Delhi सरकार का नया नियम, अब वित्तीय धोखाधड़ी करने वालों की संपत्ति होगी जब्त

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Delhi सरकार अब चिट फंड और उच्च रिटर्न निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई कर सकेगी। मुख्यमंत्री आतिशी की अगुवाई में दिल्ली सरकार ने धोखाधड़ी वाली वित्तीय योजनाओं को रोकने के लिए नए नियम बनाए हैं। इस मामले में एक प्रस्ताव तैयार किया गया है।

वित्तीय धोखाधड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई

इस प्रस्ताव में उन फर्जी योजनाओं से लोगों को बचाने के लिए नियम शामिल किए गए हैं, जो झूठे वादों और बड़े निवेश के नाम पर लोगों का पैसा हड़पती हैं। अब सरकार को ऐसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई करने का अधिकार होगा, जिसमें जांच और संपत्तियों की जब्ती भी शामिल है। इससे दिल्ली सरकार को धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से कार्रवाई करने और पीड़ितों का पैसा वापस दिलवाने में मदद मिलेगी।

पीड़ितों का पैसा वापस दिलवाने का नियम

सरकार को विशेष एजेंसियों को नियुक्त करने का अधिकार भी दिया गया है, ताकि धोखाधड़ी के मामलों की तेजी से जांच की जा सके और संपत्तियां जब्त की जा सकें। पहले सरकार के पास ऐसे मामलों में संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार नहीं था, जिससे कार्रवाई में कठिनाई आती थी। अब, नए नियमों के तहत सरकार को यह अधिकार मिलेगा, जिससे धोखाधड़ी के मामलों में जल्दी और प्रभावी कार्रवाई की जा सकेगी।

धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई

मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि लंबे समय से लोग ऐसे झूठे वादों में फंस रहे थे, जो उन्हें भारी लाभ देने का दावा करते हैं, लेकिन अंत में लोग ही नुकसान उठाते हैं। धोखाधड़ी करने वाले निर्दोष लोगों को धोखा देते हैं, और पहले उचित कार्रवाई नहीं हो पाती थी। नए नियमों के जरिए दिल्ली सरकार ऐसे धोखाधड़ी करने वालों पर कड़ी नजर रखेगी और आवश्यक कार्रवाई करेगी।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का यह कदम वित्तीय लेन-देन को साफ-सुथरा रखने और नागरिकों का विश्वास बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। नए नियमों से धोखाधड़ी वाली योजनाओं का खात्मा होगा और एक सुरक्षित वित्तीय वातावरण तैयार होगा, खासकर उन छोटे समूहों के लिए जो ईमानदारी से काम कर रहे हैं।

बड़े जमा पर होगी निगरानी

नई नियमों के तहत, दिल्ली सरकार ने स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के लिए एक सीमा तय की है, ताकि उनके काम में कोई रुकावट न हो। अब किसी भी सदस्य द्वारा महीने में 50 हजार रुपये तक का योगदान और सालाना पांच लाख रुपये तक का योगदान नियमों से बाहर रहेगा।

इस प्रकार छोटे और असली समूहों की गतिविधियां जारी रहेंगी और सरकार बड़े जमा पर नजर रखेगी। इस सीमा से उनका काम प्रभावित नहीं होगा, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इसका दुरुपयोग न हो।

धोखाधड़ी रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम

दिल्ली सरकार के इस नए कदम से धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी और उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकेगी जो नागरिकों को छलने की कोशिश करते हैं। इस कदम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता बनी रहे और जो लोग असल में मेहनत करके काम कर रहे हैं, उन्हें धोखाधड़ी से बचाया जा सके।

दिल्ली सरकार की यह पहल दिल्लीवासियों के लिए एक सुरक्षित और धोखाधड़ी-मुक्त वित्तीय वातावरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार ने यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है कि सभी नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा मिले और कोई भी धोखाधड़ी करने वाला अपने कर्मों से बचकर न जा सके।

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