Uttarakhand: हेलीकॉप्टर से 38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों को रफ्तार, GTS टीम देहरादून-हरिद्वार का दौरा करेगी आज
Uttarakhand: उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों को गति देने के लिए हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जाएगा। राज्य की भौगोलिक स्थिति और समय की कमी को देखते हुए, खेल तकनीकी संचालन समिति (GTCC) के लिए छह सीटर हेलीकॉप्टर प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे खेलों की तैयारी में तेजी लाई जा सके। यह पहल राज्य के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि उत्तराखंड वह पहला राज्य होगा जहां राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों के लिए हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया जाएगा।
खेलों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए 10 सदस्यीय GTCC टीम शनिवार तक देहरादून पहुंचेगी। इस टीम को राज्य अतिथि का दर्जा दिया गया है, ताकि उनकी यात्रा और कार्यक्रम में कोई परेशानी न हो। इसके साथ ही, उनकी सड़क और हवाई मार्ग यात्रा के लिए एक मार्ग योजना भी तैयार की गई है।
राज्य अतिथि का दर्जा और हेलीकॉप्टर की सुविधा
उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव, डीके सिंह ने राज्य सरकार से यह मांग की थी कि GTCC के सदस्यों को राज्य अतिथि का दर्जा दिया जाए और समय की बचत के लिए पहाड़ी सड़कों पर यात्रा करने के बजाय हेलीकॉप्टर की सुविधा प्रदान की जाए। इस प्रस्ताव को उत्तराखंड सरकार ने स्वीकार कर लिया है, और राज्य के विशेष मुख्य सचिव अमित सिन्हा ने इस पर पुष्टि की है कि दोनों मांगें मानी गई हैं।
हेलीकॉप्टर से निरीक्षण की यात्रा
16 नवंबर को GTCC टीम देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश के शिवपुरी क्षेत्र में स्थित खेल स्थल का निरीक्षण सड़क मार्ग से करेगी। इसके बाद, 17 नवंबर को टीम हेलीकॉप्टर से हल्द्वानी, रुद्रपुर और टिहरी में स्थित खेल स्थलों का निरीक्षण करेगी। हेलीकॉप्टर द्वारा यात्रा करने से समय की काफी बचत होगी, क्योंकि सभी स्थलों तक पहुंचने में केवल 15 से 50 मिनट का समय लगेगा, जबकि सड़क मार्ग से यात्रा करने में कई घंटे लग सकते हैं।
GTCC टीम और निरीक्षण प्रक्रिया
GTCC टीम में कुल 9 सदस्य हैं, जिनका नेतृत्व नायना कुमारी कर रही हैं। यह टीम राज्य के विभिन्न प्रस्तावित खेल स्थलों का निरीक्षण करेगी और अंत में इन स्थलों को अंतिम स्वीकृति देने के लिए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। यह दौरा राज्य में खेलों की तैयारी की स्थिति का सही आकलन करने में मदद करेगा, ताकि 38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारियां समय पर पूरी हो सकें।
यात्रा का विस्तृत मार्ग
अधिकारियों के अनुसार, 16 नवंबर को GTCC टीम देहरादून से हरिद्वार और ऋषिकेश स्थित खेल स्थलों का निरीक्षण करेगी। यह यात्रा सड़क मार्ग से की जाएगी, क्योंकि इन स्थानों तक पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर का उपयोग संभव नहीं था। इसके बाद, 17 नवंबर को टीम हेलीकॉप्टर से हल्द्वानी, रुद्रपुर और टिहरी का दौरा करेगी। ये स्थान उत्तराखंड के प्रमुख खेल स्थलों में से हैं, जहां राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयारी की जा रही है।
उत्तराखंड का नया कदम
उत्तराखंड के लिए यह कदम एक महत्वपूर्ण पहल है, क्योंकि राज्य का चुनाव पहली बार खेलों की तैयारियों के लिए हेलीकॉप्टरों का उपयोग करने के रूप में किया गया है। इस पहल से यह साबित होता है कि राज्य सरकार खेलों की सफलता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और हर संभव प्रयास कर रही है ताकि तैयारियां समय पर पूरी हो सकें। यह पहल राज्य की पहाड़ी भौगोलिक स्थिति और सीमित समय के मद्देनजर एक कड़ा कदम है, जिससे यात्रा की प्रक्रिया को और अधिक सुविधाजनक और तेज बनाया जाएगा।
सरकार का समर्थन
उत्तराखंड की सरकार ने खेलों की तैयारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को साबित करते हुए GTCC की यात्रा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं। खेल मंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों ने खेलों के आयोजन के लिए हर संभव समर्थन प्रदान करने का आश्वासन दिया है। इसके अतिरिक्त, अधिकारियों का कहना है कि खेलों की सफलता के लिए प्रत्येक पहलू पर ध्यान दिया जा रहा है, चाहे वह सुरक्षा हो, आयोजन स्थल हो या फिर यात्रा की व्यवस्था।
अंतिम स्वीकृति और खेलों की शुरुआत
GTCC टीम का निरीक्षण 18 नवंबर को समाप्त होगा, जब वे राष्ट्रीय खेलों के कार्यालय में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे और तैयारियों का अंतिम आकलन करेंगे। इस आकलन के आधार पर, खेलों के आयोजन के लिए अंतिम स्वीकृति दी जाएगी। इस रिपोर्ट के साथ ही खेलों के आयोजन के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी हो जाएंगी, और इसके बाद राष्ट्रीय खेलों की तैयारी को अंतिम रूप दिया जाएगा।
राज्य सरकार और उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन का कहना है कि उन्होंने किसी भी तरह की कमी को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किया है और खेलों के आयोजन के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों में हर पहलू पर ध्यान दिया जा रहा है, और हेलीकॉप्टर के जरिए निरीक्षण का यह तरीका उत्तराखंड की खेलों के प्रति गंभीरता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। खेलों के आयोजन में यह कदम राज्य के लिए एक नई दिशा प्रस्तुत करता है और यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस वर्ष का राष्ट्रीय खेल एक ऐतिहासिक सफलता साबित होगा।