‘Run for Unity’: एकता का प्रतीक और सरदार पटेल की विरासत का सम्मान, अमित शाह ने भारत रत्न को लेकर बताई बड़ी बात
‘Run for Unity’: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को ‘Run for Unity‘ का झंडा दिखाया, जो सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के पहले आयोजित किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की विरासत को कमजोर करने और मिटाने का प्रयास किया गया था। लंबे समय तक उन्हें भारत रत्न से भी वंचित रखा गया। यह दौड़ 31 अक्टूबर को मनाए जाने वाले ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के संदर्भ में आयोजित की गई है, जिसका उद्देश्य देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
अमित शाह ने कहा कि भारत के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल की दूरदर्शिता और तीक्ष्ण बुद्धिमत्ता के कारण 550 से अधिक रियासतें भारत संघ में विलीन हो गईं। उन्होंने यह भी बताया कि पटेल के प्रयासों के कारण लक्षद्वीप, जुनागढ़, हैदराबाद और अन्य रियासतें भारत का हिस्सा बनीं। शाह ने कहा, “देश अब एकजुट है। लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को पूरी तरह विकसित देश बनाने के सपने को पूरा करने के लिए समर्पित हैं।”
भारत रत्न से वंचित
गृह मंत्री ने कहा, “सरदार पटेल की विरासत को मिटाने का प्रयास किया गया। उन्हें लंबे समय तक भारत रत्न से वंचित रखा गया।” हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के केवडिया में पटेल की सबसे ऊँची प्रतिमा स्थापित की है, जिससे उनके प्रति उचित सम्मान व्यक्त किया गया। यह उल्लेखनीय है कि सरदार पटेल को 1991 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, जो उनके निधन के 41 साल बाद का मामला है।
दीपावली और एकता का पर्व
अमित शाह ने बताया कि इस वर्ष ‘Run for Unity’ को दीपावली के पहले आयोजित किया गया, क्योंकि 31 अक्टूबर को धनतेरस भी मनाया जाता है। उन्होंने कहा, “इस साल यह दौड़ धनतेरस के इस शुभ अवसर पर आयोजित की जा रही है।” यह कार्यक्रम 2014 से ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है, जो सरदार पटेल के योगदान को याद करने के साथ-साथ एकता और अखंडता की भावना को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।
सरदार पटेल का योगदान
सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को नाडियाद, गुजरात में हुआ। वे भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री बने। उनका योगदान आजादी के बाद भारत को एकीकृत करने में अहम रहा। उनकी कड़ी मेहनत के कारण ही 550 से अधिक रियासतें भारत संघ में सम्मिलित हो सकीं। उनके द्वारा किए गए प्रयासों ने भारत को एक मजबूत और एकीकृत राष्ट्र के रूप में स्थापित किया।
राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व
‘Run for Unity’ का आयोजन केवल एक दौड़ नहीं है, बल्कि यह देशवासियों को एकता के लिए प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह कार्यक्रम हर वर्ष सरदार पटेल की जयंती पर मनाया जाता है, जिससे नई पीढ़ी को उनकी विरासत के बारे में जानकारी मिल सके और देश की एकता को सुदृढ़ किया जा सके।
सरदार पटेल की 150वीं जयंती का समारोह
पिछले सप्ताह, अमित शाह ने यह भी घोषणा की थी कि सरकार सरदार पटेल की 150वीं जयंती को 2024 से 2026 तक एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में मनाएगी। यह कार्यक्रम उनके योगदान को मान्यता देने के लिए होगा, जिसमें विभिन्न गतिविधियाँ और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस तरह की पहलों से सरदार पटेल की महत्वता को और भी उजागर किया जाएगा।
सरदार पटेल का आदर्श
सरदार पटेल का जीवन और उनका कार्य हमें यह सिखाता है कि देश की एकता और अखंडता के लिए किस प्रकार की निष्ठा और दृढ़ता की आवश्यकता होती है। उन्होंने अपने समय में ऐसे अनेक निर्णय लिए जो देश के हित में थे। उनके दृष्टिकोण ने न केवल भारत को एकीकृत किया, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे एक नेता को अपने राष्ट्र के लिए सर्वस्व अर्पित करना चाहिए।
आगे की दिशा
सरदार पटेल की जयंती पर आयोजित ‘Run for Unity’ न केवल उनके प्रति श्रद्धांजलि है, बल्कि यह उन मूल्यों को भी उजागर करती है, जिन्हें हमें अपनी दिनचर्या में अपनाना चाहिए। एकता, अखंडता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने के लिए यह दौड़ प्रेरणा का एक स्रोत है।
इस प्रकार, ‘Run for Unity’ और ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के कार्यक्रम हमें सिखाते हैं कि एकता में ही शक्ति है। देशवासियों को चाहिए कि वे सरदार पटेल की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए कटिबद्ध रहें और देश को एकजुट रखने के लिए अपने प्रयास जारी रखें।
इस प्रकार, ‘Run for Unity’ का आयोजन सरदार पटेल की 148वीं जयंती के उपलक्ष्य में किया गया है, जिससे हमें उनके योगदान का स्मरण कराते हुए देश की एकता और अखंडता को सुदृढ़ करने की प्रेरणा मिलती है। 31 अक्टूबर को हर साल ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ मनाने का उद्देश्य हमें एकजुट रहने का संकल्प दिलाना है।