Nainital News: छह बाहरी लोगों द्वारा खरीदी गई 210 नाली ज़मीन होगी जब्त, भूमि कानून उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई

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Nainital News: श्री कैंची धाम तहसील क्षेत्र के विभिन्न गांवों में छह बाहरी लोगों द्वारा खरीदी गई 210 नाली ज़मीन पर भूमि कानून के उल्लंघन का मामला सामने आया है। यह मामला अब राज्य सरकार के अधिकारियों के ध्यान में आया है, और जांच के बाद इसे सरकार के नाम पर स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है। इस मामले को लेकर जिला प्रशासन और अन्य संबंधित अधिकारियों की बैठकें जारी हैं, और आगे की कार्रवाई की जा रही है।

बाहरी लोगों द्वारा खरीदी गई ज़मीन का मामला

जिले के एसडीएम वीसी पंत की अध्यक्षता में बनाई गई टीम द्वारा की गई जांच में पाया गया कि बाहरी लोगों ने जिन 210 नाली ज़मीनों को विभिन्न गांवों में खरीदी थी, उनमें से कुछ ज़मीनों का विवरण खाता-उनी (खातूनी) में उपलब्ध नहीं था। इसके बाद प्रशासन ने यह सिफारिश की है कि उक्त ज़मीन को राज्य सरकार के नाम पर स्थानांतरित कर दिया जाए।

एसडीएम ने बताया कि इस जांच के तहत 50 नाली ज़मीन पियूष सिंघानिया की चौर्सा में, 100 नाली ज़मीन महाशक्ति पवार की कूल में, और 60 नाली ज़मीन तीन लोगों की छिमी और एक व्यक्ति की पीउड़ा में खरीदी गई थी, जिनका विवरण खाता-उनी में नहीं था। इस कारण से प्रशासन ने इन मामलों को राज्य सरकार के पास भेजने की सिफारिश की है।

भवानी सिंह का केस भी आया सामने

इससे पहले, उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ विधायक राजा भैया की पत्नी भवानी सिंह की 27.5 नाली ज़मीन सिलटोना में राज्य सरकार के नाम पर स्थानांतरित कर दी गई थी, क्योंकि वह भी बिना अनुमति के खरीदी गई थी। प्रशासन की कार्रवाई के बाद बाहरी लोगों में खलबली मची हुई है, और उनका डर बढ़ता जा रहा है कि कहीं उनकी ज़मीन भी जब्त न कर ली जाए।

होटल और रेस्टोरेंट संघ की बैठक: अवैध होमस्टे पर कार्रवाई की मांग

बुधवार को ग्रेटर भीमताल होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन की एक महत्वपूर्ण बैठक होटल तालतिल में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद गुणवंत ने की। बैठक में होटल संचालकों ने जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग से आग्रह किया कि भीमताल और आसपास के क्षेत्रों में अवैध होमस्टे संचालित करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

होटल संचालकों का कहना था कि कुछ बाहरी लोग बिना पंजीकरण के होमस्टे चला रहे हैं, जिससे न केवल सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि पर्यटकों को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि यह अवैध होमस्टे पर्यटकों की सुरक्षा और सुविधा को प्रभावित कर रहे हैं, और इससे स्थानीय होटल व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है।

भिमताल में ट्रैफिक की समस्या और अन्य मुद्दे

इसके साथ ही होटल संचालकों ने भिमताल, नौकुचियाताल और आसपास के क्षेत्रों में रोजाना लगने वाले ट्रैफिक जाम की समस्या पर भी चिंता जताई। उन्होंने प्रशासन से इस समस्या का समाधान करने की अपील की है। इसके अलावा, होटल संचालकों ने भीमताल झील के किनारे अवैध रूप से बने हुए बोट स्टैंड्स के मुद्दे पर भी असंतोष व्यक्त किया।

इस बैठक में तय किया गया कि जल्द ही कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत और जिलाधिकारी वंदना सिंह के साथ बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें इन सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

एसोसिएशन के प्रमुख सदस्य मौजूद रहे

बैठक में एसोसिएशन के कई प्रमुख सदस्य भी उपस्थित थे, जिनमें महेंद्र वर्मा, आरके जोशी, कुंदन सिंह बिष्ट, नितेश बिष्ट, दिनेश सांगुरी, ऋषि सिन्हा, उदय सिन्हा, रणवीर सिंह, कुंदन बिष्ट और अन्य सदस्य शामिल थे। सभी ने अपनी बातों को रखा और होटल व्यवसाय से जुड़ी समस्याओं को लेकर प्रशासन से सकारात्मक कार्यवाही की उम्मीद जताई।

नैनीताल में भूमि और पर्यटन मुद्दों पर प्रशासन की सख्ती

नैनीताल जिले में भूमि और पर्यटन से संबंधित समस्याओं को लेकर प्रशासन की सख्त कार्यवाही अब देखने को मिल रही है। यह कार्रवाई उस समय की जा रही है, जब बाहरी लोग उत्तराखंड में भूमि खरीदकर वहां अपनी संपत्ति बना रहे हैं, और स्थानीय नियमों और कानूनों की अवहेलना कर रहे हैं। प्रशासन ने यह संदेश दिया है कि यदि भूमि कानून का उल्लंघन किया जाएगा, तो राज्य सरकार के पक्ष में कार्रवाई की जाएगी।

यह घटनाएं इस बात को स्पष्ट करती हैं कि राज्य सरकार ने भूमि कानूनों को लागू करने में कड़ी निगरानी रखी है। इस कार्रवाई से यह भी संदेश जाता है कि राज्य में बाहरी निवेशकों को भूमि खरीदने से पहले स्थानीय कानूनों और नियमों का पालन करना होगा। पर्यटन क्षेत्र में भी प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि अवैध व्यवसायों को रोका जा सके और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिले।

आगे की कार्यवाही से यह उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन इन समस्याओं के समाधान के लिए और भी प्रभावी कदम उठाएगा, ताकि प्रदेश के नागरिकों और पर्यटकों को किसी भी प्रकार की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।

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