Lalkuan : रविवार को लालकुआं विधायक मोहन बिष्ट के कार्यक्रम में पहुंचने पर ग्रामीणों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। यह घटना तब हुई जब चोरगलिया पशु चिकित्सालय से एक वैक्सीनेटर की हटाए जाने के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने विधायक को घेर लिया। विधायक जब शोरगुल के बीच कार्यक्रम से निकलने लगे, तो ग्रामीणों ने उनके वाहन के सामने लेटकर विरोध प्रदर्शन किया। करीब तीन घंटे तक यह हंगामा जारी रहा। अंततः पुलिस ने किसी तरह विधायक को भीड़ से बाहर निकालकर लालकुआं भेजा।
समस्या का कारण
ग्रामीणों का कहना है कि उनका मुख्य आजीविका का स्रोत कृषि और पशुपालन है। चोरगलिया में केवल एक ही वैक्सीनेटर , भुवन चंद्र पंत, नियुक्त थे, जो गायों के उपचार के साथ-साथ कृत्रिम गर्भाधान का कार्य कर रहे थे। हाल ही में, एक परिवार ने विधायक को शिकायत की थी कि भुवन पंत ने WhatsApp और Facebook पर एक पोस्ट किया था, जिसके बाद वैक्सीनेटर को लालकुआं स्थानांतरित कर दिया गया। ग्रामीणों ने विधायक से उन्हें वापस बुलाने की मांग की, लेकिन विधायक ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया।
कार्यक्रम में हंगामा
जब विधायक ने रविवार को दूध संघ के बोनस वितरण कार्यक्रम में भाग लिया, तब ग्रामीणों को उनकी उपस्थिति की पहले से जानकारी थी। गांव के सैकड़ों गुस्साए निवासी ट्रैक्टर-ट्रॉली में कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। जैसे ही विधायक कार्यक्रम में पहुंचे, ग्रामीणों ने वैक्सीनेटर को वापस लाने की मांग करना शुरू कर दिया। विधायक ने इसके लिए कोई आश्वासन नहीं दिया, जिससे ग्रामीणों में रोष उत्पन्न हो गया और उन्होंने “मर्दाबाद” के नारे लगाने शुरू कर दिए।
पुलिस की तैयारियां
पुलिस को पहले से इस विरोध प्रदर्शन की जानकारी थी और इसलिए कार्यक्रम स्थल पर पहले से ही पुलिस तैनात की गई थी। लेकिन जब ग्रामीणों की संख्या बढ़ गई और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई, तो पुलिस को अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा। ग्रामीणों की संख्या 200 से अधिक थी, जिसमें महिलाओं और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी भागीदारी थी।
विधायक का बयान
विधायक मोहन बिष्ट ने कहा, “मुझे कार्यक्रम में आने से पहले इसकी सूचना दी गई थी, लेकिन मैं यहां पहुंचा। कार्यक्रम के दौरान मुझे कुछ लोगों ने नारेबाजी की। मैंने उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी बात नहीं रख सके। जब विरोध बढ़ा, तो मुझे वापस लौटना पड़ा।”
विरोध का परिणाम
ग्रामीणों ने जोर देकर कहा कि यदि उनका वैक्सीनेटर वापस नहीं आया, तो वे और अधिक उग्र विरोध प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यह उनकी आजीविका का मामला है और वे इसे हल्के में नहीं लेंगे।
स्थानीय नेता और नागरिक
विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले नेताओं में गांव के प्रमुख हेम बजेटा, कमल दुर्गापाल, भुवन पोखरिया, राजू जोशी, नंदन बोर, नितेश बुधानी, सुरेश कोहली, भावना बजेटा, राजेंद्र जंगी, दीपक आर्या और इशु बुधानी शामिल थे। सभी ने एकजुट होकर विधायक के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी बात रखने के लिए विधायक से निवेदन किया।
आगे की कार्रवाई
इस घटना ने स्थानीय प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती पेश की है। ग्रामीणों की मांग को गंभीरता से लेते हुए, स्थानीय नेताओं ने विधायक से मुलाकात करने और इस मुद्दे को सुलझाने का निर्णय लिया है।
लालकुआं विधायक मोहन बिष्ट के खिलाफ हुआ यह विरोध प्रदर्शन स्थानीय राजनीति और ग्रामीण जन मुद्दों के प्रति बढ़ती असंतोष को दर्शाता है। जब तक ग्रामीणों की मांग पूरी नहीं होती, तब तक यह मुद्दा सार्वजनिक चर्चा का विषय बना रहेगा। स्थानीय नेताओं और ग्रामीणों के बीच बातचीत और समाधान की दिशा में प्रयास आवश्यक हैं ताकि भविष्य में इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न न हो।
ग्रामीणों का गुस्सा इस बात का संकेत है कि उन्हें अपने अधिकारों और आजीविका के प्रति गंभीरता से लेना होगा, और नेताओं को भी अपने मतदाता की आवाज़ सुनने की आवश्यकता है।