Himanshi murder case: कोर्ट मैरिज के बाद परिवार में विवाद, शादी से पहले ही भांजी की हत्या; मामा और उसके परिवार की नाखुशी की वजह

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Himanshi murder case: मुज़फ्फरनगर के खतौली क्षेत्र के रसूलपुर कैलोरा गाँव में एक शादी से पहले के विवाद ने भयानक रूप ले लिया। हिमांशी (27) की हत्या उसके ही मामा  और उनके बेटों ने की। मामा  और उसके बेटों ने अपनी भांजी  को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। आरोपियों ने शव को गाड़ी में डालकर ठिकाने लगाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस के आ जाने से वे गाड़ी छोड़कर फरार हो गए।

परिवार में विवाद और हत्या की घटना

मेरठ के बहसुम्बा थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर शकीस्त गाँव की रहने वाली हिमांशी पिछले 18 महीनों से अपने मामा भरतवीर के घर खतौली के रसूलपुर कैलोरा गाँव में रह रही थी। हिमांशी के पिता अनिल चौधरी का निधन 10 साल पहले हो गया था, जिसके बाद लगभग 22 बीघा जमीन और आभूषण भी मामा के घर रखे गए थे। हिमांशी और विनीत की कोर्ट मैरिज हो चुकी थी और 12 नवम्बर को दोनों की शादी तय की गई थी। शुक्रवार को दोनों को गाजियाबाद के वसुंधरा में शॉपिंग के लिए जाना था।

पैसे और गहनों को लेकर विवाद में चली गोली

शुक्रवार को जब हिमांशी ने अपने मामा से पैसे और गहनों की मांग की तो दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया। इसी बीच, मामा ने अपने बेटों के साथ मिलकर हिमांशी पर दो गोलियां चला दीं। गोलियों की आवाज सुनकर आस-पास के लोग इकट्ठा हो गए और किसी ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस के आते ही आरोपी कार छोड़कर फरार हो गए। पुलिस अधीक्षक सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि हिमांशी के पति विनीत की शिकायत पर भरतवीर और उनके बेटों मुकुल और अंकुश के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

पारिवारिक रिश्तों में बदलाव: जमीन बिकने के बाद बढ़े विवाद

जांच से पता चला है कि हिमांशी के पिता के निधन के बाद उसकी माता कविता ने अपने परिवार के सहयोग से करीब 30 बीघा जमीन की देखरेख की। 18 महीने पहले कविता ने 22 बीघा जमीन बेचकर कुछ पैसे भरतवीर के घर पर रख दिए। शादी से पहले पैसे और गहनों को लेकर विवाद बढ़ता गया, और बात खूनी संघर्ष तक पहुँच गई। हिमांशी और उसकी मां ने बहसुम्बा के मोहम्मदपुर शकीस्त गाँव में अपनी जमीन बेचने के बाद कुछ समय भरतवीर के घर पर बिताया। फिर खतौली के दयालपुरम में एक मकान बनवाया।

विनीत से प्यार और परिवार की नाखुशी

हिमांशी की विनीत से पढ़ाई के समय से ही दोस्ती थी, जो समय के साथ प्यार में बदल गई। अक्टूबर में हिमांशी ने कोर्ट मैरिज कर ली थी और इस रिश्ते को लेकर परिवार में असहमति बनी हुई थी। मामा  भरतवीर का परिवार हिमांशी की शादी से खुश नहीं था, और इस नाखुशी ने विवाद का रूप ले लिया। शुक्रवार को हिमांशी और विनीत को गाजियाबाद में शॉपिंग के लिए जाना था, लेकिन जब हिमांशी ने अपने मामा से पैसे और गहने मांगे तो विवाद ने खतरनाक मोड़ ले लिया।

पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने की जांच

हत्या की घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और आस-पास के लोगों से बातचीत की। फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी की टीम ने भी घटनास्थल पर जांच की और सबूत जुटाए। टीम ने भरतवीर के घर की भी गहन जांच की और कई महत्वपूर्ण चीजें अपने कब्जे में ले लीं। पुलिस इस तथ्य को भी शामिल करेगी कि हिमांशी के मामा का परिवार शादी से नाखुश था और यह बात जांच में एक अहम पहलू बन सकती है।

मामा की शिकायत और परिवार का बयान

मृतक हिमांशी के मामा मनोज कुमार ने भी पुलिस को शिकायत दी है। उन्होंने बताया कि उनके छोटे भाई अनिल कुमार के निधन के बाद हिमांशी और उसकी मां पिछले 18 महीनों से उनके भाई भरतवीर के साथ रह रहे थे। मनोज का कहना है कि उनकी भाभी कविता ने 22 बीघा जमीन बेचकर 1.5 करोड़ रुपये लिए थे, जो भरतवीर के पास ही रखे थे। दूसरी ओर, पुलिस का कहना है कि हिमांशी का मामा से विवाद चल रहा था और इसी वजह से पति की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है।

हिमांशी की चेतावनी और अंतिम कॉल

हिमांशी को अपनी हत्या का डर कई दिनों से सता रहा था। उसने विनीत को इस खतरे के बारे में पहले भी बताया था। शुक्रवार की सुबह भी उसने विनीत को फोन करके अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की थी। जब विनीत ने दोपहर में कई बार कॉल किया तो उसका फोन स्विच ऑफ मिला। हिमांशी के लापता होने के बाद विनीत ने पुलिस को सूचना दी।

एक दुखद पारिवारिक विवाद

हिमांशी की हत्या ने एक बार फिर परिवारिक संपत्ति और रिश्तों के उलझाव को उजागर किया है। जब परिवार के सदस्य ही एक-दूसरे के खिलाफ हो जाते हैं तो इसका परिणाम कितना भयानक हो सकता है, यह घटना इसका प्रमाण है। हिमांशी की मौत ने गांव में भी खलबली मचा दी है। लोग यह सोचने पर मजबूर हैं कि आखिर क्यों एक मासूम लड़की को इस तरह अपने ही मामा  और भाइयों के हाथों अपनी जान गंवानी पड़ी।

इस दुखद घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि संपत्ति, पैसे और परिवारिक विवाद कैसे एक भयानक रूप ले सकते हैं। अब यह देखना बाकी है कि इस मामले में पुलिस कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और दोषियों को सजा दिलाने में कितनी सफल होती है। हिमांशी का यह मामला पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि परिवार में संवाद और सहनशीलता का होना कितना जरूरी है।

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