन के इस कदम से उम्मीद जताई जा रही है कि आगे चलकर शराब की कीमतों पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन के नए कदम क्या परिणाम लाते हैं और शराब दुकानों पर किस हद तक ओवर-रेटिंग पर काबू पाया जा सकेगा