Devprayag के पवित्र संगम स्थल से देश की पहली महिला सैन्य नौकायन अभियान ‘ऑल वुमन गंगा रिवर कैम्पेन 2024′ की शुरुआत शनिवार को की गई। BSF महिला विंग और नमामि गंगे के इस संयुक्त 53 दिवसीय अभियान को BSF के आईजी राजा बाबू ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर गंगा की स्वच्छता, निर्बाध प्रवाह और महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया गया। अभियान की शुरुआत से पहले आईजी द्वारा यहां 11 बालिकाओं का पूजन भी किया गया, जो अभियान की सफलता और पवित्र गंगा के सम्मान के प्रतीक के रूप में था।
महिला शक्तिकरण की पहचान
BSF आईजी राजा बाबू ने कहा कि यह देश का पहला महिला सैन्य दल है, जो इस तरह के साहसिक कार्यक्रम का हिस्सा बना है। BSF के 20 महिला जवान इस अभियान में भाग ले रही हैं, जो महिलाओं के सशक्तिकरण की पहचान को देशभर में स्थापित करेंगी। अभियान के लिए इन सभी महिलाओं ने छह सप्ताह की विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है ताकि वे कठिनाइयों का सामना करते हुए अभियान को सफल बना सकें।
इस अभियान के माध्यम से गंगा की स्वच्छता और उसकी पवित्रता बनाए रखने का संकल्प लिया गया है। IG ने यह भी बताया कि वर्ष 2015 में आईटीबीपी ने भी देवप्रयाग से राफ्टिंग अभियान की शुरुआत की थी, और आज उन्हें BSF की महिलाओं द्वारा संचालित इस पहले राफ्टिंग अभियान को शुरू करने का अवसर मिला।
कड़ी ट्रेनिंग के बाद चुनी गई महिला जवान
नौकायन अभियान का नेतृत्व कर रहीं BSF सब इंस्पेक्टर प्रिया मीना ने बताया कि देश की सीमाओं पर तैनात BSF की 20 महिलाओं को इस अभियान के लिए कठोर प्रशिक्षण के बाद चयनित किया गया है। अभियान के दौरान यह टीम दो राफ्ट्स में सवार होकर गंगा किनारे के 43 शहरों से होकर गुजरेगी और इस यात्रा के माध्यम से स्वच्छ गंगा और निर्बाध प्रवाह का संदेश जन-जन तक पहुँचाएगी।
इस यात्रा के दौरान ये महिला जवान स्थानीय निवासियों, खासकर बच्चों और युवाओं को गंगा की स्वच्छता के महत्व को समझाएंगी और उन्हें पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करेंगी। यह संदेश दिया जाएगा कि गंगा नदी न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह जीवनदायिनी है, जिसे स्वच्छ और सुरक्षित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।
अभियान के प्रमुख बिंदु और सुरक्षा व्यवस्था
इस महिला अभियान का समापन 24 दिसंबर को गंगासागर में होगा। अभियान के दौरान सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा और BSF के डिप्टी कमांडेंट मनोज सुंदरियाल के नेतृत्व में एक टीम सुरक्षा का कार्य संभालेगी।
अभियान के शुभारंभ के अवसर पर श्री रघुनाथ परिसर के छात्रों द्वारा स्वस्ति वाचन भी किया गया, जो अभियान की सफलता और सुरक्षा की प्रार्थना के प्रतीक रूप में आयोजित किया गया था।
अभियान की यात्रा और संदेश
अभियान की यात्रा देवप्रयाग से शुरू होकर गंगा के 2500 किलोमीटर लंबे पथ पर आगे बढ़ेगी। इस यात्रा के दौरान BSF की महिलाएं कई धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों से होकर गुजरेंगी, जिससे उन्हें भारत की सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं का गहराई से अनुभव मिलेगा। इसके साथ ही अभियान का मुख्य उद्देश्य गंगा की स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करना है।
इस अभियान में स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण और साहसिक खेलों का संगम देखने को मिलता है, जो अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा। महिलाएं यह संदेश देने में सफल होंगी कि कठिन परिस्थितियों में भी महिलाएं अपने साहस और संकल्प के साथ आगे बढ़ सकती हैं और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं।
गंगा स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण
इस अभियान के माध्यम से यह संदेश भी दिया जा रहा है कि महिलाओं को सीमाओं में बांधकर नहीं रखा जा सकता। वे भी साहसिक कार्यों में पुरुषों के समान हिस्सा ले सकती हैं। गंगा की स्वच्छता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए BSF की महिलाएं अपने इस अभियान के जरिए यह साबित कर रही हैं कि समाज की सेवा में महिलाएं अग्रणी भूमिका निभा सकती हैं।
यह पहल एक अनूठा उदाहरण है कि किस प्रकार हमारे देश में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। अभियान के माध्यम से स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ महिलाओं को भी आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने का प्रयास किया गया है।
BSF और नमामि गंगे के इस संयुक्त प्रयास ने देश की महिलाओं को एक नया मंच दिया है, जहां वे अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर सकती हैं और समाज में परिवर्तन का वाहक बन सकती हैं। यह अभियान न केवल गंगा की स्वच्छता के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाएगा, बल्कि महिला सशक्तिकरण का भी संदेश देगा।
इस तरह का साहसिक अभियान महिलाओं के प्रति समाज की सोच में सकारात्मक बदलाव ला सकता है और उन्हें प्रेरित कर सकता है कि वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किसी भी सीमा में बंधी नहीं हैं।