अपना उत्तराखंड

Uttarakhand Electricity News: ऊर्जा निगम की सख्त निगरानी, इस साल 2500 से अधिक बिजली चोर पकड़े गए, जूनियर इंजीनियरों का प्रदर्शन

Spread the love

Uttarakhand Electricity News: ऊर्जा निगम ने बिजली चोरी पर अंकुश लगाने के लिए अपनी कार्रवाई और निगरानी को और कड़ा कर दिया है। इस वर्ष अब तक 2500 से अधिक बिजली चोरों को पकड़ा गया है, और निगम लगातार अपनी कार्यवाही में तेजी ला रहा है। ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने इस साल के आंकड़ों का खुलासा किया और बताया कि चोरी के मामलों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही, ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने कुछ उद्योगों पर उठाए जा रहे आरोपों को भी खारिज किया है, जिनके तहत बिजली चोरी के मामले उजागर किए गए थे।

ऊर्जा निगम की कार्रवाई जारी

ऊर्जा निगम की टीम पूरे राज्य में बिजली चोरी पर नजर रख रही है, और प्रत्येक जिला में कार्यकारी अभियंता स्तर पर निगरानी की जा रही है। इस साल सितंबर तक 2500 से ज्यादा मामलों में बिजली चोरी पकड़ने का दावा किया गया है। निगम के संचालन निदेशक, श्री एम.आर. आर्य ने बताया कि कुछ लोग ऊर्जा निगम की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए बेतुके और भ्रामक आरोप लगा रहे हैं, खासकर काशीपुर और रूड़की के औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली चोरी के मामलों को लेकर।

Uttarakhand Electricity News: ऊर्जा निगम की सख्त निगरानी, इस साल 2500 से अधिक बिजली चोर पकड़े गए, जूनियर इंजीनियरों का प्रदर्शन

निगम ने कहा कि वह पिछले कई वर्षों से इन औद्योगिक कनेक्शनों को उपभोक्ता सेल (KCC) के तहत बिलिंग कर रहा है और हर महीने इन कनेक्शनों की बिलिंग डेटा की समीक्षा कार्यकारी अभियंता के स्तर पर की जाती है। इसके अलावा, लाइन लॉस को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि बिजली चोरी पर काबू पाया जा सके।

ऊर्जा निगम के अधिकारियों पर हमले

उधम सिंह नगर और हरिद्वार जिलों को बिजली चोरी के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। इन क्षेत्रों में बिजली चोरी रोकने के लिए जब भी कार्रवाई की जाती है, तो ऊर्जा निगम के कर्मियों को गालियाँ दी जाती हैं और हिंसा का शिकार होना पड़ता है। यह सिलसिला रोज़ का है, जिससे निपटने के लिए पुलिस से सहयोग लिया जाता है। ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने कहा कि ये हमले और उत्पीड़न अब आम बात हो गई हैं, लेकिन वे निरंतर कार्रवाई जारी रखेंगे।

इस बीच, ऊर्जा निगम ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को लागू किया है, ताकि इन स्थानों पर कार्रवाई निर्बाध रूप से चलती रहे। विभाग का कहना है कि उधम सिंह नगर और हरिद्वार में लगातार बिजली चोरी के मामलों में वृद्धि देखी गई है और यह स्थिति बहुत गंभीर हो गई है।

जूनियर इंजीनियरों का प्रदर्शन

इसी बीच, देहरादून में ऊर्जा निगम के जूनियर इंजीनियरों ने अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाई है। उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन (UPJEA) के आह्वान पर, जूनियर इंजीनियरों ने ऊर्जा भवन में सत्याग्रह किया। इंजीनियरों ने प्रबंधक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी 13 बिंदुओं की मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। एसोसिएशन के मुताबिक, एसीसी इंजीनियर की वरिष्ठता सूची जारी करने और कार्यकारी अभियंता के पदों के खाली पदों पर प्रोमोशन की मांग की जा रही है।

एसोसिएशन के केंद्रीय अध्यक्ष आनंद सिंह रावत ने कहा कि प्रबंधन के पास इंजीनियरों की वैध मांगों के प्रति कोई संवेदनशीलता नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रबंधन ने पहले जो आश्वासन दिया था कि कोर्ट के निर्णय के बाद वरिष्ठता सूची का पालन किया जाएगा, वह अब अनावश्यक रूप से देरी कर रहा है। एसोसिएशन के महासचिव पवन रावत ने कहा कि प्रबंधन की निष्पक्ष निर्णय न लेने की वजह से जूनियर इंजीनियरों को अपने भविष्य को लेकर आशंका हो रही है।

प्रदर्शन में शामिल हुए अन्य नेताओं ने कहा कि यह आंदोलन 13 बिंदुओं की मांग को लेकर लंबी अवधि से चल रहा है, और जब तक इन मांगों का समाधान नहीं किया जाता, यह प्रदर्शन जारी रहेगा।

ऊर्जा निगम के अधिकारियों की ओर से प्रतिक्रिया

ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने इस प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जूनियर इंजीनियरों की मांगें पूरी करने के लिए वे संवेदनशील हैं और जल्द ही इस मुद्दे पर उचित कदम उठाए जाएंगे। निगम का कहना है कि उनकी तरफ से मांगों की समीक्षा की जा रही है और जिस प्रकार से इस मामले में कदम उठाए जाएंगे, उसके बारे में जल्द ही बैठक की जाएगी।

प्रबंधन ने कहा कि जूनियर इंजीनियरों की समस्याओं का समाधान जल्द किया जाएगा और भविष्य में समझौते की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने की कोशिश की जाएगी।

ऊर्जा निगम के भविष्य की योजनाएँ

ऊर्जा निगम ने अपनी रणनीति को और मजबूत करने के संकेत दिए हैं। बिजली चोरी को रोकने के लिए प्रौद्योगिकी का सहारा लिया जाएगा, साथ ही सभी स्तरों पर निगरानी बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा, जूनियर इंजीनियरों की समस्याओं को हल करने के लिए एक समझौता बनाने की योजना बनाई जा रही है, ताकि कामकाजी माहौल को बेहतर बनाया जा सके और कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाया जा सके।

प्रबंधन ने यह भी कहा कि ऊर्जा संकट से निपटने और सार्वजनिक सेवा को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। बिजली चोरी की रोकथाम के अलावा, निगम अपनी ग्राहक सेवा और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में भी काम कर रहा है, ताकि भविष्य में बिजली की आपूर्ति और वितरण में कोई समस्या न आए।

ऊर्जा निगम ने बिजली चोरी को लेकर सख्त कदम उठाए हैं, और इस मुद्दे पर लगातार कार्रवाई जारी रखी है। हालांकि, जूनियर इंजीनियरों के प्रदर्शन से साफ है कि निगम को अपनी कर्मचारियों की समस्याओं को हल करने की दिशा में भी कदम उठाने होंगे। यह स्थिति समय रहते सुलझी नहीं, तो निगम को और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। बिजली चोरी के खिलाफ लगातार संघर्ष के बावजूद, कर्मचारियों की स्थिति को सुधारने के लिए ऊर्जा निगम को कई मोर्चों पर ध्यान देने की आवश्यकता है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button