Delhi elections: आगामी विधानसभा चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) में कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच बढ़ती दरार पार्टी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। वहीं, पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल इस समस्या को हल करने में जुटे हुए हैं। वे पार्टी के महत्वपूर्ण कार्यकर्ताओं, पार्षदों और विधायकों से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात कर उनके असंतोष को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। केजरीवाल उन्हें अपने घर बुलाकर उनसे बातचीत कर रहे हैं, और यदि आवश्यक हो तो स्वयं उनके घर भी जा रहे हैं।
केजरीवाल ने पार्टी की बैठकों में यह संदेश दिया है कि जो लोग आपस में झगड़ा करना चाहते हैं, वे चुनाव के बाद ऐसा करें, लेकिन फिलहाल चुनाव पर ध्यान केंद्रित करें। उनके इस निर्देश से साफ है कि वे हर सीट पर मजबूती से चुनाव लड़ने के मूड में हैं।
क्यों परेशान है आम आदमी पार्टी?
दिल्ली का यह विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है। दो बार बहुमत से चुनाव जीत चुकी AAP इस बार असमंजस में है। पार्टी नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसमें खुद पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी अछूते नहीं हैं। केजरीवाल को हाल ही में तिहाड़ जेल में लगभग 177 दिनों (लगभग 6 महीने) तक रहने के बाद जमानत पर रिहा किया गया है। इन सब कारणों से इस बार AAP के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण हो गई है और पार्टी में अंदरूनी विवाद ने चुनाव में जीत की संभावना पर खतरा पैदा कर दिया है।
AAP की तैयारियां – गोपाल राय की प्रेस कॉन्फ्रेंस
AAP के दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनावों को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि पार्टी ने जनता तक सरकार के कार्यों की जानकारी पहुंचाने के लिए अभियान शुरू किया है।
इस अभियान के तहत AAP के विधायकों ने अपनी विधानसभा क्षेत्रों में किए गए कार्यों को जनता के सामने रखा। इसके अलावा, हर बूथ पर बूथ समितियों के गठन का कार्य पूरा कर लिया गया है ताकि चुनावी अभियान को जमीनी स्तर पर मजबूती से संचालित किया जा सके। सभी विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी नेताओं ने पदयात्रा की है, और अब अरविंद केजरीवाल इस अभियान का दूसरा चरण शुरू करने जा रहे हैं।
जिले स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलन
AAP अब अगले चरण में 11 नवंबर से जिला कार्यकर्ता सम्मेलन शुरू करने जा रही है। पार्टी ने दिल्ली में 14 जिलों का गठन किया है, जिसमें प्रत्येक जिले में पांच विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इन सम्मेलनों का आयोजन हर जिले में किया जाएगा, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल उपस्थित रहेंगे। इन सम्मेलनों में कार्यालय पदाधिकारियों को शपथ दिलाई जाएगी और उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में जीत के लिए लक्ष्य दिए जाएंगे। इस अभियान की शुरुआत किराड़ी विधानसभा क्षेत्र से होगी।
आम आदमी पार्टी की बड़ी तैयारियां
AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल इस बार चुनाव को लेकर पूरी तरह से सक्रिय हैं। पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच किसी भी प्रकार की गलतफहमी या मतभेद को दूर करने का काम वे खुद कर रहे हैं। चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए केजरीवाल हर संभव प्रयास कर रहे हैं, जिसमें जमीनी स्तर पर बूथ समितियों का गठन और जिलास्तरीय सम्मेलनों का आयोजन भी शामिल है।
केजरीवाल यह संदेश देना चाहते हैं कि पार्टी के सभी सदस्य एकजुट होकर काम करें और व्यक्तिगत विवादों को फिलहाल स्थगित कर दें। चुनाव के बाद यदि किसी को शिकायत है तो उस पर विचार किया जाएगा, लेकिन इस समय पार्टी का मुख्य लक्ष्य चुनावी जीत है।
क्या हो सकते हैं पार्टी के लिए नुकसान?
अगर पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच दरार को समय रहते दूर नहीं किया गया तो इससे चुनावी नतीजों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, पार्टी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों ने जनता के बीच उसकी छवि को भी प्रभावित किया है। कई लोग अब पार्टी की नीतियों और उसकी पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में AAP के लिए जरूरी है कि वह अपने आंतरिक विवादों को जल्द से जल्द सुलझाए और चुनावी अभियान में पूरी ताकत से जुटे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए एक कड़ी परीक्षा साबित हो सकता है। अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम के सामने पार्टी की छवि को सुधारने और कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने की बड़ी चुनौती है। अब देखना यह होगा कि पार्टी अपने अंदरूनी विवादों को कैसे हल करती है और क्या अरविंद केजरीवाल अपने रणनीतिक प्रयासों से पार्टी को इस मुश्किल समय से बाहर निकाल पाते हैं।