Project Akashteer: भारतीय सेना ने अपनी ताकत को और बढ़ाने के लिए भूमि से लेकर आकाश तक अपने सुरक्षा तंत्र को सशक्त बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। हाल ही में, भारतीय सेना ने ‘प्रोजेक्ट आकाशतीर’, निगरानी हेलीकॉप्टरों और ऑल-टेरेन व्हीकल्स (ATVs) की खरीद प्रक्रिया की शुरुआत की है, जो यह दर्शाता है कि सेना अब हर मोर्चे पर अपनी सतर्कता को और अधिक मजबूत कर रही है। इस नए प्रयास के तहत भारतीय सेना ने वायु रक्षा प्रणाली को और भी उन्नत बनाने का संकल्प लिया है, जिससे भारतीय आकाश की सुरक्षा को अभेद्य बनाया जा सके।
‘प्रोजेक्ट आकाशतीर’ से भारतीय सेना की वायु रक्षा में होगा बड़ा बदलाव
भारतीय सेना अपने वायु रक्षा तंत्र को अत्याधुनिक बनाने के लिए ‘प्रोजेक्ट आकाशतीर’ की शुरुआत कर चुकी है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य भारतीय वायु रक्षा प्रणाली को पूरी तरह से डिजिटलीकरण और स्वचालित बनाना है। इस परियोजना के तहत भारतीय सेना की वायु रक्षा नियंत्रण और रिपोर्टिंग प्रक्रियाओं को स्वचालित किया जा रहा है, जिससे किसी भी हमले की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, “प्रोजेक्ट आकाशतीर को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। इसके तहत कुल 455 वायु रक्षा प्रणालियों की आवश्यकता है, जिनमें से 107 प्रणालियाँ पहले ही भारतीय सेना को मिल चुकी हैं। 105 प्रणालियाँ मार्च 2025 तक मिल जाएंगी, जबकि बाकी 243 प्रणालियाँ मार्च 2027 तक सेना को सौंप दी जाएंगी। इन प्रणालियों के संचालन से भारतीय सेना की वायु रक्षा क्षमता में एक क्रांतिकारी बदलाव आएगा। हाल ही में इस परियोजना का ‘रील टाइम वेरिफिकेशन’ भी किया गया, जो यह साबित करता है कि भारतीय सेना वायु रक्षा के मामले में अत्यधिक तैयार है।”
इस प्रणाली को “रियल टाइम” तरीके से परीक्षण किया गया, ताकि भविष्य के युद्ध परिदृश्यों में इसे और भी अधिक प्रभावी बनाया जा सके। वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के अनुसार, यह प्रणाली भारतीय सेना की वायु रक्षा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन साबित होगी।
निगरानी हेलीकॉप्टरों की खरीद प्रक्रिया का आरंभ
भारतीय सरकार ने निगरानी हेलीकॉप्टरों की खरीद प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसके लिए एक “रिक्वेस्ट फॉर इंफॉर्मेशन” (RFI) जारी किया गया है, जिसमें इन हेलीकॉप्टरों को ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ कार्यक्रम के तहत भारतीय निर्माताओं से खरीदने का प्रस्ताव है। इन हेलीकॉप्टरों को विशेष रूप से ऐसे क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा, जहां रेगिस्तान, मैदान या पहाड़ी इलाके जैसे भिन्न-भिन्न प्रकार के भौगोलिक क्षेत्र हैं। इन हेलीकॉप्टरों को 4500 मीटर तक की ऊँचाई पर तैनात किया जा सकेगा और इन्हें दिन और रात दोनों समय निगरानी कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।
इन हेलीकॉप्टरों का डिज़ाइन इस प्रकार होगा कि भविष्य की आवश्यकताओं के हिसाब से इन्हें उन्नत किया जा सके, बिना उनके मौजूदा संरचनाओं में बदलाव किए। इन हेलीकॉप्टरों को पश्चिमी सीमा से लेकर हिमालयी क्षेत्रों तक तैनात किया जाएगा, ताकि भारतीय सेना के पास हर मौसम और भौगोलिक स्थिति में निरंतर निगरानी की क्षमता हो।
उत्तरी सीमा पर ATVs की तैनाती
भारतीय सेना की उत्तरी सीमा पर तैनाती के लिए ऑल-टेरेन व्हीकल्स (ATVs) की खरीद प्रक्रिया भी शुरू की गई है। ये ATVs भारतीय सेना को मुश्किल से मुश्किल इलाकों में प्रवेश करने की सुविधा देंगी, खासकर उन क्षेत्रों में जहां सड़कों की स्थिति बहुत खराब या अनुपस्थित है। ATVs का इस्तेमाल हथियारों की तैनाती और संचालन के दौरान रसद भेजने के लिए किया जाएगा।
सरकार ने इन ATVs के लिए भी एक “रिक्वेस्ट फॉर इंफॉर्मेशन” (RFI) जारी किया है, जिसमें इन वाहनों के लिए कुछ विशेषताओं का उल्लेख किया गया है, जैसे कि इनकी seating capacity कम से कम चार लोग (ड्राइवर सहित) होनी चाहिए, इसमें डिस्क ब्रेक, ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन और GPS/ GNSS आधारित नेविगेशन सिस्टम जैसे अत्याधुनिक उपकरण होने चाहिए। इन ATVs का उपयोग उत्तर में तैनात सैनिकों के लिए एक प्रभावी और त्वरित ट्रांसपोर्टेशन विकल्प होगा, खासकर ऐसी जगहों पर जहां पारंपरिक वाहनों का उपयोग मुश्किल हो।
भारत और बांगलादेश के बीच भूमि पोर्टों पर चर्चा
भारत और बांगलादेश ने मंगलवार को अपनी सीमा पर स्थित भूमि पोर्टों और चेक पोस्टों के बुनियादी ढांचे के निर्माण और संचालन क्षमता बढ़ाने के लिए सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया। नई दिल्ली में आयोजित छठी उप-समूह बैठक के दौरान, दोनों देशों ने यह निर्णय लिया कि वे सीमा पर स्थित विभिन्न भूमि पोर्टों पर सहयोग बढ़ाएंगे और उनकी कार्यक्षमता में सुधार करेंगे।
यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापार और परिवहन के सुधार के लिए महत्वपूर्ण होगा। यह सहयोग न केवल व्यापारिक संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा को भी बढ़ावा देगा।
भारतीय सेना ने भूमि से लेकर आकाश तक अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें ‘प्रोजेक्ट आकाशतीर’ की शुरुआत, निगरानी हेलीकॉप्टरों की खरीद, और ATVs की तैनाती शामिल है। ये कदम यह सुनिश्चित करेंगे कि भारतीय सेना किसी भी परिस्थिति में अपनी सुरक्षा को बनाए रखने में सक्षम रहे। सेना की यह तैयारियां न केवल हमारे देश की सुरक्षा को सशक्त बनाएंगी, बल्कि भारतीय सेना की वायु रक्षा क्षमता को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी।
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