Doon University: दून विश्वविद्यालय में हिन्दू अध्ययन पाठ्यक्रम की शुरुआत, 2026 से होगा MA कोर्स

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Doon University: उत्तराखंड का दून विश्वविद्यालय 2026 से हिन्दू अध्ययन (Hindu Studies) का एक अनूठा और विशेष पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। यह राज्य का पहला विश्वविद्यालय होगा, जहां MA (Hindu Studies) पाठ्यक्रम को संचालित किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम में छात्रों को हिन्दू धर्म, वेद, वेदांत, संस्कृत साहित्य, रामायण, महाभारत, हिन्दू दर्शन, संस्कृति, प्राचीन विज्ञान, और कला का गहन अध्ययन कराया जाएगा। इस कदम से दून विश्वविद्यालय न केवल उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक नया आयाम जोड़ने जा रहा है, बल्कि यह छात्रों को हिन्दू धर्म और संस्कृति के विविध पहलुओं में विशेषज्ञता प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी प्रदान करेगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति और हिन्दू अध्ययन का महत्व

भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 ने भाषा, संस्कृति और धार्मिक शिक्षा पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। नीति के तहत विभिन्न भारतीय विश्वविद्यालयों में हिन्दू अध्ययन जैसे महत्वपूर्ण विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल करने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) और दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) पहले ही हिन्दू अध्ययन में पोस्टग्रेजुएट और पीएचडी कार्यक्रम चला रहे हैं, और अब दून विश्वविद्यालय ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाया है। NEP 2020 के तहत, भारतीय संस्कृति, साहित्य और धर्म का अध्ययन शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण स्थान पा रहा है।

हिन्दू अध्ययन विभाग की स्थापना

दून विश्वविद्यालय में हिन्दू अध्ययन विभाग की स्थापना के निर्णय को राज्य सरकार ने मंजूरी दी है। हाल ही में हुए कैबिनेट बैठक में इस विभाग की स्थापना को स्वीकृति मिली, जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसको लागू करने के लिए तेजी से कार्य शुरू कर दिया है। इस पाठ्यक्रम में छात्रों को हिन्दू धर्म, वेद, वेदांत, संस्कृत, महाभारत, रामायण, कला, विज्ञान और संस्कृति के विषयों का समग्र अध्ययन कराया जाएगा। इसके अलावा, हिन्दू धर्मशास्त्र, आचार्य स्वामी विवेकानंद के सिद्धांत, ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद, तंत्र शास्त्र और भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण पहलुओं का गहन अध्ययन छात्रों को कराया जाएगा।

पाठ्यक्रम की संरचना

दून विश्वविद्यालय में शुरू होने वाले हिन्दू अध्ययन के इस MA कोर्स में विभिन्न विषयों का समावेश किया जाएगा। पाठ्यक्रम में रामायण, महाभारत, वेद, वेदांत, संस्कृत साहित्य, ग्यान मिमांसा, हिन्दू दर्शन, तात्त्विक शास्त्र, कलादर्शन, हिन्दू साहित्य, हिन्दू संगीत, प्राचीन रसायनशास्त्र, और नाट्यशास्त्र के बारे में गहन जानकारी दी जाएगी। छात्रों को हिन्दू धर्म की गहरी समझ के साथ-साथ इस धर्म के विभिन्न पहलुओं जैसे आचार्य तात्त्विकता, हिन्दू साहित्य का इतिहास, कला और संस्कृति की परंपराएं, और हिन्दू धर्म के सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पक्षों का अध्ययन कराया जाएगा।

शिक्षक और संसाधन की चुनौती

चूंकि यह पाठ्यक्रम एक नया प्रयास है, इसलिए दून विश्वविद्यालय को इस विषय के प्रशिक्षित और योग्य शिक्षकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। BHU और DU जैसे प्रमुख विश्वविद्यालयों में हिन्दू अध्ययन के प्रशिक्षित शिक्षक उपलब्ध हैं, और दून विश्वविद्यालय उन विश्वविद्यालयों से प्रशिक्षित शिक्षकों को बुलाने के प्रयास कर रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मुद्दे पर काम शुरू किया है और दावा किया है कि जल्द ही विभाग में सीटों की संख्या और शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

दून विश्वविद्यालय का योगदान और रोजगार के अवसर

दून विश्वविद्यालय का हिन्दू अध्ययन विभाग न केवल भारतीय संस्कृति और धर्म के अध्ययन में योगदान देगा, बल्कि यह छात्रों को रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा। इस पाठ्यक्रम के तहत पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्र धार्मिक उपदेशक, हिन्दू मार्गदर्शक, शोधकर्ता, प्रोफेसर, हिन्दू धर्म के विद्वान और आध्यात्मिक गुरु के रूप में कार्य कर सकेंगे। इसके अलावा, छात्रों के लिए विदेशी बाजार में भी अवसर उपलब्ध होंगे, क्योंकि वैश्विक स्तर पर हिन्दू धर्म, भारतीय संस्कृति और वेदों के अध्ययन में रुचि बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का समर्थन

इस परियोजना को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का पूरा समर्थन प्राप्त है। मुख्यमंत्री धामी के प्रयासों के कारण ही इस विभाग की स्थापना की प्रक्रिया को तेज किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस महत्वपूर्ण कदम को राज्य के छात्रों के लिए एक नया अवसर बताया है। उनके अनुसार, हिन्दू अध्ययन का पाठ्यक्रम छात्रों को न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से समृद्ध करेगा, बल्कि उन्हें उच्च शिक्षा और रोजगार के नए अवसरों से भी जोड़ने में मदद करेगा।

भारत के भविष्य में हिन्दू अध्ययन का महत्व

हिन्दू अध्ययन केवल धर्म से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, इतिहास, दर्शन और कला का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल छात्रों को हिन्दू धर्म के मूल सिद्धांतों की समझ प्रदान करेगा, बल्कि भारतीय समाज की जड़ों से जुड़ी सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित करेगा। दून विश्वविद्यालय के इस पाठ्यक्रम की शुरुआत भारतीय उच्च शिक्षा के लिए एक ऐतिहासिक कदम हो सकती है, जो देश और विदेश में भारतीय संस्कृति और धर्म के महत्व को और बढ़ाएगा।

दून विश्वविद्यालय का हिन्दू अध्ययन में MA पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पाठ्यक्रम न केवल छात्रों को गहरे धार्मिक और सांस्कृतिक ज्ञान से संपन्न करेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा। हिन्दू धर्म, संस्कृति और दर्शन के अध्ययन के लिए यह एक महत्वपूर्ण मंच बनेगा, जो न केवल भारतीय समाज के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारतीय संस्कृति के महत्व को भी बढ़ाएगा।

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