Uttarakhand: अल्मोड़ा, उत्तराखंड में बस गहरी खाई में गिरी; 7 की मौत
Uttarakhand: सोमवार सुबह एक बड़ा बस हादसा हुआ जिसमें रानीखेत जा रही एक बस गहरी खाई में गिर गई। यह दुर्घटना कूपी गांव के निकट, मारचूला , अल्मोड़ा जिले के सॉल्ट तहसील में हुई। जानकारी के अनुसार, जिस खाई में बस गिरी वह 100 मीटर से अधिक गहरी है।
हादसे में हुई मौतें और घायल
इस हादसे में 7 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि बस में कुल 40 यात्री सवार थे। स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। रामनगर और अल्मोड़ा से एम्बुलेंस घटनास्थल की ओर रवाना हो गई हैं। घायल यात्रियों का उपचार रामनगर और सुशीला तिवारी अस्पताल में किया जा रहा है।
घटना की जानकारी
सोमवार सुबह, बस रामनगर से रानीखेत जा रही थी। मारचूला के पास पहुंचने पर बस अचानक नियंत्रण से बाहर हो गई और गहरी खाई में गिर गई। जिला मजिस्ट्रेट आलोक कुमार पांडे ने बताया कि एम्बुलेंस घटनास्थल पर भेजी गई हैं और एसडीएम तथा पुलिस कर्मी भी वहां पहुंचे हैं। राहत और बचाव कार्य तेज गति से चल रहा है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, पांच यात्रियों की मौत हो गई है, जबकि सही संख्या राहत कार्य के पूरा होने के बाद ही स्पष्ट होगी।
दीवाली के बाद की स्थिति
इस बीच, कोटद्वार में दीवाली के बाद प्रवासियों का लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है, जिसके चलते दिल्ली, देहरादून, गुड़गांव और अन्य मैदानी क्षेत्रों की ओर जाने वाले यात्रियों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है। यात्री अपने-अपने गांवों में दीवाली का त्योहार मनाने के लिए आए थे और अब लौट रहे हैं।
बसों की बढ़ती मांग
कोटद्वार में, यात्रियों की भारी संख्या के कारण अतिरिक्त बसें चलाने की तैयारी की जा रही है। रविवार को, यात्रियों के बीच सीट पाने के लिए खासी भीड़ देखी गई। यात्रियों को यहां से दिल्ली, देहरादून, गुड़गांव और अन्य स्थानों की यात्रा करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
बड़ी संख्या में यात्री पहाड़ियों से कोटद्वार लौट रहे थे। यात्रियों को बस स्टेशन से बसों में बैठने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था। कई यात्री अपनी सामान खिड़कियों के जरिए सीटों पर रखने का प्रयास करते हुए देखे गए। परिवार के साथ यात्रा करने वाले लोगों को सबसे अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
निजी वाहनों की बुकिंग
कुछ यात्रियों को यात्रा के लिए निजी वाहन बुक करने की आवश्यकता पड़ी, क्योंकि बसों में जगह नहीं मिल रही थी। हालांकि, उत्तर प्रदेश की बसों ने कई रूटों पर यात्रा करने वाले यात्रियों को राहत प्रदान की। देहरादून के लिए भी यात्रियों की एक बड़ी भीड़ देखी गई। यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखकर मैक्स चालकों के चेहरे खिल उठे।
राहत और बचाव कार्य की स्थिति
घटना के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य को प्राथमिकता दी। अल्मोड़ा जिले की पुलिस और प्रशासन ने घटनास्थल पर पहुंचकर लोगों को बचाने का कार्य शुरू किया। घायलों को निकटतम अस्पतालों में भर्ती किया गया।
अल्मोड़ा जिले की कठिन भौगोलिक स्थिति के कारण राहत कार्य में बाधाएं उत्पन्न हुईं, लेकिन स्थानीय लोग और पुलिस की टीमें मिलकर इसे संभव बनाने के लिए काम कर रही हैं।
मृतकों की पहचान
अभी तक मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने पीड़ितों के परिवारों से संपर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। घटना ने स्थानीय समुदाय में शोक की लहर दौड़ा दी है, और मृतकों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया गया है।
यातायात व्यवस्था में सुधार
इस हादसे के बाद यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए भी कदम उठाने की जरूरत महसूस की जा रही है। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, स्थानीय प्रशासन ने बसों की स्थिति और सड़क की सुरक्षा को जांचने का निर्णय लिया है।
आगामी दिनों में, दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को और सख्त किया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हों।
अल्मोड़ा में हुए इस दर्दनाक हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। सरकार और प्रशासन ने राहत कार्यों में तेजी लाते हुए घायलों को शीघ्र उपचार उपलब्ध कराने की कोशिश की है। यात्रियों की सुरक्षा और सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। हम सभी को इस हादसे से सीख लेकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है, ताकि हम आने वाले समय में ऐसी घटनाओं से बच सकें।